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'श्रीलंका क्रिकेट में चापलूसी और भ्रष्टाचार'

५ जुलाई २०११

श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की कड़ी आलोचना की. लॉर्ड्स में आयोजित एक विशेष समारोह में संगकारा ने चापलूसी, अविश्वास और भ्रष्टाचार का दर्द बयां किया.

तस्वीर: AP

श्रीलंका को वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाने वाले कप्तान कुमार संगकारा ने एमसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट को संबोधित करते हुए कहा, "टीम के भीतर खिलाड़ी और बोर्ड में अधिकारी जोड़ तोड़ के खेल में लगे रहते हैं. अधिकारी ऐसे चुनाव करते हैं ताकि अपने हित साधने के लिए खिलाड़ियों की वफादारी को चालाकी से मोड़ा जा सके. कई बार बोर्ड की राजनीति टीम तक फैल जाती है, जिससे अविश्वास और बुरा अनुभव होता है."

संगकारा के मुताबिक बोर्ड की वजह से उनके देश क्रिकेट की चमक खो चुकी है. उन्होंने 1996 वर्ल्ड कप की जीत को देश की क्रिकेट के लिए संजीवनी बताया, "जीत के बाद एकजुट लोगों की वजह से स्वंयसेवी ढंग से चलने वाली एक संस्था करोड़पति संस्था में बदल गई और वहीं से बुरा दौर शुरू हुआ. 1996 के बाद क्रिकेट बोर्ड को कुछ लोगों ने नियंत्रित किया, परोक्ष या अपरोक्ष रूप से. चुनाव के आधार पर वह आते जाते रहे. दुर्भाग्य ताकत बनाए रखने के लिए उन लोगों ने प्रशासन में उन लोगों के लिए रास्ता खोल दिया जिन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और क्रिकेट बोर्ड के पैसे और संसाधनों को बर्बाद किया.''

11 साल से श्रीलंका के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे बाएं हत्था बल्लेबाज ने कहा, "प्रशासनिक खींचतान का असर टीम पर देखा जा सकता है. प्रशंसकों का अब क्रिकेट के प्रति मोह कम होने लगा है. यह बहुत खतरनाक है क्योंकि खेल को प्रशासन या टीम नहीं चलाते, खेल को प्रशंसक आगे बढ़ाते हैं. यह उन्हीं का जज्बा है जो खेल को यहां तक ले जाता है, अगर प्रशंसक पीछे हट गए तो पूरा तंत्र ढह जाएगा."

तस्वीर: AP

पिछले हफ्ते श्रीलंका के खेल मंत्रालय ने श्रीलंका क्रिकेट की अंतरिम समिति को भंग कर दिया. भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी की वजह से वर्ल्ड कप के संयुक्त मेजबान श्रीलंका के माथे 6.9 करोड़ डॉलर का बिल पड़ गया. इसके बाद आईसीसी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को 2013 तक राजनीति से दूर नहीं किया गया तो प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.

विकेटकीपर बल्लेबाज संगकारा मानते हैं, "प्रशासन की जवाबदेही, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सत्ता के लिए छिड़ी अंधी लड़ाई में खो गई है. श्रीलंका क्रिकेट के पास ठोस और स्पष्ट प्रशासन नहीं रहेगा. अध्यक्ष और कार्यकारी समितियां आएंगी और जाएंगी. सरकार की बनाई अंतरिम समितियां नियुक्त होंगी और भंग होंगी."

एक घंटे तक क्रिकेट जगत को संबोधित करने वाले संगकारा ने जोर देकर कहा कि श्रीलंकाई क्रिकेट को भ्रष्टाचार को हराना ही होगा. 30 साल के गृहयुद्ध के घावों को भरने का क्रिकेट ही सबसे बड़ा जरिया है. उन्होंने तमिल क्रिकेट प्रशंसकों का हवाला देते हुए कहा राजनीतिक विरोध के बावजूद क्रिकेट ही ऐसा खेल है जो देश के दो समुदायों को साथ लेकर चल पाने में सक्षम है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़

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