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शांत हुआ तूफानी कार्टर

२१ अप्रैल २०१४

हत्या के गलत इलजाम में 20 साल तक जेल में रहने वाले अमेरिकी मुक्केबाज रुबिन कार्टर की 76 साल की उम्र में मौत हो गई. गानों और फिल्मों की प्रेरणा बन चुके कार्टर कैंसर से जूझ रहे थे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

न्यू जर्सी के एक बार में 1966 में हुई तीन हत्याओं में उन्हें आरोपी बनाया गया और इसके बाद उन्हें सजा मिल गई. लेकिन लगभग दो दशक बाद 1985 में जज ने जब फैसला पलटा तो कहा कि अश्वेत कार्टर नस्ली भेदभाव के शिकार हुए हैं. हालांकि कार्टर अमेरिकी थे और उन्होंने ज्यादातर वक्त न्यू जर्सी में बिताया लेकिन उनका कनाडा के साथ खास रिश्ता था और आखिरी दिन उन्होंने वहीं काटे.

कार्टर का बचपन बहुत अच्छा नहीं था और 14 के होने से पहले ही उन पर कुछ अपराधों की छाया पड़ चुकी थी. लेकिन इससे हटते हुए वह अमेरिकी सेना में शामिल हुए और फिर पश्चिमी जर्मनी पहुंचे. यहां उन्होंने सेना के लिए मुक्केबाजी शुरू की, जो बाद में उनका करियर बन गया. 1960 के दशक में उन्होंने तेजी से मुकाबिलों को ढेर करना शुरू किया. वह जिस तेजी से घूंसे बरसाते थे, उसकी वजह से उनका नाम "हरीकेन" पड़ गया.

नस्लवाद के खिलाफ लड़ते रहे कार्टरतस्वीर: Reuters

उनका करियर अच्छा चल निकला, तभी 1966 की घटना हो गई. एक बार में दो अश्वेत बंदूकधारियों ने दो श्वेत पुरुषों और एक श्वेत महिला को गोली मार दी. तीनों की मौत हो गई. बिना किसी गवाह और सबूत के कार्टर और उनके साथी जॉन आर्टिस को गिरफ्तार कर लिया गया. एक चश्मदीद ने बस इतना कहा कि गोलीबारी के बाद उसने कार्टर और आर्टिस को बार से निकलते देखा. कार्टर ने घटना में शामिल होने से इनकार किया.

उस मामले से प्रभावित होकर मशहूर संगीतकार बॉब डिलन ने 1976 में हरीकेन नाम का गाना लिखा, जबकि 1999 में इस पर फिल्म भी बनी. जेल से रिहा होने के बाद से कार्टर नस्ली भेदभाव के शिकार कैदियों के लिए लड़ते रहे.

एजेए/एएम (डीपीए)

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