शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता दूर की कौड़ी
१३ सितम्बर २०१७आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने मंगलवार को शिक्षा की स्थिति पर अपना एक अध्ययन प्रकाशित किया है. "एक नजर में शिक्षा" में दुनिया भर के देशों में शिक्षा की स्थिति पर गौर किया गया है. विकसिक देशों द्वारा 1960 के दशक में गठिक संगठन ओईसीडी शिक्षा में निवेश किए गए वित्तीय और मानव संसाधन, स्कूलों के सीखने के माहौल, स्कूल और अन्य संगठनों जैसे मुद्दों पर महत्पूर्ण जानकारी देकर स्कूलों और विश्वविद्यालयों की स्थिति को बेहतर करने में सरकारों की मदद करती है. ताकि उन्हें बेहतर और सुलभ बनाया जा सके.
इस रिपोर्ट में सामने आया है कि विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले कम उम्र के लोगों की संख्या लगातार बढ़ी है. साल 2000 में 26 प्रतिशत छात्र 25 से 34 साल की उम्र के थे. 2016 में यह प्रतिशत बढ़कर 46 प्रतिशत हो गया है. विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अध्ययन के सबसे आम क्षेत्र व्यवसाय, प्रशासन और कानून हैं और उच्च शिक्षा में 23 प्रतिशत अधिक नौजवान इन क्षेत्रों को चुन रहे हैं.
हालांकि उच्च शिक्षा के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे क्षेत्रों को चुनने का औसत कम है. इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र में 16 प्रतिशत, विज्ञान, गणित और सांख्यिकी में 6 प्रतिशत. यही औसत जर्मनी में उल्लेखनीय रूप से अधिक है. उच्च शिक्षा पा रहे छात्रों में एक तिहाई से भी ज्यादा इनमें से एक क्षेत्र की पढ़ाई कर रहे हैं. हालांकि कम ही लड़कियां इन क्षेत्रों में पहुंच रही हैं.
पहली बार इस अध्ययन में टिकाऊ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) को शामिल किया गया है जिसे दुनियाभर के प्रतिनिधियों ने 2015 में तय किया था. इन लक्ष्यों में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक वयस्क के पास अच्छी शिक्षा के लिए समान अवसर हों. लेकिन इस लक्ष्य को प्राप्त करने में ओईसीडी देशों के बीच "पर्याप्त" असमानताएं हैं. खास तौर पर लैंगिक समानता और साक्षरता के मामले में.
शिक्षक अगली पीढ़ी को बेहतर शिक्षा देने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी औसत उम्र भी बढती जा रही है. जर्मनी में ये रुझान नहीं दिखायी देती क्योंकि यहां अब भी शिक्षक सभी ओईसीडी देशों की तुलना में सबसे उम्रदराज हैं.