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शुक्रवार को पाक प्रधानमंत्री का चुनाव

२० जून २०१२

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शुक्रवार को नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए संसद की बैठक बुलाई है. कपड़ा मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उभर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को अदालत की अवमानना के लिए दी गई सजा के कारण पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था. राष्ट्रपति जरदारी ने दो दिनों तक आपसी सहमति वाला प्रधानमंत्री चुनने के लिए अपनी पार्टी और सहयोगी पार्टियों के नेताओं के साथ बातचीत की. इस फैसले के बाद तालिबान का विद्रोह और अल कायदा से जुड़े आतंकवादियों को पनाह देने के मुद्दे पर अमेरिका की नाराजगी भुगत रहा पाकिस्तान राजनीतिक संकट में फंस गया है.

2008 के संसदीय चुनावों में पीपुल्स पार्टी की जीत के बाद प्रधानमंत्री बने यूसुफ रजा गिलानी को सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने के लिए स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को पत्र नहीं लिखने के कारण अवमानना का दोषी ठहराया था. कोर्ट के नए फैसले के बाद मंगलवार को ही उन्होंने प्रधानमंत्री का बंगला छोड़ दिया.

पद से हटाए गए प्रधानमंत्रीतस्वीर: AP

राष्ट्रपति जरदारी बुधवार को पार्टी सांसदों से बात करने के बाद नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे. मखदूम शहाबुद्दीन के अलावा पानी और बिजली मंत्री अहमद मुख्तार का नाम उम्मीदवारों के रूप में लिया जा रहा है. राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा है कि संसद के निचले सदन की बैठक शुक्रवार को साढ़े पांच बजे होगी. जरदारी के सहायक कमर जमान कैरा ने कहा, "नेशनल एसेंबली के नए अधिवेशन में सदन के नेता का चुनाव होगा."

शहाबुद्दीन पंजाब के दक्षिणी हिस्से के कंजरवेटिव इस्लामी शहर रहीम यार खान के हैं. उन्हें पार्टी का वफादार माना जाता है और वे पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के करीबी थे, जिन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों ने 2007 में पाकिस्तान वापस लौटने पर एक हमले में मार डाला था. पाकिस्तान में अगले साल मार्च में नियमित संसदीय चुनाव होने हैं. संविधान के अनुसार चुनाव अंतरिम सरकार के तहत होगी जो चुनाव के तीन पहले काम करने लगेगी.

उम्मीद की जा रही है कि नए प्रधानमंत्री को पद संभालते ही कोर्ट की इस मांग का सामना करना होगा कि वे स्विस अधिकारियों को राष्ट्रपति के खिलाफ मामला शुरू करने के लिए लिखें. इसलिए जरदारी पंजाब के किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाना चाहेंगे जो दक्षिण के उनके आधार को व्यापक बना सके.

मुख्तार जर्मन रक्षा मंत्री के साथतस्वीर: Reuters

पाकिस्तान में जजों के हस्तक्षेप की आलोचना हुई है, लेकिन बहुत से विश्लेषकों का कहना है कि प्रधानमंत्री को बदलने का असर सरकारी की नीतियों या उसके कार्यकाल पर नहीं होगा. द न्यूज ने जरदारी से एक ऐसा कैबिनेट नियुक्त करने को कहा है जो आम पाकिस्तानियों की बिजली की कमी, दंगों, हिंसा और असुरक्षा की समस्याओं को सुलझा सके.

गिलानी को पद के अयोग्य करार देना न्यायपालिका और कमजोर सरकार के बीच सत्ता संघर्ष की पराकाष्ठा थी. जरदारी ने 2008 में संसदीय चुनाव जीतने के बाद कई महीनों तक स्वतंत्र न्यायपालिका को फिर से बहाल करने में देरी की और मार्च 2009 में विपक्ष के इस्लामाबाद मार्च करने की घोषणा के दबाव में ही ऐसा किया. दिसंबर 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने उस विवादास्पद क्षमादान को रद्द कर दिया जिसके तहत जरदारी और उनकी पत्नी बेनजीर भुट्टो फिर से राजनीति में वापस लौटे थे. लेकिन गिलानी सरकार ने स्विस अधिकारियों को पत्र लिखने से मना कर दिया. गिलानी का कहना था कि राष्ट्रपति को विशेषाधिकार है और पत्र लिखना संविधान का उल्लंघन होगा.

अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी संघर्ष में अपने कठिन सहयोगी से मामले का निबटारा संविधान के अनुसार करने को कहा है. पाकिस्तान ने नाटो के एक हमले में दो दर्जन सैनिकों के मारे जाने के बाद नाटो के लिए अफगानिस्तान जाने का रास्ता बंद कर रखा है. रास्ते को खोलने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत चल रही है. लेकिन राजनीतिक संकट के चलते जल्द कोई समझौता होने की संभावना नहीं दिखती.

एमजे/एएम (एएफपी, एपी)

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