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शूमाखर को संन्यास तोड़ने का अफसोस नहीं

२७ अगस्त २०१२

मिषाएल शूमाखर को फॉर्मूला वन की रेसिंग ट्रैक पर वापस लौटने का कोई अफसोस नहीं है. सात बार के वर्ल्ड चैम्पियन शूमाखर 2010 में संन्यास तोड़ कर वापस लौटे और स्टीयरिंग व्हील थामा लेकिन अब तक कोई जीत उनके दामन में नहीं आई.

तस्वीर: AP

43 साल के शूमाखर ने जर्मनी के अखबार बिल्ड अम जोन्टाग से बातचीत में कहा कि तीन साल तक ट्रैक से दूर रहने के बाद वापस लौटने के अपने फैसले पर उन्होंने कभी प्रश्नचिन्ह नहीं लगाया. अखबार ने शूमाखर का बयान छापा है, "अब तक मुझे मेरे वापसी पर एक पल के लिए भी अफसोस नहीं हुआ. बहुत सारे अच्छे पल आते रहे हैं."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कुल 91 बार ग्रां प्री में विजय पताका लहराने वाले शूमाखर आखिरी बार 1 अक्टूबर 2006 को चीनी ट्रैक पर चमके थे. उस वक्त वह फरारी की गाड़ी चला रहे थे. 2010 में वापसी करने के बाद अब तक सिर्फ एक बार ही उन्हें पोडियम पर चढ़ने का मौका मिला. इस साल वेलेन्सिया की रेस में मर्सिडिज की गाड़ी चलाते हुए वह तीसरे नंबर पर रहे थे. मिषाएल शूमाखर ने कहा कि अगर वह फॉर्मूला वन की अपनी दूसरी पारी में एक भी रेस नहीं जीत पाए तो उनके लिए यह, "लज्जा" की बात होगी हालांकि उन्होंने भविष्य के लिए सारे विकल्प खुले रखे हैं.

जर्मन ड्राइवर शूमाखर का मर्सिडिज के साथ मौजूदा करार इस सीजन के आखिर में खत्म हो जाएगा. शूमाखर ने पहले कहा था का अक्तूबर तक वह कोई फैसला नहीं करेंगे. शूमाखर ने यह भी बताया कि वह पिछले कई सालों से शराब नहीं पी रहे, "क्योंकि मुझे लगता है कि यह मुझे तोड़ रहा है और धीमा बना रहा है." हालांकि उन्होंने बीयर पी है, "और महसूस किया है कि मैं अभी भी जीत सकता हूं."

1991 में पहली बार ग्रां प्री ट्रैक पर शूमाखरतस्वीर: picture-alliance/dpa

अगले रविवार को बेल्जियम ग्रां प्री के साथ शूमाखर अपनी 300वीं ग्रां प्री रेस शुरू करेंगे. यहां के स्पा फ्रांकोरचैम्प सर्किट पर ही उन्होने पहली बार ग्रां प्री में हिस्सा लिया था, इसी ट्रैक पर पहली जीत हासिल की थी और साथ ही 2011 में फॉर्मूला वन करियर की 20वीं सालगिरह भी मनाई थी. शूमाखर बेल्जियम की ट्रैक के बारे में कहते हैं, "यह मेरे घर का ड्राइंग रूम है क्योंकि यहां बहुत कुछ हुआ है और यहां मुझे बिल्कुल घर जैसा लगता है."

एनआर/ एमजे (डीपीए)

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