सीरिया में शांति समाधान की कोशिशों के बीच उत्तरी सीरिया रूस और तुर्की के बीच सीधी लड़ाई का केंद्र बनता जा रहा है. रूस ने सीरियाई सेना और कुर्द मिलिशिया पर तुर्की के हमलों को उकसावा बताया है.
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सीरिया में सरकारी सेना और कुर्द ठिकानों पर तुर्की के हमलों के बाद रूस ने इसे उकसावे की कार्रवाई बताया है. रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, "फरवरी 13 से सीमा पर तैनात तुर्की आर्टिलरी हाल में आतंकवादियों से सरकारी सैनिकों और कुर्द मिलिशिया द्वारा छीने गए इलाकों पर भारी हमले कर रही है." रूसी बयान में कहा गया है कि इन हमलों में बहुत से सामान्य लोग मारे गए हैं और ढांचागत संरचनाओं और इमारतों को क्षति पहुंची है. मॉस्को ने इसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के लिए छुपा समर्थन बताया है.
मॉस्को पिछले सितंबर से सीरिया में बशर अल असद की सरकार के समर्थन में सैनिक अभियान चला रहा है और साथ ही उसने सीरियाई कुर्दों के साथ मोर्चा भी बनाया है जिसने पिछले हफ्ते मॉस्को में अपना दफ्तर खोला है. उधर तुर्की पिछले तीन दिन से कुर्द मिलिशिया के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है. उसका कहना है कि सीरिया कुर्दों के तुर्की के प्रतिबंधित कुर्द संगठन पीकेके के साथ संबंध हैं जो दशकों से तुर्क सरकार के खिलाफ लड़ रहा है. पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद अंकारा का कहना है कि वह कुर्दों पर हमले जारी रखेगा.
भुखमरी में लिपटा शहर मदाया
तीन महीने तक भुखमरी से जूझने के बाद आखिरकार सीरियाई शहर मदाया को मानवीय मदद पहुंचनी शुरू हुई. सरकार समर्थित सेना से घिरे मदाया की बदहाली बयान करती तस्वीरें.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
शहर में फंसे लोग
सीरिया में जारी गृहयुद्ध के चलते विद्रोहियों और आईएस कट्टरपंथियों ने मदाया पर कब्जा कर रखा है. शहर की सीमा को सरकार समर्थित सेना ने घेरा हुआ है. मदाया तक खाने पीने की सामग्री के नहीं पहुंच पाने के कारण लोग घास और पत्तियां तक खाने को मजबूर हो गए.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
पानी और नमक
मदाया से आई तस्वीरों में लोगों की बदहाली साफ झलकती है. कई लोग कचरे में से खाने पीने की चीजें ढूंढने को मजबूर हो गए. माओं ने दूध की जगह बच्चों को पानी में नमक घोलकर पिलाया.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
भीषण भुखमरी
5 जनवरी 2016 के एक वीडियो से ली गई इस बच्चे की तस्वीर इसकी भूख और प्यास को खुलकर बयान करती है. ठंड बढ़ जाने के कारण परेशानियां और बढ़ गई हैं.
तस्वीर: Reuters
बच्चों को कष्ट
बड़ों के युद्ध में अक्सर बच्चे, बूढ़े और महिलाएं शिकार बनने हैं. सितंबर से कोई बाहरी मदद ना पहुंच पाने के कारण मदाया में बुरा हाल रहा. यह तस्वीर फ्रांस में सीरियाई विद्रोहियों से उपलब्ध हुई. डीडब्ल्यू ने इनकी पुष्टि नहीं की है.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
मानवीय त्रासदी
सीरिया में घास की रोटी खाने को मजबूर हुए लोगों की तस्वीरें देखकर दुनिया भर में रोष की लहर है. अंतरराष्ट्रीय समूह इसे मानवीय तबाही का दर्जा दे रहे हैं.
तस्वीर: Aktivisten aus Madaja
विरोध की लहर
यह तस्वीर सीरियाई शहर इदलिब की है जहां लोग मदाया मदद पहुंचाने की गुहार के साथ ही ग्रह युद्ध के संकट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AA/F. Faham
मदद कैसे पहुंचती
मदाया से निकल भागने की कोशिश में कई लोग गोलियों का शिकार हुए और मारे गए. सरकार समर्थित सेना ने जुलाई से शहर के चारों तरफ बाड़ लगा रखी है. सीमाएं बंद होने के कारण शहर में मदद का पहुंचना मुश्किल हो गया.
