जंग के मौदान से जान बचाकर भागना और जिंदगी के लिए नए ठिकाने की तलाश कर वहां भी संघर्ष करते रहना. हैरानी की बात नहीं कि ऐसी जिंदगी बिताने वाले स्किजोफ्रीनिया के तीन गुना ज्यादा खतरे में हैं.
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स्वीडेन में हुई शोध के मुताबिक यूरोपीय मूल के नागरिकों के मुकाबले कठिनाइयों से दो चार हुए शरणार्थियों को मानसिक समस्याओं खासकर स्किजोफ्रीनिया का ज्यादा बड़ा खतरा है. वे ज्यादा बड़ी संख्या में पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर और अवसाद की चपेट में आ सकते हैं. बीएमजे मेडिकल पत्रिका के मुताबिक उन्हें पागलपन और स्किजोफ्रीनिया का भी ज्यादा बड़ा खतरा है.
स्वीडेन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के रिसर्चरों की इस रिपोर्ट के लिए स्वीडेन के राष्ट्रीय रजिस्टर से 13 लाख शरणार्थी किशोरों के आंकड़े लिए गए और उनके 13 साल के सफर का अध्ययन किया गया. सर्वे में शरणार्थियों और आप्रवासियों को शामिल किया गया जो मध्य पूर्व, उत्तर अफ्रीका, उपसहारा अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप या रूस से स्वीडेन आए थे.
रिसर्चरों ने पाया कि स्वीडेन में पैदा हुए 10,000 लोगों में से हर साल स्किजोफ्रीनिया या अन्य मनोरोगों से पीड़ित लोगों की औसत संख्या चार थी. लेकिन ऐसे आप्रवासियों की संख्या 8 और शरणार्थियों की संख्या 12 थी. यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही पाई गई, लेकिन पुरुषों में ज्यादा. स्टडी की मुख्य लेखक कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट की ऐना क्लारा होलैंडर के मुताबिक, "शरणार्थियों में नाटकीय रूप से ज्यादा खतरा यह दिखाता है कि स्किजोफ्रीनिया के लिए जीवन की घटनाएं मुख्य कारण हैं." उत्पीड़न, संघर्ष, प्राकृतिक आपदा जैसी घटनाएं इस तरह के रोगों के खतरे को बढ़ाती हैं.
डिप्रेशन का ज्यादा खतरा किसे
किशोरावस्था में हुआ व्यवहार बहुत हद तक यह निर्धारित करता है कि कोई व्यक्ति आने वाले समय में अवसाद का शिकार हो सकता है या नहीं.
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इंग्लैड के रिसर्चरों के मुताबिक ऐसे युवा डिप्रेशन के ज्यादातर शिकार होते हैं जिनके साथ किशोरावस्था में अच्छा व्यवहार नहीं हुआ हो. बीएमजे पत्रिका में छपी रिपोर्ट के मुताबिक किशोरावस्था में प्रताड़ित हुए लोगों को अक्सर बाद में ज्यादा भुगतना पड़ता है.
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वे लोग जिन्हें किशोरावस्था में किसी प्रिय सामान के खो जाने, उनके बारे में झूठ फैलाए जाने, मारपीट या ब्लैकमेल जैसी घटनाओं से गुजरना पड़ता है, उनकी अवसाद का शिकार होने की ज्यादा संभावना होती है.
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इस रिसर्च में करीब 4000 लोगों से 13 साल की उम्र में एक प्रश्नपत्र भरवाया गया. पांच साल बाद उनका अवसाद के लिए टेस्ट किया गया. रिसर्चरों ने पाया कम से कम हर हफ्ते प्रताड़ित किये जाने वाले 683 लोगों में से 15 फीसदी 18 साल की उम्र में अवसाद ग्रसित थे.
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युवावस्था में अवसाद के कई कारण हो सकते हैं. इनमें पारिवारिक समस्याएं, किसी तरह का नुकसान, मारपीट भी शामिल हैं.
