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शारापोवा को हरा ली फाइनल में, शियावोने सामने

३ जून २०११

करियर ग्रैंड स्लैम जीतने का मारिया शारापोवा का ख्वाब चकनाचूर करते हुए चीन की ली ना ने फाइनल में जगह बना ली है. फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में ली ना ने रूस की शारापोवा को 6-4, 7-5 से हराया. फाइनल में शियावोने से भिड़ेंगी.

तस्वीर: AP

शारापोवा ने पूरे मैच में 10 डबल फॉल्ट किए और सेमीफाइनल मैच में यही उनके लिए महंगा साबित हुआ. शनिवार को खेले जाने वाले फाइनल में ली ना का मुकाबला इटली की फ्रेंसिसा शियावोने से होगा जिन्होंने फ्रांस की मारियन बारतोली को शिकस्त दी. शियावोने ने पिछले साल भी फ्रेंच ओपन अपने नाम किया था. सेमीफाइनल में उन्होंने बारतोली को 6-3, 6-3 से हराया और अब वह ली ना से भिड़ेंगी जो फ्रेंच ओपन फाइनल में पहुंचने वाली पहली चीनी महिला हैं.

शारापोवा का सपना टूटा

अगर शियावोने फ्रेंच ओपन जीतती हैं तो 30 साल से ज्यादा की उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने वालीं वह दो दशक बाद पहली महिला बनेंगी. शियावोने इस महीने 31 साल की हो जाएंगी. इससे पहले मार्टिना नवरातिलोवा 1990 में विंबलडन जीत कर यह कारनामा दिखा चुकी हैं.

शारापोवा के लिए मैच हारना कड़वा घूंट पीना साबित हुआ. अगर वह फाइनल में पहुंच कर फ्रेंच ओपन जीत जातीं तो वह करियर ग्रैंड स्लैम पूरा करने वालीं दुनिया की 10वीं महिला बन जातीं. कोई खिलाड़ी ग्रैंड स्लैम तब पूरा करता है जब वह चारों ग्रैंड स्लैम अपने नाम कर लेता है. शारापोवा विंबलडन, ऑस्ट्रेलियन, और अमेरिकी ओपन जीत चुकी हैं लेकिन फ्रेंच ओपन में जीत पाना फिलहाल उनके लिए संभव नहीं हो पाया है.

फाइनल में उम्मीदों पर शियावोने ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि पिछले साल फ्रेंच ओपन फाइनल में खेलने का अनुभव मेरे काम आएगा. एक और फाइनल में पहुंच पाना सपने के पूरे होने जैसा है. ली ना ने इस साल बेहतरीन खेल दिखाया है. वह ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में किम क्लाइस्टर्स से हारीं. यह मुश्किल होगा. वह बढ़िया खिलाड़ी हैं लेकिन किसी को तो जीतना ही है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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