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शरद पवार जीओएम से बाहर

६ अप्रैल २०११

भ्रष्टाचार के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का विरोध कुछ रंग दिखाने लगा है. शरद पवार भ्रष्टाचार के लिए बनाए गए मंत्रियों के समूह (जीओएम) से हटे. अन्ना हजारे के समर्थन में दिल्ली में लोगों का मार्च.

तस्वीर: UNI

72 साल का एक बुजुर्ग भारतीय गुरुवार से भारत की राजधानी नई दिल्ली में धरना दे रहा है. सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र से दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की है. उन्हें आम लोगों का समर्थन भी मिल रहा है. दो दिन में वह कांग्रेस पार्टी और कृषि मंत्री शरद पवार पर सीधी चोट भी कर चुके हैं.

शरद पवार जंतर मंतर पर धरना दे रहे अन्ना हजारे के पास गए. अन्ना हजारे ने झिड़कते हुए पवार को वहां से जाने के लिए कह दिया. हजारे ने कहा कि आईंदा कोई राजनीति से जुड़ा व्यक्ति इस मंच पर न आए. उन्होंने कृषि और किसानों की दुर्दशा के लिए पवार को जिम्मदार ठहराया.

जंतर मंतर में अन्ना हजारेतस्वीर: picture alliance/dpa

अन्ना हजारे के सीधे हमले से शरद पवार खिसिया से गए. बुधवार को उन्होंने कहा, ''मुझे खुशी होगी अगर आप मुझे भ्रष्टाचार समेत सभी मंत्रियों के समूह से निकाल दें.'' इसके बाद बुधवार शाम शरद पवार ने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए बनाए गए जीओएम से अपना नाम वापस ले लिया.

अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल विधेयक पेश करने की मांग कर रहे हैं. लोकपाल बिल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की वकालत है. अन्ना हजारे के साथ कई अन्य मशहूर हस्तियां भी इस धरने में कूदी हैं. भारत की पहली महिला आईपीएस अफसर किरण बेदी भी जतंर मंतर में डटी हैं.

बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड जैसी पार्टियां भी अन्ना हजारे का समर्थन कर रही हैं. इसके जवाब में अन्ना हजारे का कहना है, ''वह एक राजनीतिक पार्टी हैं और जो चाहे, वह करने को स्वतंत्र हैं. जब मैंने बीजेपी के शासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू की तो कांग्रेस ने मेरा समर्थन किया. अब उसका उलट हो रहा है."

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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