तस्वीर: picture alliance/dpa/P. Krzysiek
पहुंची मदद
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद से अनुमति मिलने के बाद वर्ल्ड फूड प्रोग्राम, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट की तरफ से मदद पहुंचनी शुरू हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/L. Beshara
अन्य शहरों को मदद
सिर्फ मदाया ही नहीं सीरिया के अन्य शहरों फुआ और कफराया में भी भोजन और दवाओं की सख्त जरूरत है. सालों से जारी ग्रह युद्ध ने सीरिया को तबाह करके रख दिया है.
तस्वीर: Reuters/O. Sanadiki
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तुर्की के प्रधानमंत्री अहमत दावुतोग्लू ने इस बात का खंडन किया है कि उनकी सेना सीरिया के अंदर है, लेकिन साथ ही आरोप लगाया है कि रूस सीरिया में आतंकवादी संगठन की तरह व्यवहार कर रहा है. यूक्रेनी नेताओं से बातचीत के लिए कीव गए दावुतोग्लू ने कहा, "यदि रूस आतंकवादी संगठन की तरह व्यवहार करना और नागरिकों को भागने पर मजबूर करना जारी रखता है तो हम अत्यंत निर्णायक जवाब देंगे." उन्होंने कहा कि तुर्की सीरिया के उत्तरी शहर आजाज को कुर्द मिलिशिया के हाथों नहीं जाने देगा और यदि वे फिर से कोशिश करते हैं तो उन्हें कठोर प्रतिक्रिया का सामना करना होगा.
रूसी बमबारी और ईरान के शिया मिलिशिया की मदद से सीरिया सेना को तुर्की की सीमा के 25 किलोमीटर करीब पहुंचने में कामयाबी मिल गई है. कुर्द संगठन वाईपीजी ने स्थिति का फायदा उठाकर तुर्क सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत बना ली है. तुर्की वाईपीजी को आतंकवादी संगठन मानता है. उत्तरी सीरिया में कुर्द प्रभाव बढ़ने से तुर्की इसलिए भी परेशान है क्योंकि उसे डर है कि इससे तुर्की के कुर्द इलाकों में अलगाववादी ताकतों को बल मिलेगा. दावुतोग्लू का कहना है कि यदि वाईपीजी अलेप्पो के उत्तर में स्थित मेनाग एयरबेस पर कब्जा नहीं छोड़ता है तो तुर्की उसे काम के लायक नहीं रहने देगा. उन्होंने वाईपीजी को आफरीन से पूरब में और यूफरेट्स के पश्चिम में न बढ़ने की चोतावनी दी है.
आतंकी हमलों की जद में देश
विजन ऑफ ह्यूमैनिटी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 2000 से अब तक आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों की संख्या पांच गुना बढ़ी है. दुनिया के कौन से देश आतंकी घटनाओं के सबसे ज्यादा शिकार हैं, एक नजर...
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Suna
1. इराक
साल 2014 के आंकड़ों पर आधारित ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के मुताबिक इराक आतंकी गतिविधियों में सबसे आगे हैं. 2014 में इराक में 3370 आतंकी हमले हुए जिनमें करीब 10,000 लोग मारे गए और 15,000 के करीब घायल हुए.
तस्वीर: SAFIN HAMED/AFP/Getty Images
2. अफगानिस्तान
दूसरे स्थान पर है अफगानिस्तान. 2014 में अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमलों में 4500 लोग मारे गए और 4700 जख्मी हुए. अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों के हटाए जाने के बाद भी वहां तालिबान का साया बरकरार है. बीते दिनों कुंदुस में हुए हमलों में बड़ी संख्या में नागरिक मारे गए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Tanveer
3. नाइजीरिया
नाइजीरिया में आतंकवादी समूह बोको हराम के 662 हमलों में 7512 लोग मारे गए. इन हमलों में 22,000 लोग घायल हुए. विजन ऑफ ह्यूमैनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक बोको हराम के हमलों में मारे जाने वाले 77 फीसदी लोग निहत्थे नागरिक थे.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
4. पाकिस्तान
पाकिस्तान में 2014 में आतंकवाद संबंधी 1821 घटनाएं हुईं. इनमें 1760 लोग मारे गए और 2836 घायल हुए. पाकिस्तान में कई आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं लेकिन प्रमुख है तहरीक ए तालिबान. पेशावर में स्कूल पर हुए हमले की जिम्मेदारी भी इसी ने ली थी जिसमें 132 स्कूली छात्र मारे गए.
