क्या आपने कभी रंगीन तोतों के लजाने की बात सुनी है. वह कुछ ऐसे ही शर्माता है जैसे कि मानव भावुक पलों में शर्मा जाता है.
विज्ञापन
रिसर्चरों को यह तो नहीं पता कि यह शर्म कहां से और कैसे आती है लेकिन फ्रांसीसी रिसर्चरों की एक टीम का कहना है कि उन्होंने पीले और नीले रंग के पांच तोतों के समूह में इस बात को कई बार देखा है. उन्होंने अपनी खोज की रिपोर्ट साइंस जर्नल प्लोस वन को दी है. नीले पीले तोते के गाल का एक हिस्सा ऐसा है जो पंखों से ढंका नहीं होता. रिसर्चरों ने देखा कि पालने वालों के साथ मेलजोल या फिर चुहल के दौरान कई बार यह गोरी त्वचा लाल हो जाती है.
कृषि विज्ञान को समर्पित फ्रांस की एक पब्लिक रिसर्च इंस्टीट्यूट आईएनआरए की अलीन बैरतां बताती हैं, "चिड़ियों के चेहरे पर मांसपेशियां नहीं होती, उनके चेहरे की अभिव्यक्ति का कभी अध्ययन नहीं किया गया." इन तोतों का ख्याल रखने वाले किस्से की तरह बताते हैं कि उन्होंने उन्हें शर्माते हुए देखा, उनके गाल इंसानों की तरह ही खून का प्रवाह बढ़ने के कारण लाल हो जाते हैं हालांकि अभी इसे दस्तावेज के रूप में दर्ज किया जाना बाकी है.
इसके लिए उन्होंने चिड़ियों की फिल्म बनाने और तस्वीर खींचने के साथ प्रयोग शुरू किया है. खास तौर से उनके पालकों के साथ मेलजोल के दौरान जैसे कि जब वो उनसे बात कर रहे हों या फिर उनकी तरफ देख रहे हों. वाकई इस दौरान उन्होंने चिड़ियों की त्वचा को लाल होते देखा. यह प्रयोग सीमित तौर पर केवल पांच पंछियों के साथ ही यह अध्ययन किया गया. तो ऐसे में वैज्ञानिक इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि तोते शर्माते क्यों हैं.
चतुर जानवर
हाल ही में साबित हो गया है कि कौवों में एक साल के बच्चे जितनी बुद्धि होती है और इसी कारण वह सचमुच पानी पीने के लिए घड़े में पत्थर डाल कर पानी का स्तर ऊंचा कर सकते हैं. देखें और क्या क्या कर सकते हैं चतुर जानवर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
पंखों वाला गुणी
अफ्रीका के भूरे तोते में अद्भुत ज्ञान होता है. एलेक्स नाम का तोता रंगों, 50 आकारों और छह तक की गिनती को समझ लेता है. मरने से एक रात पहले तोते से उसके मालिक ने कहा, "मैं तुम्हें प्यार करता हूं". जवाब मिला, "मैं भी."
तस्वीर: picture-alliance/dpa
चतुर जीव
डॉल्फिन को सबसे चतुर समुद्री जीव माना जाता है. वे सामाजिक भी होती हैं और आपस में क्लिक और सीटियों वाली भाषा में संवाद करती हैं. मां सालों तक अपने बच्चों के साथ रहती हैं और उन्हें जरूरी बातें सिखाती हैं.
तस्वीर: Fotolia/davidpitu
सीखा बर्ताव
इंसान का सबसे अच्छा दोस्त धरती का सबसे चतुर जानवर भी है. बैठो और घूम जाओ जैसे आदेश सीखने वाला कुत्ता इशारों को समझकर खाना खोज सकता है. इंसानों में भी दूसरों को समझने का ऐसा ही गुण होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
धीमी चाल
गालापागोस कछुए बहुत धीमा चलते हैं, लेकिन होते बड़े चालाक हैं. वे इंसान की आवाज पहचान सकते हैं और समय याद रख सकते हैं. लेकिन कड़ी पीठ वाले ये जानवर लुप्त हो रहे हैं. उब उन्हें बचाने की कोशिश हो रही है.
