1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

रिश्तों को तोड़ता व्हाट्सऐप

समीरात्मज मिश्र
१२ सितम्बर २०१८

स्मार्टफोन आज बड़ी जरूरत बन गया है. इसके फायदे और नुकसान पर अक्सर बात होती है. लेकिन अब ये निजी सामाजिक जीवन में भी दरार पैदा करने लगे हैं और इनके उपयोग के चलते शादियां तक टूटने लगी हैं.

WhatsApp Messenger
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Gerten

उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते के भीतर ऐसे दो मामले सामने आए जिनमें व्हाट्सऐप के अतिशय इस्तेमाल ने एक जगह शादी तोड़ दी तो दूसरी जगह इसी वजह से शादी होने ही नहीं पाई.

अमरोहा जिले के नौगवां सादात गांव में एक परिवार ने अपने बेटे की तय की हुई शादी इस वजह से तोड़ दी कि जिस लड़की से शादी होने वाली थी, वह अपना ज्यादातर समय व्हाट्सऐप पर ही गुजारती थी. हालांकि लड़की के परिवार वाले इस आरोप से इनकार कर रहे हैं और उन्होंने शादी टूटने की वजह अधिक दहेज की मांग को बताया है लेकिन लड़का और उसका परिवार अपने आरोप पर अडिग है.

लड़की के पिता उरुज मेंहदी का कहना है, "मैंने अपनी बेटी का निकाह नौगवां सादात कस्बे के ही कमर हैदर के बेटे के साथ तय किया था. पांच सितंबर को लड़की के परिवार वाले बारात के स्वागत का इंतजार कर रहे थे. शाम बीत जाने पर भी बारात नहीं आई तो मैंने अपने भाई को लड़के के घर भेजा. वहां उन लोगों ने लड़की के व्हाट्सऐप चलाने और लड़कों से बात करने की बात कहकर बारात लाने से इनकार कर दिया. लेकिन जब मैंने ऐसा न करने की प्रार्थना की तो उन्होंने दहेज के रूप में मोटी रकम की मांग कर दी, जिसे मैं देने में असमर्थ था.”

उरुज मेंहदी ने कथित तौर पर दहेज मांगने और उसी वजह से शादी तोड़ने के मामले में लड़के के परिवार वालों के खिलाफ रिपोर्ट भी लिखाई है. लेकिन दूल्हा यानी शाने आलम का कहना था, "जब से शादी तय हुई है तभी से हम लोग इस बात को बारीकी से देख रहे हैं कि लड़की हर वक्त व्हाट्सऐप में ही व्यस्त रहती है. यहां तक कि उसे मुझसे बात करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखती थी. इसीलिए सोचा कि जो काम शादी के बाद होना तय है, उससे बेहतर शादी ही न की जाए.”

अमरोहा के पुलिस अधीक्षक विपिन टांडा का कहना है कि उरुज मेंहदी की ओर से शिकायत आई है जिसमें व्हाट्सऐप चलाने और दहेज मांगने, दोनों बातों का जिक्र है, फिलहाल जांच की जा रही है.

वहीं अमरोहा से दो सौ किमी दूर मैनपुरी में भी व्हाट्सऐप एक शादी के टूटने की वजह बन गया. सात जन्मों का साथ निभाने की कसम लेने वाले पति-पत्नी को व्हाट्सऐप ने सिर्फ पांच महीने में ही एक दूसरे से दूर कर दिया.

अंतरिक्ष से भी सोशल मीडिया पर

03:47

This browser does not support the video element.

मैनपुरी के सिरसा गांव के रहने वाले विमलेश कुमार का कहना है कि उनकी पत्नी व्हाट्सऐप पर बहुत ज्यादा चैटिंग करती थी, जो उन्हें अच्छा नहीं लगता था. शुरुआती आपसी झगड़ों के बाद यह मामला पंचायत तक पहुंचा और फिर दोनों ने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला कर लिया.

विमलेश कुमार बताते हैं, "हम दोनों ने लिखित तौर पर अलग होने का फैसला कर लिया. यहां तक कि शादी के वक्त जो लेन-देन हुआ था वो भी वापस कर दिया एक-दूसरे को. इसकी सूचना हमने पुलिस को भी दे दी है.”

विमलेश कुमार की शादी इसी साल अप्रैल में हुई थी. विमलेश का कहना है कि न सिर्फ उसके घर वाले बल्कि उनकी पत्नी के माता-पिता भी उसे इस आदत को छोड़ने के लिए कई बार कह चुके थे लेकिन वो छोड़ने को तैयार नहीं थी. इस मामले में अमरोहा की घटना के विपरीत, लड़की वालों ने लड़के के परिवार पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगाया है बल्कि लड़की की ही गलती बताई है और लड़की भी अपनी गलती को स्वीकार कर रही है, लेकिन उस आदत को छोड़ नहीं पा रही है.

दिल्ली विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र पढ़ाने वाले डॉक्टर सर्वेश कुमार कहते हैं कि सोशल मीडिया न सिर्फ संपर्क और सूचना का सशक्त माध्यम बन रहा है बल्कि सामाजिक रिश्तों को भी नए सिरे से परिभाषित कर रहा है.

105 साल की ब्लॉगर

04:21

This browser does not support the video element.

डॉक्टर सर्वेश कुमार के मुताबिक, "सोशल मीडिया और इंटरनेट ने दुनिया को भले ही छोटा कर दिया है लेकिन दिलों की दूरी बढ़ा दी है, इसमें कोई संदेह नहीं. फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर जैसे टूल्स व्यक्ति को एकाकी बनाते जा रहे हैं. यह प्रवृत्ति शहर और गांव हर समाज में मौजूद है. जब ये आदत, लत में बदल जाती है तो इसके दुष्परिणाम भी वैसे ही दिखने लगते हैं.”

व्हाट्सऐप की वजह से अभी तक सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के तमाम मामले सामने आ रहे थे. पिछले कुछ समय से समाज में ज्यादातर आपसी संघर्ष की वजह व्हाट्सऐप पर कथित तौर पर वायरल हुए ऐसे संदेश या वीडियो ही थे जिनसे किसी वर्ग विशेष की भावनाएं आहत हो रही थीं. यही वजह है कि कई जगह अब पुलिस ने इस बात पर सख्ती दिखाई है कि ऐसे वायरल संदेशों के मामले में ग्रुप एडमिन को ही जिम्मेदार माना जाएगा.

लेकिन व्हाट्सऐप के इस्तेमाल के कारण रिश्ते ही टूट जाएं, ऐसे मामले बिल्कुल नए हैं. जानकारों का कहना है कि इन पर तो किसी तरह की कानूनी रोक लगाना भी संभव नहीं है, क्योंकि ये मामला व्यक्तिगत आदत से जुड़ा है और इस पर निजी तौर पर ही रोका जा सकता है.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें