शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया है कि यूरोपीय नेताओं ने यूरोपीय संघ और तुर्की के बीच वार्ता में हुई सहमति को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है, जिसे यूरोपीय संघ के प्रमुख डोनाल्ड टुस्क ने तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू से बातचीत के बाद पेश किया.
इस संधि में यह प्रावधान है कि ग्रीस में आने वाले नए अनियमित शरणार्थियों को वापस तुर्की भेजा जा सकेगा. यह प्रक्रिया इसी रविवार 20 मार्च से शुरू हो जाएगी. अब तक कहा जा रहा था कि जल्द ही अनियमित शरणार्थियों की वापसी शुरू हो सकेगी. तुर्की के एक अधिकारी ने कहा है कि ग्रीस से शरणार्थियों की वापसी 4 अप्रैल से शुरू होगी.
शिखर भेंट के अंत के लिए तैयार समापन बयान के अनुसार यूरोपीय संघ ने तुर्की से 72000 सीरियाई शरणार्थियों को कानूनी रूप से लेने का आश्वासन दिया है. यदि यह संख्या बढ़ती है तो इस प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा.
फिनलैंड की प्रधानमंत्री जूहा सिपिला ने शिखर भेंट से ट्वीट किया कि शरणार्थी संकट के समाधान पर संधि पर सहमति हो गई और प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई.
यूरोपीय संघ के एक प्रमुख प्रतिनिधि ने कहा कि तुर्की ने संधि के अंतिम मसौदे को सहमति दे दी थी. इसमें यह भी तय किया गया है कि तुर्की के साथ ईयू सदस्यता वार्ता के तहत जून के अंत तक सरकारी बजट और दूसरे वित्तीय संसाधनों पर बातचीत शुरू होगी. सदस्यता वार्ता के इस हिस्से पर ईयू के सदस्य साइप्रस को वीटो का अधिकार नहीं है. ईयू के प्रतिनिधि एक हफ्ते के अंदर उन परियोजनाओं की सूची बनाएंगे जिनके लिए तुर्की को शरणार्थियों की सहायता के सिलसिले में वित्तीय मदद दी जाएगी.
एमजे/एसएफ (डीपीए, रॉयटर्स)
तुर्की से ग्रीस होकर यूरोप में घुस रहे शरणार्थी जगह जगह फंसे हुए हैं. ग्रीक मेसेडोनिया सीमा पर इडोमेनी में शरणार्थी अमानवीय हालत में दिन काट रहे है. बरसात और ठंड में सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Gouliamakiबाल्कान रूट बंद हो गया है. इसका फैसला स्लोवेनिया, सर्बिया और क्रोएशिया ने किया. उत्तरी ग्रीस के इडोमेनी शहर में 10,000 शरणार्थी फंस गए हैं जो अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था के अनुसार कैंप में रहने वाले लोगों में आधे बच्चे हैं.
तस्वीर: Reuters/S. Nenovयुद्ध और विभीषिका से भागकर यूरोप पहुंचना मुश्किल होता जा रहा है. यहां तक कि सीरिया के अपेक्षाकृत शांत दमिश्क, लताकिया और होम्स जैसे इलाकों से आने वाले लोग भी अब सीमा पार नहीं कर सकते. शरणार्थियों से वैध दस्तावेजों की मांग की जा रही है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Dilkoffहंसते मुस्कुराते बच्चों की चमकती आंखें. ऐसे क्षण तब दिखते हैं जब यहां 'विद्रोही जोकर' आते हैं. उनके आते ही सभी उम्र के बच्चे कतार बांध कर खड़े हो जाते हैं. लेकिन ऐसा कब तक चलेगा. युवा शरणार्थी अपनी हालत के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे हैं.
तस्वीर: Getty Images/D. Kitwoodइन बच्चों के लिए न तो स्कूल की व्यवस्था है और न ही किंडरगार्टनों की. दिन भर उनके करने के लिए कुछ नहीं है. साथ ही गंदगी की वजह से महामारियों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. यहां दो बच्चों के लिए घिसा पिटा गद्दा ही उनका प्लेग्राउंड हैं.
तस्वीर: Reuters/M. Djuricaबहुत से शरणार्थियों की जिंदगी रेल की उन पटरियों पर गुजर रही है जो ग्रीस से मेसेडोनिया की ओर जाती है. अक्सर बच्चे पास खड़े डब्बों से हाई वोल्टेज बिजली के खंभों में चढ़ते नजर आते हैं. नतीजा जानलेवा दुर्घटनाओं के रूप में सामने आता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Dilkoffकरीब 36,000 शरणार्थी ग्रीस में फंसे हुए हैं. इडोमेनी उनके लिए दरअसल अंतरिम मुकाम है. वहां न तो ग्रीक अधिकारी हैं और न ही यूरोपीय अधिकारी. शरणार्थियों की न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने की ज्यादातर जिम्मेदारी गैर सरकारी संगठन उठा रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Dilkoffसर्दी की रातों में ठंड से बचने के लिए शरणार्थियों को अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है. लकड़ी के अभाव में वे गर्मी के लिए प्लास्टिक का कचरा जलाते हैं. इससे जहरीला धुंआ निकलता है. अक्सर सांस की तकलीफ के कारण बच्चों का इलाज करना होता है.
तस्वीर: Reuters/M. Djuricaइडोमेनी की बच्चों के लिए एकमात्र उम्मीद है इंतजार. यूरोपीय संघ के देशों ने ग्रीस में फंसे शरणार्थियों की मदद के लिए 70 करोड़ यूरो का इमरजेंसी प्लान बनाया है. ग्रीस का कहना है कि जल्द ही उन्हें 100,000 लोगों की देखभाल करनी होगी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Dolkoffराहत संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने यूरोपीय संघ की योजना की कड़ी निंदा की है. वे अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी नियमों को तुरंत लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं. इसमें यूरोप में वैध रूप से शरण लेने का आवेदन दे सकना भी शामिल है.
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