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शोध और विकास पर झोंके 62.4 अरब यूरो

१६ दिसम्बर २०१६

तकनीक के मामले में जर्मनी इतना आगे क्यों है? इसका जवाब है रिसर्च की वजह से. जर्मनी रिसर्च पर रिकॉर्ड पैसा खर्च कर रहा है.

Symbolbild Chemie Nobelpreis
तस्वीर: picture-alliance/ dpa

जर्मन सरकार और जर्मन कंपनियों ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) पर रिकॉर्ड पैसा खर्च किया है. कंपनियों और फाउंडेशनों के बिजनेस पहलुओं पर नजर रखने वाले संगठन स्टिफटरफरब्रांड ने आंकड़ों का हवाला देते हुए यह दावा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल जर्मन कंपनियों ने रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर 62.4 अरब यूरो खर्च किये. नई तकनीक और कार्यक्षमता को बेहतर करने के लिए रिसर्च में सबसे ज्यादा पैसा कार उद्योग ने झोंका. मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और फोल्क्सवागेन ने 21.7 अरब यूरो शोध और विकास पर खर्च किये.

स्टिफटुंग्सफरब्रांड के गेरो श्टेंके कहते हैं, "आपको यह ध्यान में रखना होगा कि ऑटोमोटिव उद्योग का सामना बहुत ही बड़ी चुनौती से हुआ है. इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और खुद चलने वाली कारें, नई बातें नहीं हैं, लेकिन अब इन्हें लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा छिड़ चुकी है और कार उद्योग पर दबाव है कि वह प्रतिस्पर्धा में टिका रहे."

विशेषज्ञ यह दावा कर रहे हैं कि इलेक्ट्रिक और ऑटोमैटिक कारें अनुमान से भी जल्द दुनिया का चेहरा बदल देंगी. मंगलवार को अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड ने तो एक दूसरे से और ट्रैफिक सिग्नलों से कम्युनिकेट करने वाली कारों के निर्माण का फैसला कर दिया. चार साल बाद अमेरिकी सड़कों पर उतरने वाली नई कारों में यह सुविधाएं अनिवार्य होगी. इलेक्ट्रिक और ऑटोमैटिक कारों में अमेरिकी कंपनी टेस्ला, एप्पल और गूगल ने भारी निवेश किया है. परंपरागत कार उद्योग में धाक जमाने वाली जर्मन कार इंडस्ट्री को डर है कि नया बदलाव उन्हें पस्त न कर दे.

जर्मन केमिकल कंपनियों ने भी शोध और रिसर्च में अपना निवेश 6 फीसदी बढ़ाया है. 250 से भी कम कर्मचारियों वाली कंपनियां तो रिसर्च व डेवलपमेंट में और भी ज्यादा पैसा लगा रही हैं. 2015 में उनका निवेश 16 फीसदी था. श्टेंके इसे सोच में बड़ा बदलाव बताते हैं, "कम ही छोटे और मझोले उद्योग इनोवेशन पर ध्यान देते हैं, लेकिन जो दे रहे हैं वे पूरी लगन से ऐसा कर रहे हैं."

जर्मनी की रिसर्च मंत्री योहाना वांका ने रिसर्च और डेवलपमेंट में होने वाले निवेश में वृद्धि पर खुशी जताते हुए कहा, "तकनीकी कंपनियों के मामले में जर्मनी की स्थिति बहुत मजबूत है और इसका मुख्य कारण रिसर्च है." यह पहला मौका है जब जर्मनी अपने जीडीपी का तीन फीसदी हिस्सा शोध और विकास पर खर्च करने में सफल हुआ है.

फाबियान श्मिट/ओएसजे

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