संघर्षविराम पर सहमति के बाद अजरबाइजान का सैन्य अभियान थमा
२० सितम्बर २०२३अर्मेनियाई अलगाववादियों के साथ हुई सहमति में यह तय हुआ है कि एक दिन बाद एकीकरण पर बातचीत होगी. अजरबाइजान के रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “रूसी शांति अभियान के जरिये मिली काराबाख के अर्मेनियाई निवासियों के प्रतिनिधियों की अपील पर स्थानीय आतंकवाद विरोधी उपायों को 20, सितंबर दोपहर एक बजे (जीएमटी 0900 बजे) से रोकने का फैसला लिया गया है."
अजरबाइजान के राष्ट्रपति कार्यालय ने अलगाववादियों से गुरुवार को बातचीत की अलग से पुष्टि की है.
इससे पहले नागोर्नो काराबाख के इलाके में अजरबाइजान का सैन्य हमला दूसरे दिन भी जारी था. अमेरिका, रूस समेत कई देशों ने हमले तुरंत बंद करने की अपील की थी. अजरबाइजान का कहना था कि अलगाववादियों के समर्पण करने के बाद ही हमले रुकेंगे.
दो नागरिकों समेत 27 लोगों की मौत
अजरबाइजान के सैन्य अभियान में अब तक दो नागरिकों सहित कम से कम 27 लोग मारे गए हैं और 16 गांवों से 7,000 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया है. अलगाववादियों का कहना है कि अजरबाइजान ने टैंक, हवाई जहाज और ड्रोन से हमले किए हैं.
बुधवार को अजरबाइजान के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर बताया कि राष्ट्रपति इलहाम अलीयेव ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक फोन कॉल में कहा, अगर अर्मेनियाई अलगाववादियों ने "हथियार डाल दिए" तो नागोर्नो-काराबाख में अजरबाइजान का अभियान समाप्त हो जाएगा. अजरबाइजान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसकी सेना ने मंगलवार को पहाड़ी क्षेत्र में 60 से अधिक सैन्य चौकियों पर नियंत्रण कर लिया.
अजरबाइजान और अर्मेनिया की लड़ाई किस लिए
अलगाववादियों का कहना है कि अब तक की लड़ाई में दो नागरिकों सहित कम से कम 27 लोग मारे गए हैं. रूस ने कहा कि नागोर्नो-काराबाख में उसका 2,000 लोगों वाला शांति मिशन नागरिकों को निकाल रहा है और चिकित्सा सहायता दे रहा है.
नागोर्नो-काराबाख, पर्वतीय दक्षिण काकेशस क्षेत्र में स्थित है, और दुनिया के सबसे लंबे समय तक चलने वाले संघर्षों में से एक के केंद्र में है. इलाके में हिंसा का नया दौर दिसंबर 2022 में अजरबाइजान के एक महत्वपूर्ण मार्ग की नाकाबंदी करने के बाद शुरू हुआ. अजरबाइजान ने अर्मेनिया पर सैन्य आपूर्ति लाने के लिए सड़क का उपयोग करने का आरोप लगाया, जिसे आर्मेनिया ने खारिज किया था.
नागोर्नो-काराबाख में बढ़ता तनाव
लाचिन कॉरिडोर में नागोर्नो-काराबाख एकमात्र सड़क है जो नागोर्नो-काराबाख को आर्मेनिया गणराज्य से जोड़ती है. इस क्षेत्र में लगभग 120,000 अर्मेनियाई जाति के लोग रहते हैं. यह आपूर्ति के लिए एक प्रमुख सड़क है. नागोर्नो-काराबाख के निवासियों ने हाल के महीनों में खाने पीने की चीजों और दवाओं की सप्लाई में गंभीर कमी की बात कही है.
राष्ट्रपति अलीयेव ने ब्लिंकन को बताया कि "हमारे देश के काराबाख क्षेत्र में रहने वाले अर्मेनियाई निवासियों के प्रतिनिधियों को अजरबाइजान के राष्ट्रपति के द्वारा चर्चा करने के लिए कई बार आमंत्रित किया गया, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया." कॉल के रीडआउट के अनुसार, उन्होंने यह भी कहा, "हालांकि, जब स्थानीय आतंकवाद विरोधी उपाय जारी रहे तो उन्हें फिर से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया."
अलीयेव ने कहा कि ऑपरेशन में नागरिक आबादी और बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बनाया जा रहा है, केवल "वैध सैन्य लक्ष्यों" को नष्ट कर दिया गया था. ब्लिंकेन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अमेरिका अजरबाइजान के सैन्य अभियान से "गहराई से चिंतित" है और उसने "इस कार्रवाई को तुरंत बंद करने" का आह्वान किया.
रूस ने भी लड़ाई रोकने की अपील की
रूस और तुर्की, नागोर्नो-काराबाख में एक शांति मिशन की देखरेख करते हैं.रूस इस इस विवाद में मध्यस्थ की भूमिका निभाता रहा है. बीते महीनों में उसका ध्यान यूक्रेन युद्ध की तरफ है जिस बीच यह मामला बढ़ गया है.
अलगाववादी ताकतों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के बाद, रूस और संयुक्त राष्ट्र ने भी बुधवार को अजरबाइजान के अलग हुए नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में लड़ाई को समाप्त करने का आह्वान किया. इन सब के बीच, अजरबाइजान के राष्ट्रपति ने कहा, "अवैध अर्मेनियाई सशस्त्र बलों को सफेद झंडा फहराना चाहिए. नहीं तो, आतंकवाद विरोधी उपाय अंत तक जारी रहेंगे."