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शेनेगन की मुक्त आवाजाही से फ्रांस नाखुश

२३ अप्रैल २०११

फ्रांस चाहता है कि यूरोप के 25 देशों के बीच मुक्त आवाजाही के समझौते में बदलाव किए जाएं. उसने कहा है कि यूरोप के शेनेगन वीजा मुक्त समझौते में कई कमियां हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिए.

Italian customs officers and policemen control entry to Italy at the France-Italy border in Ventimiglia, northwestern Italy, Monday, Nov. 4, 2002, before the anti globalization meeting in Florence next Nov. 6. (AP Photo/Lionel Cironneau)
Polizeikontrolle vor dem EU Gipfel in Florenzतस्वीर: AP

फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "शेनेगन का प्रशासन नाकाम हो रहा है. ऐसा लगता है कि इसमें कुछ बदलाव किए जाने की जरूरत है." फ्रांस ने कहा कि यूरोप से बाहर की सीमा पर व्यवस्था विफल होने के मामले में अस्थाई रूप से इस समझौते के निलंबन की व्यवस्था होनी चाहिए.

Rumänien Grenzzaun Schengen Grenze nach Moldawienतस्वीर: AP

इस बारे में यूरोपीय आयोग ने कहा है कि अगर वजह जायज हो तो बहुत थोड़े समय के लिए शेनेगन सीमाओं को बंद किया जा सकता है.

क्या है व्यवस्था

शेनेगन समझौते में निलंबन को पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं किया गया है. इसके लिए आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था को गंभीर खतरा पैदा होने की शर्त रखी गई है. ऐसे हालात में ज्यादा से ज्यादा 30 दिन के लिए सीमाएं बंद की जा सकती हैं. खतरा बना रहता है तो यह अवधि बढ़ाई भी जा सकती है.

क्यों नाराज है फ्रांस

फ्रांस ने इटली पर शेनेगन समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया है. इटली ने ट्यूनिशिया और लीबिया से आए प्रवासियों को अस्थायी निवास परमिट जारी किए हैं. इनके सहारे वह यूरोप के बाकी देशों में भी जा सकते हैं. इस बात से फ्रांस सख्त नाराज है क्योंकि ट्यूनिशिया से आए बहुत से लोग फ्रेंच बोलते हैं और वे फ्रांस की ओर ही जा रहे हैं.

MKS-Stauतस्वीर: AP

ट्यूनिशिया फ्रांस का उपनिवेश रहा है. फ्रांस के शहरों में ट्यूनिशिया के लोगों के बहुत से रिश्तेदार और दोस्त रहते हैं. हाल ही में हुई क्रांति के दौरान समुद्री रास्ते से ट्यूनिशिया के 20 हजार से ज्यादा लोग इटली पहुंच गए. इटली ने उन्हें छह महीने तक रहने की इजाजत दी है. इस इजाजत के सहारे वे शेनेगन देशों में भी यात्रा कर सकते हैं.

क्या चाहता है फ्रांस

फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि शेनेगन की मौजूदा व्यवस्था बहुत कमजोर है. हर देश अपनी बाहरी सीमा की निगरानी करता है. लेकिन एक बार किसी एक देश में आ जाने के बाद लोग आराम से दूसरे देशों में जा सकते हैं. अधिकारी ने कहा, "अगर हम शेनेगन को बचाना चाहते हैं तो प्रशासन को सख्ती लागू करना जरूरी है. उसके लिए इसे कुछ अधिकार देने होंगे."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः आभा एम

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