तस्वीर: AFP/Getty Images/A Majeed
5. सीरिया
सीरिया में आतंकवाद और गृह युद्ध के शिकार लोगों के बीच अंतर करना आसान नहीं है. विजन ऑफ ह्यूमैनिटी संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया में 2014 में 232 आतंकवादी हमले हुए जिनमें मुख्य हाथ इस्लामिक स्टेट और अल नुसरा मोर्चे का था.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Y. Akgul
6. भारत
2008 के मुंबई हमले के बाद ऐसा माना जाता है कि भारत में कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई, लेकिन विजन ऑफ ह्यूमैनिटी की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में भारत में 763 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 416 लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर साम्यवादियों, इस्लामी कट्टरपंथियों और अलगाववादियों का हाथ था. पिछले साल माओवादियों ने हमला कर पुलिस और सुरक्षा बल के 22 जवानों की हत्या कर दी.
तस्वीर: AP
7. यमन
कुल 512 आतंकी हमलों के साथ 2014 यमन के लिए एक बुरा साल रहा. इन घटनाओं में 654 लोग मारे गए. यमन में इन हमलों के लिए अल कायदा और हूथी विद्रोही जिम्मेदार हैं. यमन में अल कायदा एकमात्र ऐसा संगठन है जो आत्मघाती हमले करता है.
तस्वीर: Reuters/K. Abdullah
8. सोमालिया
2014 सोमालिया के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा खूनखराबे वाला साल था. 469 आतंकी घटनाओं में करीब 800 लोग मारे गए. अफ्रीकी देश में अल शबाब आतंकवादी समूह सबसे बड़ा खतरा है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Abdiwahab
9. लीबिया
लीबिया में 2014 में आतंकी गतिविधियों में अचानक 225 फीसदी तेजी आई. 554 आतंकी हमलों में 429 लोगों ने जान गंवा दी. लीबिया में कई आतंकी समूह सक्रिय हैं जिनमें एक इस्लामिक स्टेट भी है.
तस्वीर: Reuters/E.O. Al-Fetori
10. थाईलैंड
2014 में थाईलैंड में 336 आतंकी घटनाएं हुईं जिनमें 156 लोग मारे गए. ज्यादातर घटनाएं दक्षिणी इलाकों में हुईं जहां मलय मुसलमानों का सरकारी बलों के खिलाफ संघर्ष जारी है. थाईलैंड में होने वाले 60 फीसदी आतंकी हमले बम धमाकों के रूप में हुए.
तस्वीर: P. Kittiwongsakul/AFP/Getty Images
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विद्रोहियों के कब्जे वाले आजाज शहर पर स्कूल और अस्पताल पर हुए नए हमलों में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं. जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने म्यूनिख में तय संघर्षविराम के लागू होने से पहले मॉस्को, अंकारा और कुर्द लड़ाकों से संयम बरतने की अपील की है. ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान श्टाइनमायर ने कहा, "म्यूनिख समझौते के तहत सभी पक्षों से अपील है कि वे हिंसा में फौरी कमी में योगदान दें. ये रूस के सैनिक अभियान और अलेप्पो के इलाके में सीरियाई सेना और उत्तरी सीरिया में कुर्द डेमोक्रैटिक यूनियन पार्टी की मिलिशिया वाईपीजी के लिए लागू होता है. तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए तुर्की को भी संयम दिखाना चाहिए."
इसके पहले अमेरिका ने भी तुर्की और सीरियाई कुर्दों से इस्लामिक स्टेट के साझा खतरे से निबटने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की थी. तुर्की ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बयान पर सदमे का इजहार किया है जिसमें उसके अनुसार अंकारा और वाईपीजी के लड़ाकों को एक ही तराजू में रखा गया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबी ने दोनों से साझा दुश्मन इस्लामिक स्टेट पर ध्यान देने की अपील की थी जिसने सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है. वाईपीजी के लिए वॉशिंगटन का समर्थन तुर्की को चुभता रहा है. तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तांजू बिलजिच ने कहा कि किसी भी आतंकी संगठन से लड़ने के लिए तुर्की किसी की इजाजत नहीं मांगेगा.