तस्वीर: picture alliance/dpa
रचनात्मक दिमाग
कई तरह के करतब सीखने के अलावा वे सोच भी सकते हैं. अमेरिका का एक घोड़ा चोला मुंह में ब्रश लेकर अपने मन से पेंटिंग करता है. उसकी पेंटिग वेनिस की आर्ट गैलरी और रोम के पलात्सो डी कांग्रेसी में दिखाई जा चुकी है.
तस्वीर: Fotolia/dozornaya
तर्क से काम
समुद्री सील संगत तरीके से सोच सकती हैं. कैलिफोर्निया में रहने वाले सील रियो को विज्ञानियों ने पहले केंकड़े और ट्युलिप की और फिर एक ट्युलिप और रेडियो की तस्वीर दिखाई. वह केंकड़े और रेडियो को ट्युलिप से अलग कर पाई.
तस्वीर: AP
अच्छी याददाश्त
कुत्तों की तरह बिल्लियों को भी बैठना, कूदना या चक्कर खाना सिखाया जा सकता है. वे देखकर या नकल कर सीखती हैं. बिल्लियां कुत्तों की तुलना में ज्यादा अकेली होती हैं लेकिन उनकी याददाश्त बहुत ही तेज होती है.
तस्वीर: picture-alliance/Zoonar
तेज सीख
सुअर बहुत ही जल्दी सीखते हैं. 1990 के दशक में हुए परीक्षणों में सुअरों को जाने पहचाने और अनजाने अक्षर को पहचानने के लिए वीडियो स्क्रीन पर कर्सर घुमाना सिखाया गया. उन्होंने चिंपाजी जितनी तेजी से इसे सीख लिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
करीबी रिश्तेदार
चिंपाजियों की अकलमंदी पता है. वे इंसानों के सबसे करीबी रूप से जुड़े जानवर हैं. दोनों के जीनों में 98 फीसदी समानता है. वे हथियार बना सकते हैं, चेहरों को पहचान सकते हैं, मुश्किल समस्याओं का हल कर सकते हैं.
तस्वीर: picture alliance/dpa
बाबा पॉल
ऑक्टोपस की कई प्रजातियां हैं, लेकिन उनमें एक समानता है. वे शिशुओं जैसे बुद्धिमान होते हैं. 2010 में विश्वकप मैचों की भविष्यवाणी करने वाले पॉल बाबा किसे याद नहीं.
तस्वीर: picture alliance/dpa
बड़े सपने
उन्हें भले ही नुकसानदेह समझा जाता हो, होते बड़े चतुर हैं. चूहों का इस्तेमाल बारूदी सुरंगों का पता करने और मुश्किलों को सुलझाने के लिए किया जाता है.
तस्वीर: AP
11 तस्वीरें1 | 11
बैरतां ने कहा, "हम नहीं कह सकते कि क्या ये पंछी सकारात्मक भावनाओं को समझते हैं या नहीं." इस रिसर्च से और ज्यादा प्रयोगों के लिए रास्ता खुल सकता है जिनसे चिड़ियों की संवेदनाओं के बारे में बेहतर समझ हासिल हो सकती है. चिड़ियों की भावनात्मक जिंदगी अभी रहस्य है, हालांकि उनकी बुद्धिमता के बारे में बहुत कुछ जाना जा चुका है और उसकी तुलना कई स्तनधारियों से की जा सकती है. जैसे कि कई पंछी अपनी समस्याओं को हल करने के लिए औजारों का भी इस्तेमाल करते हैं.
हालांकि जब भावनाओं की बात सामने आती है या फिर तनाव की तो वैज्ञानिकों का कहना है कि पंछी जोड़े बनाने के दौरान अपने पंख लहरा कर उसका इजहार करते हैं. यही काम वो संकट के समय भी करते हैं. बैरतां ने बताया, "आमतौर पर लोग चिड़ियों की भावनात्मक जिंदगी के बारे में नहीं सोचते लेकिन वह कपि, कुत्ते या फिर बिल्ली जैसी ही जटिल है."