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रिसर्चरों ने पाया कि प्रताड़ना के खिलाफ स्कूलों में चलाए जा रहे कार्यक्रम खास कारगर नहीं हैं. उनके मुताबिक किशोरावस्था में बच्चों को इस तरह के अनुभवों से जितना ज्यादा बचाया जा सके, बेहतर है.
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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेम्स कर्कब्राइड ने कहा, "हम जानते हैं कि शरणार्थी खतरों से निपटने के लिए अति संवेदनशील होते हैं. वे अपने जीवन में कई सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं से गुजरते हैं." उन्होंने कहा कि यह रिसर्च विशेष मदद की जरूरत को उजागर करती है. इस खतरे से जूझ रहे लोगों के लिए मानक चिकित्सकीय जांच के साथ मानसिक स्वास्थ्य की जांच की व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए.
स्किजोफ्रीनिया मानसिक बीमारी है. इसके सामान्य लक्षणों के अंतर्गत मरीज को उन चीजों के होने का आभास होता है जो वास्तव में हैं नहीं. उन्हें भ्रम और डर लगने की शिकायत रहती है. यह बीमारी जेनेटिक या सामाजिक परिस्थितियों के कारण हो सकती है.
एसएफ/एमजे (एएफपी)
कैसा है आपका व्यक्तित्व
आप अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं या बहिर्मुखी, इस बात का पता आप खुद कुछ सवालों का जवाब देकर कर सकते हैं. जवाबों के अंत में जानें किस तरह का है आपका व्यक्तित्व.
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लोगों के साथ
अगर आप बहुत सारे लोगों के साथ इकट्ठा बात करने में सहज महसूस करते हैं तो खुद को ए दीजिए, अगर आप किसी एक व्यक्ति पर ध्यान देकर बात करना चाहते हैं तो खुद को बी दीजिए.
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समस्याओं को सुलझाना
अगर आपके सामने कोई समस्या हो तो आप क्या करते हैं? पूरी समस्या को एक साथ देखते हैं तो खुद को ए दीजिए और अगर हर एक पहलू पर बारीकी में झांकने की कोशिश करते हैं तो खुद को बी दीजिए.
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ऊर्जा स्तर
बहुत सारे लोगों से मिलने से आपको अगर खुशी होती है और आप पार्टी करना पसंद करते हैं तो खुद को ए दीजिए, लेकिन अगर भीड़ में आप बहुत जल्दी थक जाते हैं और समय अकेले बिताना पसंद करते हैं तो खुद को बी दीजिए.
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ध्यान का केंद्र
क्या आपको दूसरों से मिल रही तवज्जो अच्छी लगती है? अगर हां तो खुद को ए दीजिए और अगर आप दूसरों के ध्यान के केंद्र में होने या इस तरह की तवज्जो से बचना पसंद करते हैं तो खुद को बी दीजिए.
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योजना बनाना
किसी यात्रा पर जाने या किसी अन्य कार्य के बारे में आप योजना कैसे बनाते हैं? अगर आप ये काम बेहद बारीकी से करते हैं तो खुद को बी दीजिए और अगर आपके प्लान आकस्मिक होते हैं तो खुद को ए दीजिए.
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बातचीत
क्या आपको चिंता होती है कि आपके खामोश होने से आपसे बात कर रहा व्यक्ति असहज महसूस करेगा? खुद को बी दीजिए. अगर ऐसा नहीं है तो खुद को बिना सोचे समझे ए दीजिए.
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आपका व्यक्तित्व
अगर 6 में से आपके ज्यादातर जवाब ए हैं तो आप बहिर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं. और अगर जवाब में बी ज्यादा है तो आप अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले हैं. लेकिन अगर दोनों तरह के जवाब बराबर हैं तो आपके व्यक्तित्व में दोनों ही तरह की खूबियां मौजूद हैं.