शरण की चाहत ने फ्लाइट में बैठाया
११ मार्च २०१४मलेशिया के पुलिस प्रमुख तान श्री खालिद तान श्री के मुताबिक इस बात का कोई सुराग नहीं मिला है कि ईरानी छात्र नूर मोहम्मद मेहरदाद किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा था. पुलिस ने बताया कि 19 साल का वह ईरानी युवक शरण पाने के लिए जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर पहुंचना चाहता था. शनिवार को लापता हुए मलेशिया एयरलाइंस के विमान में दो यात्री चुराये गए पासपोर्टों के सहारे चढ़े थे. दूसरे युवक की पहचान भी मेहरदाद के दोस्त और ईरानी नागरिक के रूप में हुई है. दोनों किसी तरह जर्मनी पहुंचना चाहते थे.
उधर विमान का मलबा खोज रहे जांचकर्ताओं को तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है. कुआलालम्पुर से बीजिंग जा रही फ्लाइट एमएच370 में 239 लोग सवार थे. हादसा क्यों हुआ, ये जानने के लिए विमान का मलबा निकलना जरूरी है. विमान को आखिरी बार शनिवार तड़के रडार पर देखा गया था. तब वह मलेशिया के पूर्वी तट और वियतनाम के दक्षिणी तट के बीच में था.
विमान की कमान 33 साल से विमान उड़ा रहे पायलट और 2,800 घंटे का उड़ान अनुभव रखने वाले को-पायलट के हाथ में थी. पायलटों ने किसी भी तरह का आपात संदेश नहीं भेजा लेकिन 11,000 मीटर की ऊंचाई पर विमान अचानक गायब हो गया.
मलेशिया एयरलाइंस के ताजा बयान के मुताबिक अब खोजी दलों का ध्यान मलक्का जलडमरूमध्य पर है. यह जगह विमान के लापता होने वाले बिंदु के दूसरी तरफ है. मलेशियाई वायुसेना के प्रमुख का कहना है कि उनके रडार में जब विमान आखिरी बार आया तो वह यू-टर्न ले रहा था.
10 देशों के 40 विमान और जहाज लापता जहाज का मलबा ढूंढने में लगे हैं. अमेरिकी नौसेना ने दो जहाज भेजे हैं. एक जहाज में हेलीकॉप्टर और विमान भी हैं. अमेरिका का पी-3सी टोही विमान मलबे के छोटे छोटे टुकड़ों को भी खोज सकता है. लेकिन अब तक निराशा ही हाथ लगी है. शनिवार को समंदर में तैरता जो तेल दिखा वो लापता विमान का नहीं निकला. प्रयोगशाला में नमूनों के परीक्षण के बाद अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
अब जमीन पर भी विमान के मलबे की तलाश शुरू कर दी गई है. वियतनाम पीपल्स आर्मी के उप प्रमुख वो वान टुआन को आंशका है कि विमान घने जंगल या पहाड़ी इलाके में भी गिरा हो सकता है. सेना की टुकड़ियों को लाओस और कंबोडिया की सीमा से सटे इलाकों में भेजा गया है.
ओएसजे/एएम (एपी, एएफपी)