एमजे/आईबी (रॉयटर्स, एएफपी)
सीरिया में शक्ति प्रदर्शन
यूरोप शरणार्थी संकट और आतंकी हमलों की आशंका से जूझ रहा है तो सीरिया में विश्व और स्थानीय ताकतें शक्ति प्रदर्शन में लगी हैं. तुर्की का रूसी बमवर्षक को गिराना इसी प्रहसन का हिस्सा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld
रूस का एसयू-24 विमान नीचे से उड़ते हुए बमबारी कर सकता है. तुर्की की सेना ने ऐसे ही रूसी बमवर्षक को सीमा के उल्लंघन का आरोप लगाकर गिरा दिया. विमान तुर्क सीमा से चार किलोमीटर दूर सीरिया के अंदर गिरा.
तस्वीर: Reuters/Ministry of Defence of the Russian Federation
तुर्की ने 24 नवंबर को रूस का एक बमवर्षक मार गिराया. तुर्की का आरोप है कि उसने रूसी लड़ाकू विमान को दस बार चेतावनी दी जिसे पाइलट ने नजरअंदाज कर दिया. उसके बाद तुर्की ने हमले की प्रक्रिया को सक्रिय किया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Anadolu Agency
विदेशी विमान के तुर्की की सीमा के 20 किलोमीटर के अंदर आने पर उन्हें चेतावनी दी जाती है. आठ किलोमीटर करीब आने पर एफ-16 को तैयार कर दिया जाता है. सीमा के हनन पर विदेशी विमान को गिरा दिया जाता है.
तस्वीर: picture alliance/landov
रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने तुर्की की कड़ी आलोचना की है और उसे आतंकवाद का समर्थक बताया है. पुतिन ने विदेश मंत्रालय द्वारा नागरिकों को तुर्की की यात्रा पर न जाने की सलाह का समर्थन किया है. उन्होंने इसे आवश्यक कदम बताया.
तस्वीर: Reuters/M. Shipenkov
रूस और तुर्की के रिश्तों में खटास का आर्थिक असर भी होगा. हर साल करीब 33 लाख रूसी तुर्की जाते हैं. विदेश मंत्री लावरोव की चेतावनी के बाद विमान कंपनी एयरोफ्लोत का शेयर भाव भी गिरा है जो रूसी पर्यटकों को तुर्की ले जाता है. अंताल्या में क्रेमलिन पैलेस होटल.
तस्वीर: picture alliance/Arco Images
रूसी बमवर्षक तुर्की-सीरिया सीमा पर सीरिया के उस इलाके में गिरा जहां तुर्क मूल के तुर्कमान जाति के लोग रहते हैं. वे सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार का विरोध कर रहे हैं. तुर्की उन्हें समर्थन देता है. रूस का कहना है कि वह आईएस के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है.
मार गिराए गए विमान में दो पाइलट थे. वे हमले के बाद इजेक्ट हो गए. उनमें से एक की मौत हो गई जबकि दूसरे पाइलट को रूसी और सीरियाई स्पेशल फोर्स ने रात की कार्रवाई के बाद बचा लिया. वह लताकिया में रूसी हवाई चौकी पर सुरक्षित पहुंच गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Haberturk Tv Channel
रूसी विमान को गिराए जाने के बाद तुर्की के राष्ट्रपति एरदोवान और प्रधानमंत्री दावोतोग्लू अपनी हवाई सीमा की रक्षा के तुर्की के अधिकार पर जोर दे रहे हैं. उन्हें अमेरिका सहित नाटो के दूसरे सदस्यों का समर्थन भी मिला है.
तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press/M. Kaya
पेरिस पर आतंकी हमले के बाद रूस और पश्चिमी देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहमति के संकेत दिख रहे थे. पुतिन और एरदोवान अंताल्या में मिले थे. लेकिन तुर्की द्वारा रूसी बमवर्षक को गिराए जाने के बाद इस बात की उम्मीद कम हुई है कि सीरिया में सहमति संभव होगी.
तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press
जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने मॉस्को और अंकारा से समझदारी की अपील की है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस घटना का असर सीरिया समस्या के समाधान के लिए हाल ही में शुरू हुई बातचीत पर नहीं पड़ेगा.