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श्टुटगार्ट की शान

२१ अगस्त २००९

सन 1893 में स्थापित वीएफ़बी श्टुटगार्ट एक पुराना क्लब तो है ही, साथ ही उसे मर्सेडीज़-बेन्त्ज़ की सरपरस्ती हासिल है. क्लब का स्टेडियम भी मर्सेडीज़-बेन्त्ज़ आरेना में है, जहां लगभग 56 हज़ार दर्शकों के बैठने की जगह है.

इस सत्र का पहला खेलतस्वीर: AP

1950 में श्टुटगार्ट पहली बार बुंडेसलीगा चैंपियन बना, और तबसे उसे कुल मिलाकर पांच बार चैंपियन बनने का मौका मिला है. आखिरी बार वह सन 2007 में चैंपियन बना. इसके अलावा वह तीन बार डीएफ़बी कप जीत चुका है. 45 हज़ार सदस्यों के साथ उसे जर्मनी का एक बड़ा क्लब माना जाता है.

श्टुटगार्ट को काफ़ी पैसेवाला क्लब माना जाता था, लेकिन साथ ही काफ़ी खर्चीला भी.

इसकी वजह से सन 2005 और 2006 में उसे कई नामी-गिरामी खिलाड़ियों से हाथ धोना पड़ा. लेकिन कोच आर्मिन फ़ेह के कुशल निर्देशन में और युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा के बल पर वह धीरे-धीरे आगे बढ़ता रहा, और सन 2007 में वह बुंडेसलीगा चैंपियन बन सका.

लेकिन अगले सत्र में उसकी हालत पतली दिख रही थी, 14 खेलों के बाद वह 11वें स्थान पर था. कभी बेहद सफल रहे कोच फ़ेह को जाना पड़ा. उनकी जगह पर आए मार्कुस बाबेल के नेतृत्व में क्लब काफ़ी आगे बढ़ सका, और अंत में उसे बुंडेसलीगा तालिका में तीसरा स्थान मिला.

इस सत्र में श्टुटगार्ट को पहले मैच में पिछले सत्र के चैंपियन वोल्फ़्सबुर्ग का सामना करना पड़ा और उसकी हार हुई. दूसरे मैच में फ़्राइबुर्ग को 4-2 से हराकर वह तीन अंकों के साथ सातवें स्थान पर है.

लेखक: उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादन: एस जोशी

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