शांति नोबेल विजेता की पत्नी भी नजरबंद
११ अक्टूबर २०१०बीजिंग में एक भरोसेमंद सूत्र के हवाले से इस मानवाधिकार संगठन की प्रवक्ता बेथ श्वांके ने कहा, "उन्हें अभी बीजिंग में अपने घर पर नजरबंद रखा गया है." लिऊ शिया से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है. श्वांके के मुताबिक, "हमारे एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है जो बिल्कुल सही है."
चीन में एक अन्य मानवाधिकार संगठन ने रविवार को कहा कि उसे लिऊ शिया की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली है. संगठन के बयान के अनुसार, "हम विश्व बिरादरी से अपील करते हैं कि चीन पर लिऊ शिया को नजरबंदी से रिहा करने के लिए दबाव डाले. साथ ही उन लोगों को भी रिहा किया जाए जिन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जेल में डाला गया है."
श्वांके ने एएफपी को बताया कि शुक्रवार को लिऊ शियापाओ को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद चीनी अधिकारियों ने लिऊ शिया से उनका फोन छीन लिया और उन्हें घर पर नजरबंद कर दिया गया. मानवाधिकार संगठन की प्रवक्ता ने कहा कि लिऊ शिया को अपने पति से मिलने जेल ले जाया गया और लिऊ शिया को अपने पति को यह बताने की अनुमति दी गई कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार दिया जाएगा. लेकिन जेल से लौटने के बाद उन्हें निर्देश दिया गया कि वह घर से बाहर नहीं जा सकती हैं.
54 वर्ष के लिऊ शियाओपो नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाले पहले चीनी नागरिक हैं. वह दिसंबर से जेल में बंद है. उन्हें चार्टर 08 तैयार करने में मदद के लिए जेल में डाला गया है. इस घोषणापत्र में चीन में राजीनिक सुधारों की मांग की गई है. लेकिन चीन की सरकार इसे राष्ट्र विरोधी गतिविधि मानती हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन