हॉलीवुड के ऑस्कर विजेता प्रोड्यूसर हार्वे वाइनस्टीन पर 20 से ज्यादा अभिनेत्रियों और मॉडलों ने यौन हमले का आरोप लगाया. दुनिया भर से इस मामले पर प्रतिक्रया आयी. लेकिन बॉलीवुड में ऐसा विरोध नहीं होता.
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भारतीय अभिनेत्री दिव्या उन्नी साल 2015 में जब केरल जा रही थीं, तब उन्हें यही पता था कि वे किसी बिजनेस मीटिंग के लिए जा रही हैं. सोचती भी क्यों नहीं, आखिर बुलाया जो उन्हें एक अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर ने था. अभिनेत्री तो अपने मन में लाखों उम्मीदें पाल कर चल रही थीं लेकिन वहां पहुंच कर उन्हें बड़ा झटका लगा. डायरेक्टर ने उन्हें अपने होटल के कमरे में आने के लिए कहा. कमरे में डायरेक्टर के बदले हाव भाव देखकर एक पल तो अभिनेत्री को भरोसा ही नहीं हुआ कि क्या होने वाला है. वहां डायरेक्टर ने भी बिना समय बर्बाद किये उससे कह दिया कि अगर तुम्हें फिल्म इंडस्ट्री में सफल होना है तो सेक्स सरीखे मामले में तो समझौता करना ही होगा.
उन्नी ने बताया कि उन्होंने डायरेक्टर की यह पेशकश तुरंत ही खारिज कर दी जिसके बाद उन्हें फिल्म में काम नहीं मिला. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में अभिनेत्री ने डायरेक्टर का नाम नहीं बताया इसलिए इस वाकये की पुष्टि नहीं की जा सकी.
क्या है बॉलीवुड का हाल
फिल्म उद्योग से जुड़ी महिलायें उन्नी के इस अनुभव को आम बात मानती हैं. हॉलीवुड के ऑस्कर विजेता डायरेक्टर हार्वे वाइनस्टीन का मामला सामने आने के बाद दुनिया में इस मुद्दे पर जमकर बात हो रही है, लेकिन बॉलीवुड में इस पर कोई बात भी नहीं करता. लिपस्टिक अंडर माय बुर्का जैसी फिल्म का निर्देशन करने वाली अंलकिृता श्रीवास्तव कहती हैं, "इस मामले के बाद जिस तरह से हॉलीवुड में पुरुषों के साथ व्यवहार किया जा रहा है, मुझे नहीं लगता कि वह कभी भारत में हो पायेगा. पितृसत्तामक समाज का जो मनोविज्ञान है, वह यहां ज्यादा काम करता है."
यौन शोषण का शिकार हुए सितारे
इम्तियाज अली की फिल्म 'हाईवे' ने परिवार के अंदर बाल यौन शोषण जैसे नाजुक मुद्दे को उठाया. बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियां खुल कर अपने अनुभवों के बारे में बोल चुकी हैं.
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अनुष्का शंकर
पंडित रवि शंकर की बेटी और मशहूर सितार वादक अनुष्का शंकर ने महिलाओं के लिए हुए एक आयोजन में यह बात कही कि बचपन में उन्हें भी यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा. उन्होंने बताया कि बदसुलूकी करने वाला व्यक्ति उनके परिवार का करीबी था और इसीलिए वह लंबे वक्त तक किसी से इस बारे में कुछ कह नहीं सकीं.
कल्कि कोचलिन
महिला अधिकारों के लिए खुल कर बोलने वाली अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने भी अपने बचपन के दुखद हिस्से को बयान किया. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह अपनी कहानी सुना कर सुर्खियां नहीं बटोरना चाहती थीं, "यह मेरे जीवन की सच्चाई है और मैंने इसे लंबे वक्त तक जिया है.
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अनुराग कश्यप
कल्कि के पूर्व पति और मशहूर फिल्मकार अनुराग कश्यप ने भी इस बारे में बताया है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बचपन में ग्यारह साल तक वे यौन शोषण से गुजरते रहे. अनुराग का कहना है कि वह अब उस व्यक्ति को माफ कर चुके हैं.
