श्रीलंका में बुर्के पर बैन लगाने की मांग उठ रही है. लेकिन सरकार का कहना है कि वह इस बारे में कोई भी फैसला सोच समझकर ही लेगी. सैकड़ों इस्लामी मदरसों को भी सरकार बंद करने की योजना बना रही है.
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श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वीरासेकरा का कहना है कि वह बुर्के पर बैन लगाने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूर हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके मुताबिक यह ऐसा विषय है जिसका "राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा असर होगा". उन्होंने कहा, "पहले हमारे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त होते थे लेकिन मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों ने कभी बुर्का नहीं पहना. यह चरमपंथ की निशानी है, जो हाल ही में शुरू हुई है. हम निश्चित रूप से इस पर प्रतिबंध लगाएंगे."
दूसरी तरफ, सरकार के प्रवक्ता केहेलिया रामबुकेवेला का कहना है कि बुर्के पर प्रतिबंध लगाना एक गंभीर विषय है और इस पर सबसे बात करके आम राय बनानी होगी. वह कहते हैं, "इसके लिए विचार विमर्श करना होगा, तो इसमें समय लगेगा."
इससे पहले, एक पाकिस्तानी राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने संभावित प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई. पाकिस्तानी राजदूत साद खटक ने ट्वीट कर कहा कि बैन लगाने से मुसलमानों की भावनाओं को ठेस लगेगी. वहीं धार्मिक आजादी पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि अहमद शहीद ने ट्वीट किया कि प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय कानून और धार्मिक अधिकारियों की आजादी और अभियव्यक्ति के मुताबिक नहीं है.
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बुरका, हिजाब या नकाब: फर्क क्या है?
बुरका, हिजाब या नकाब. ये शब्द तो आपने कई बार सुने होंगे. लेकिन क्या आप शायला, अल अमीरा या फिर चिमार और चादर के बारे में भी जानते हैं. चलिए जानते हैं कि इन सब में क्या फर्क है.
मुस्लिम पहनावा
सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों में सबसे ताजा नाम ऑस्ट्रिया का है. बुर्के के अलावा मुस्लिम महिलाओं के कई और कपड़े भी अकसर चर्चा का विषय रहते हैं.
शायला
शायला एक चोकोर स्कार्फ होता है जिससे सिर और बालों को ढंका जाता है. इसके दोनों सिरे कंधों पर लटके रहते हैं. आम तौर पर इसमें गला दिखता रहता है. खाड़ी देशों में शायला बहुत लोकप्रिय है.
हिजाब
हिजाब में बाल, कान, गला और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढंका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है. हिजाब अलग अलग रंग का हो सकता है. दुनिया भर में मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं.
अल अमीरा
अल अमीरा एक डबल स्कार्फ होता है. इसके एक हिस्सा से सिर को पूरी तरह कवर किया जाता है जबकि दूसरा हिस्सा उसके बाद पहनना होता है, जो सिर से लेकर कंधों को ढंकते हुए छाती के आधे हिस्से तक आता है. अरब देशों में यह काफी लोकप्रिय है.
चिमार
यह भी हेड स्कार्फ से जुडा हुआ एक दूसरा स्कार्फ होता है जो काफी लंबा होता है. इसमें चेहरा दिखता रहता है, लेकिन सिर, कंधें, छाती और आधी बाहों तक शरीर पूरी तरह ढंका हुआ होता है.
चादर
जैसा कि नाम से ही जाहिर है चादर एक बड़ा कपड़ा होता है जिसके जरिए चेहरे को छोड़ कर शरीर के पूरे हिस्से को ढंका जा सकता है. ईरान में यह खासा लोकप्रिय है. इसमें भी सिर पर अलग से स्कार्फ पहना जाता है.
नकाब
नकाब में पूरे चेहरे को ढंका जाता है. सिर्फ आंखें ही दिखती हैं. अकसर लंबे काले गाउन के साथ नकाब पहना जाता है. नकाब पहनने वाली महिलाएं ज्यादातर उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में दिखायी देती हैं.
बुरका
बुरके में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढंका होता है. आंखों के लिए बस एक जालीनुमा कपड़ा होता है. कई देशों ने सार्वजनिक जगहों पर बुरका पहनने पर प्रतिबंध लगाया है जिसका मुस्लिम समुदाय में विरोध होता रहा है.
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बढ़ता तनाव
इससे पहले श्रीलंका में 2019 में कुछ समय के लिए बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया था. यह फैसला ईस्टर के मौके पर चर्चों और होटलों पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बाद लिया गया था. इन हमलों में 260 लोग मारे गए थे. कुल छह जगहों पर हुए हमलों के लिए दो इस्लामी कट्टरपंथी संगठनों को जिम्मेदार माना गया जो खुद को इस्लामिक स्टेट से जुड़ा बताते थे.
हमलों के दौरान दो रोमन कैथोलिक चर्च और एक प्रोटेस्टेंट चर्च के साथ साथ तीन बड़े होटलों को निशाना बनाया गया था. इन बम धमाकों ने देश की छवि को नुकसान पहुंचाया जिसकी अर्थव्यवस्था बहुत हद तक पर्यटन पर टिकी है. 2019 के बम धमाकों के बाद बहुसंख्यक बौद्धों और अल्पसंख्यक मुसलमानों के बीच लगातार तनाव बढ़ा है. कई सुरक्षा अधिकारी बढ़ते इस्लामी चरमपंथी से निपटने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं.
श्रीलंका की सरकार देश भर में एक हजार से ज्यादा मदरसों को बंद करने की योजना भी बना रही है. अधिकारियों का कहना है कि उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है और वहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मान्य पाठ्यक्रम को नहीं पढ़ाया जा रहा है. 2.2 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में सिर्फ नौ प्रतिशत मुसलमान हैं. इसीलिए बुर्के पहने हुए महिलाएं श्रीलंका में ज्यादा नहीं दिखाई देती हैं. वहीं बहुसंख्यक बौद्धों की आबादी 70 प्रतिशत से ज्यादा है. देश में 15 प्रतिशत आबादी तमिलों की है, जिनमें ज्यादातर हिंदू हैं.
एके/आईबी (एएफपी, एपी)
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