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समाज

शरणार्थियों के हिस्से ज्यादातर निम्न स्तर के काम

४ फ़रवरी २०१९

जर्मनी में काम करने वालों की कितनी कमी है ये बर्लिन जॉब फेयर से साफ होता है. अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वे शरणार्थियों के लिए रोजगार ढूंढ सकें. मगर बर्लिन जॉब फेयर में ज्यादातर नौकरियां निम्न स्तर की ही हैं.

Deutschland Bundesamt für Migration und Flüchtlinge in Berlin
तस्वीर: Getty Images/S. Gallup

पिछले साल जब मनफ अल मुफ्ता बर्लिन जॉब फेयर में पहुंचे थे तो उनकी आंखों में उम्मीद और जेब में पिछले किए हुए काम का लेखा जोखा था. इस सीरियाई नौजवान के आईटी कौशल ने एक कंपनी का ध्यान भी खींचा. 32 साल के अल मुफ्ता अब इनफाइनाइट सर्विसिज में जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर का काम करते हैं.

एक साल बाद वे फिर से बर्लिन जॉब फेयर पहुंचे ताकि अपने जैसे बाकी शरणार्थियों को प्रोत्साहित कर सके. वे इन शरणार्थियों को बताना चाहते हैं कि वे लोग भी जर्मनी में नई जिंदगी शुरु कर सकते हैं. चौथा बर्लिन जॉब फेयर में पेशेवर और प्रशिक्षित लोग काम तलाशने पहुंचते हैं. यहां शरणार्थी और विदेशी लोग नौकरी खोजने जाते हैं. इसे यूरोप का सबसे बड़ा जॉब मेला माना जाता है जिसमें 180 के करीब कंपनियां और अनगिनत युवा भाग लेते हैं.

इन कंपनियों में कुछ बड़े नाम हैं तो कुछ छोटे संस्थान भी, जो प्रशिक्षण और आगे की पढ़ाई की जानकारी देते हैं. नौकरी ढूंढने वालों में एक सीरिया का नौजवान भी था, जो अप्रेन्टसशिप की तलाश में था. वह 2015 में सीरिया से जान बचाकर बर्लिन भाग आया था और फिलहाल अखबार पहुंचाने का काम करता है. वह कहता है, "यहां पर काम करने के कई मौके हैं."  

जर्मनी की संघीय रोजगार एजेंसी (बीए) के मुताबिक सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, इराक, सोमालिया, नाइजीरिया और एरिट्रिया से जर्मनी आए करीब 3,70,000 शरणार्थियों के पास आज नौकरी है. ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले इस साल एक लाख और बढ़ गया है. इनमें से तीन लाख लोगों के पास फुल टाइम नौकरी है और ये लोग टैक्स और बाकी के सामाजिक योगदान भी करते हैं. वहीं 70 हजार लोगों के पास पार्ट टाइम नौकरियां हैं जिन्हें मिनि जॉब भी कहते हैं. फुल टाइम रोजगार का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, जो 2013 की गर्मियों में सिर्फ 61 हजार का था वह 2017 के मध्य तक 1,57,000 तक पहुंच गया. 2015 की गर्मियों में कई शरणार्थी जर्मनी पहुंचे थे.

बीए के नौकरी केंद्र में छह लाख शरणार्थियों ने नौकरी के लिए रेजिस्ट्रेशन करवाया है. इसका मतलब है कि या तो वे इंटीग्रेशन कोर्स में हैं या फिर बेरोजगार हैं. बीए प्रमुख डेटलेफ शेले का मानना है कि लाखों लोगों को इस साल नौकरी मिल जाएगी क्योंकि जर्मनी में काम करने वाले लोगों की बहुत कमी है. बर्लिन जॉब फेयर में बात करते समय शेले ने कहा कि उनके हिसाब से इस साल के आंकड़े 60 से 70 हजार के बीच में होंगे.

तस्वीर: Getty Images/T. Niedermueller

उन्होंने कहा, "हमको ऐसा लगता है कि हम लोग कई युवा शरणार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भर्ती करने में सफल हो जाएंगे." शेले ने बताया कि शरणार्थियों का इंटीग्रेशन पहले के मुकाबले अब ज्यादा तेजी से हो रहा है क्योंकि लोगों की जर्मन भाषा को समझने की क्षमता सुधर रही है. 2018 में जिन लोगों के पास फुल टाइम नौकरी थी, उनमें से आधे से ज्यादा लोग सफाई या लॉजिस्टिक्स में सहायक का काम करते हैं.

यही बात जॉब फेयर में भी दिखाई दी जहां पर ज्यादातर नौकरियों के लिए ट्रेनिंग की जरुरत नहीं हैं. डायचे पोस्ट छंटाई कर्मचारियों और पार्सल देने वालों की भर्ती कर रहा है. उनके एक प्रतिनिधि ने बताया कि पिछले रोजगार मेले में 180 लोगों को लिया गया था. उनका कहना है कि शरणार्थी "जबर्दस्त प्रेरणा" दिखा रहे हैं. हॉल में एक बोर्ड पर नौकरी के विज्ञापन लगाए जाते हैं. बागवानी सहायक, रेस्तरां सहायक, होटल सहायक और स्वास्थ्य देखभाल सहायक जैसी नौकरियां शामिल हैं.

अल मुफ्ता की कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि ये नौकरियां कौशल वाले काम नहीं माने जाते क्योंकि इनके लिए पहले से काम का अनुभव या प्रशिक्षण होना जरूरी नहीं हैं.

शेले ने माना कि इस समय शरणार्थियों के लिए उपलब्ध सबसे ज्यादा नौकरियां सहायक की हैं. उनका कहना है कि शरणार्थियों को सबसे पहले ये समझना है कि सबसे अहम है काम करना. वे कहते हैं कि "कई शरणार्थी सहायक के काम से शुरुआत करते हैं. इससे उनकी जर्मनी में आने की और काम करने की शुरुआत हो जाती है. किसी को भी सहायक के काम को उपेक्षा से नहीं देखना चाहिए." इसी तरह शरणार्थी महिलाओं को भी काम देने की तैयारी हो रही है. बीए के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल वर्कफोर्स में शामिल हुए लोगों में करीब 87 प्रतिशत केवल पुरुष ही थे.

एनआर/आरपी (डीपीए)

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