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ओपरा विनफ्री
टेलीविजन की मशहूर हस्ती ओपरा विनफ्री को भावुक इंटरव्यू लेने के लिए जाना जाता है. लेकिन डेविड लेटरमन के शो में जब वह पहुंची तो उनकी जिंदगी के बारे में जान कर लोगों की आंखें भर आईं. ओपरा का नौ साल की उम्र में एक रिश्तेदार ने बलात्कार किया. 10 से 14 की उम्र तक उनका शोषण होता रहा.
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मर्लिन मुनरो
माता पिता के शादीशुदा ना होने के कारण मशहूर हॉलीवुड स्टार मर्लिन मुनरो का बचपन अनाथालयों में बीता, जहां बार बार उनका शोषण हुआ. खुद को बचाने के लिए मर्लिन अनाथालय बदलती रहीं. बचपन में मन पर पड़े घाव हमेशा उनके साथ रहे.
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पैमेला एंडरसन
बेवॉच और प्लेबॉय के लिए मशहूर पैमेला एंडरसन का बचपन भी दुखद रहा है. अपने फाउंडेशन के लॉन्च पर उन्होंने बताया कि छह से दस साल की उम्र तक उनके बेबी सिटर ने उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया. वह 12 वर्ष की थीं जब एक दोस्त के भाई ने उनका बलात्कार किया.
बिग बॉस सीजन 7 से भारत में घर घर का नाम बनीं ब्रिटेन की सोफिया हयात का दस साल की उम्र में उनके एक रिश्तेदार ने शोषण किया.
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फिल्म डायरेक्टर मुकेश भट्ट कहते हैं, "इस मामले में आप और हम क्या कर सकते हैं, हम हर वक्त मॉरल पुलिसिंग नहीं कर सकते और न ही कॉप्स को हर दफ्तर के बाहर खड़ा कर सकते हैं और न ही नजर रख सकते हैं कि जो लड़की दफ्तर में घुस रही है उसका कहीं शोषण तो नहीं किया जा रहा."
फिल्म एंड टेलीविजन प्रॉड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष रहे भट्ट कहते हैं कि झूठे आरोपों के प्रति भी फिल्म जगत को सतर्क रहना चाहिये, "साथ ही यह भी नहीं माना जा सकता है कि यहां शोषण पुरुषों का नहीं होता. साथ ही यह भी समझा जाना चाहिये कि आज कि महिलायें भी वैसी नहीं है." उन्होंने कहा जैसे अच्छे आदमी बुरे आदमी होते हैं वैसे ही महिलायें भी होती हैं.
शिकायतों का पुलिंदा
महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली फाल्विया अग्नेस कहती हैं कि तमाम कानूनों के बावजूद चंद मामले ही पुलिस तक पहुंच पाते हैं. यहां तक कि दफ्तरों में यौन शोषण जैसी शिकायतों की जांच के लिए कमेटी के भी आदेश हैं लेकिन ऐसा सब दफ्तरों में अब तक नहीं किया गया है. फिल्म जगत से यौन शोषण की खबरें भी कम आती हैं और शायद इसलिए कि फिल्म जगत में कोई सुनने वाला भी नहीं है.
अग्नेस कहती हैं,"बॉलीवुड में कंगना रनौत ही पहली ऐसी बड़ी अभिनेत्री हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से ये माना कि उन्होंने काम की जगहों पर यौन शोषण और उत्पीड़न को झेला है. इसके अलावा लोगों को अपने ऐसे अनुभवों को साझा करने में भी शर्म महसूस होती है." कार्यकर्ता मानते हैं कि पीड़ित को शर्म का भाव महसूस कराना इस समाज में काफी ठोस रूप से जमा हुआ है.
इंडियन नेशनल बार एसोसिएशन के एक सर्वे के मुताबिक तकरीबन 70 फीसदी भारतीय महिलाओं ने माना कि वे दफ्तर या अपने काम की जगह होने वाले यौन उत्पीड़न या शोषण की शिकायत नहीं करेंगी क्योंकि उन्हें शिकायत तंत्र पर पूरी तरह से भरोसा नहीं है. साथ ही वे पीड़ित होने का कलंक भी नहीं झेलना चाहती.
