शेंगन में सीमा चौकियां बहाल करने की कोशिश
१२ मई २०११जैसे ही यूरोपीय संघ के गृह मंत्री आपात बैठक के लिए ब्रसेल्स पहुंचे तो डैनिश गृह मंत्री सोरेन पिंड ने कहा कि संघ को खुली सीमाओं के "काले पहलुओं" को भी देखना चाहिए. खास तौर से उनका इशारा सीमा पार अपराधों की तरफ था. यूरोप के 25 देशों के बीच हुए शेंगन समझौते के तहत कोई व्यक्ति एक देश का वीजा लेकर बाकी देशों में बेरोकटोक जा सकता है. अब यूरोपीय संघ ऐसे प्रस्ताव पर गौर कर रहा है जिसमें शरणार्थियों की भारी तादाद को देखते हुए अस्थायी रूप से सीमा चौकियों को बहाल करने की बात हो रही है.
डेनमार्क ने तो सीमा चौकियां बहाल करने का एलान भी कर दिया है. बुधवार को उसने कहा है कि वह जर्मनी और स्वीडन से लगने वाली अपनी सीमाओं पर दो से तीन हफ्तों के भीतर चौकियां कायम कर देगा. पिंड ने पत्रकारों को बताया, "मैंने यूरोपीय प्रेस में बहुत ड्रामा देखा है, लेकिन मैं बात को वैसे ही कहूंगा जैसी वह है." उनका कहना है कि शेंगन समझौते में सीमा चौकियां बहाल करने का प्रावधान है.
पिंड ने स्पष्ट किया कि डैनिश अधिकारी सीमा पर कस्टम एजेंट तैनात करने की योजना बना रहे हैं जिनका काम अपराधों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों की जांच पड़ताल होगा. वे पासपोर्टों की छानबीन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "हम सीमाओं को दोबारा लाना नहीं चाहते, लेकिन खुली सीमाओं के नकारात्मक पहलू पर खुले दिमाग से चर्चा चाहते हैं." जर्मन गृह मंत्री हांस पीटर फ्रीडरिश ने कहा कि उनकी सरकार डैनिश सरकार के कदम से थोड़ी हैरान है और इस बारे में पिंड की व्याख्या को सुनेगी.
ट्यूनीशिया और लीबिया में अशांति के कारण यूरोप में आने वाले अरब शरणार्थियों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है. इसकी वजह से शेंगन देशों में दक्षिणपंथियों का सरकारों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. उत्तरी अफ्रीका के शरणार्थियों को लेकर पिछले दिनों इटली और फ्रांस में खासा तनाव भी रहा. अब दोनों देश आंतरिक सीमाओं की अस्थायी बहाली के लिए दबाव बना रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ईशा भाटिया