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संकट में पाकिस्तान क्रिकेट

४ जून २०११

शाहिद अफरीदी के संन्यास ने पाकिस्तान क्रिकेट को एक बार फिर संकट में ला दिया है. पिछले ढाई साल में एक और संकट. यह वही ढाई साल हैं, जब से एजाज बट पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष बने हैं. पाक क्रिकेट के सबसे बुरे दिन.

संकट में पाक क्रिकेटतस्वीर: AP

खिलाड़ियों पर जुर्माना, उनके संन्यास, संन्यास तोड़ कर वापसी, मैच फिक्सिंग और आतंकवादी हमले. इन ढाई सालों में पाकिस्तान क्रिकेट ने सब कुछ देख लिया है. और ऐसे बुरे दिन देखने के बाद जब उनका क्रिकेट एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा होता दिख रहा था, नीचे की जमीन खींच ली गई. नाराजगी में शाहिद अफरीदी के संन्यास ने पाकिस्तान क्रिकेट पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.

यह पाकिस्तान क्रिकेट के लिए खुशी की बात होनी चाहिए थी कि क्रिकेट की समझ रखने वाले शख्स को उनके बोर्ड का जिम्मा सौंपा गया लेकिन शायद यह उनकी सबसे बड़ी बदकिस्मती साबित हुई. 73 साल के एजाज बट पाकिस्तान बोर्ड को संभालने से कहीं ज्यादा विवादों और अपनी बचकानी जिदों के बीच घिरे रहे. अफरीदी का कहना है कि बट के रहते पाकिस्तान क्रिकेट का भला नहीं हो सकता और शायद अफरीदी ठीक ही हैं.

फेल बट

बट ने पीसीबी अध्यक्ष के तौर पर दर्जनों चुनौतियां देखीं. लेकिन अफसोस कि वह सभी चुनौतियों में फेल हो गए. पिछले साल जब पाकिस्तान पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे, तो अपनी गिरेबां झांकने और टीम को एक साथ रखने की जगह उन्होंने इंग्लैंड के क्रिकेटरों पर भी फिक्सिंग के आरोप लगा दिए. फिर बाद में इससे पीछे हट गए. फिर माफी मांगनी पड़ी. कई बार इंग्लैंड जाना पड़ा और खासा वक्त बर्बाद करना पड़ा.

बट अपने फैसलों को बार बार बदलने के लिए मशहूर हो गए हैं. पिछले साल सात पाकिस्तानी खिलाड़ियों को तरह तरह की सजा दी गई. लेकिन तीन महीने बाद ही उनमें से छह की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी हो गई और एक को कप्तान भी बना दिया गया. ऊटपटांग आरोप लगाने और फिर पीछे हट जाने की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पीसीबी की साख गिरती चली गई. और इसके सबसे बड़े जिम्मेदार पीसीबी अध्यक्ष खुद हैं.

कुर्सी पर चिपके

एजाज बट से दर्जनों बार पद छोड़ने की अपील हुई लेकिन कभी खुद को संसदीय कार्यवाही से अलग बता कर तो कभी कुछ और तिकड़म लगा कर वह पद पर बने रहे और खिलाड़ियों का नुकसान होता रहा. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने अक्तूबर 2008 में बट को पाकिस्तान क्रिकेट का अध्यक्ष बनाया और सही मायनों में तभी से वहां के क्रिकेट पर संकट छाने लगा. पहले जेफ लॉसन को अजीब परिस्थितियों में कोच पद से हटाया गया और फिर भारत में 26/11 का आतंकवादी हमला हो गया.

अफरीदी के संन्यास से बड़ा बवालतस्वीर: picture alliance/dpa

इसके फौरन बाद भारत ने पाकिस्तान से क्रिकेट रिश्ते तोड़ लिए और बाद में श्रीलंका की टीम पर लाहौर के अंदर आतंकवादी हमले ने पाकिस्तान क्रिकेट की कमर तोड़ कर रख दी. इन संकटों से गंभीरता से निपटने की बजाय बट साहब इधर उधर आरोप लगाने में जुट गए और जब आईसीसी ने पाकिस्तान में सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट रोक देने का फैसला किया तो वह एक आईसीसी अधिकारी पर पिल पड़े कि वह मामले को बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहे हैं.

देश के क्रिकेट को नुकसान

देश के अंदर उनका जावेद मियांदाद से झगड़ा हो चुका था, जिसका खामियाजा टीम को उठाना पड़ा और मियांदाद ने पीसीबी के महानिदेशक का पद छोड़ दिया. पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के दौरे के बाद पीसीबी ने आनन फानन में सात खिलाड़ियों को सजा दे दी. बहुत सख्त सजा. और बाद में सबको जीवनदान दे दिया गया. इसकी वजह से बट की छवि एक नकारा प्रशासक के तौर पर बनने लगी. पिछले साल इंग्लैंड में मैच फिक्सिंग का मामला सामने आया तो पाकिस्तान बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों को मुस्तैद करने की जगह उनका बचाव करने का फैसला किया और बट ने तो हद ही कर दी. उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट पर बिना किसी सबूत के फिक्सिंग के आरोप लगाए. बाद में उन्हें इसका खासा खामियाजा भुगतना पड़ा और इंग्लैंड से माफी मांगनी पड़ी.

गिरी इज्जत

हाल के दिनों में पीसीबी की साख बहुत गिरी है और पिछले साल बोर्ड की टॉप मीटिंग का एक वीडियो लीक हो गया, जिसमें कुछ खिलाड़ियों पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही थी. पाकिस्तान टीम के कुछ खिलाड़ियों का आए दिन मैच फिक्सिंग में नाम आता रहा है लेकिन उन पर कार्रवाई करने की जगह शाहिद अफरीदी जैसे खिलाड़ियों पर डंडा चलाया गया, जो पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया में लोकप्रिय हैं. जिन्होंने गिरे हुए मनोबल वाली टीम को तैयार किया और उसे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक पहुंचाया.

अफरीदी के संन्यास के बाद पीसीबी ने उनसे बातचीत करने की जगह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला कर लिया. उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजे जा रहे हैं और लीग मुकाबलों में भी उनके खेलने में रोड़े अटकाए जा रहे हैं. यह पाकिस्तान बोर्ड की एक और गलती साबित हो सकती है. हो सकता है कि देर सबेर अफरीदी पाकिस्तान टीम में लौट आएं लेकिन तब तक क्या टीम किसी काम की रहेगी.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः महेश झा

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