जब रियल लाइफ मर्डर मिस्ट्री बनी फिल्मों की स्क्रिप्ट
बॉलीवुड में ऐसी तमाम फिल्में बनीं जो असल जिदंगी की किसी मर्डर मिस्ट्री को दिखाती हैं. इनमें कुछ घटनाओं का रहस्य तो सुलझ गया लेकिन कुछ पर अब भी सवाल हैं. एक नजर ऐसी फिल्मों पर, जो असली घटनाओं पर आधारित हैं.
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तलवार
साल 2008 के चर्चित आरुषि हत्याकांड पर बनी फिल्म है, तलवार. नोएडा में रहने वाले तलवार परिवार की बेटी आरुषि और उनके नौकर हेमराज की हत्या की गुत्थी अब तक सुलझ नहीं सकी है. निचली अदालत ने आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के लिए आरुषि के माता-पिता को दोषी ठहराया था. लेकिन उच्च न्यायालय ने माता-पिता को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
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नो वन किल्ड जेसिका
साल 1999 में कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने मॉडल जेसिका लाल की गोली मार कर हत्या कर दी थी. जेसिका की हत्या और न्याय पाने के लिए जेसिका के परिवार के संघर्ष को इस फिल्म में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है.
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मद्रास कैफे
1980 के दशक में श्रीलंकाई गृहयुद्ध में भारतीय हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि पर बनी मद्रास कैफे को आलोचकों ने बेहद सराहा. फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या से जुड़े पूरे घटनाक्रम को दिखाया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
नॉट ए लव स्टोरी
मुंबई के एक मशहूर टीवी प्रोडक्शन हाउस सिनर्जी एडलैब्स के अधिकारी नीरज ग्रोवर की हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड की इसी पृष्ठभूमि पर रामगोपाल वर्मा ने यह फिल्म बनायी. असल मामले में ग्रोवर की हत्या के आरोप में अभिनेत्री मारिया सुसाइराज और उनके प्रेमी लेफ्टिनेंट एमएल जेरोम मैथ्यू को गिरफ्तार भी किया गया था.
तस्वीर: Bohra Bros Prod. Pvt. Ltd..
वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई
यह फिल्म कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और हाजी मस्तान के संबंधों को प्रतीकात्मक ढंग से दिखाती है. फिल्म 70 के दशक के उस मुंबई को दिखाती है जब शहर में अंडरवर्ल्ड का दबदबा हुआ करता था. हालांकि विवादों से बचने के लिए फिल्म में चरित्रों और जगहों के नाम बदले गये हैं.
तस्वीर: Balaji Motion Pictures
शूटआउट एट लोखंडवाला
यह फिल्म साल 1991 में एसीपी एए खान की अगुवाई में मुंबई पुलिस और गैंगस्टर माया डोलास के बीच हुई मुठभेड़ पर आधारित है. यह मुठभेड़ मुंबई के लोखंडवाला परिसर में हुई थी, जिसमें डी कंपनी के लिए काम करने वाले 25 साल के डोलास की मौत हो गयी थी.
तस्वीर: Balaji Telefilms
फिराक
यह अभिनेत्री नंदिता दास की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी. साल 2008 में आई यह फिल्म 2002 के गुजरात दंगों की पृष्ठभूमि पर बनायी गयी थी. इसमें दंगों की बजाय आम लोगों पर इन दंगों का क्या असर हुआ उसको दिखाया गया था.
तस्वीर: Percept Picture Company
ब्लैक फ्राइडे
निर्देशक अनुराग कश्यप की यह फिल्म साल 1993 के मुंबई बम धमाकों पर आधारित है. यह बॉलीवुड की सबसे विवादित फिल्मों में से एक है. फिल्म को साल 2004 में रिलीज किया जाना था लेकिन विवादों के चलते फिल्म 2007 में रिलीज हो सकी.
तस्वीर: Jhamu Sughand/Adlabs films
हे राम
कमल हासन अभिनीत यह फिल्म भारत विभाजन और नाथूराम गोडसे द्वारा महात्मा गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर आधारित है. इस फिल्म पर काफी विवाद रहा लेकिन बाद में इसे भारत की ओर से ऑस्कर में भी भेजा गया.