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आतंकवाद

संदिग्ध आतंकी ने जेल में फांसी लगाई

१३ अक्टूबर २०१६

जर्मनी में आतंकी हमले की योजना बनाने के शक में गिरफ्तार संदिग्ध जाबेर अलबकर जेल में मृत मिला. कड़ी निगरानी के बावजूद जाबेर ने फांसी लगाकर जान दी. जांच एजेंसियों के लिए यह बड़ा झटका है.

Polizei Sachsen Fahndungsbild Jaber Albakr
तस्वीर: Polizei Sachsen

जर्मन प्रांत सेक्सनी के न्याय मंत्रालय के मुताबिक, बर्लिन एयरपोर्ट पर हमला करने की योजना बना रहे संदिग्ध ने जेल में आत्महत्या की. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "12 अक्टूबर 2016 की शाम, जाबेर अलबकर, जो गंभीर हमलों की योजना का संदिग्ध था, उसने लाइपजिग अस्पताल के हिरासत केंद्र में आत्महत्या कर ली."

22 साल के सीरियाई शरणार्थी जाबेर अलबकर को 10 अक्टूबर की सुबह लाइपजिग शहर में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उसे जेल के चिकित्सा सेल में रखा गया था. दो साल पहले जर्मनी आए जाबेर को 2015 में जर्मनी में शरण मिली. वह केमनित्स शहर में रह रहा था. जांचकर्ताओं के मुताबिक जाबेर इस्लामिक स्टेट से प्रभावित था. उस पर निगाह रख रही पुलिस ने बीते हफ्ते जाबेर के अपार्टमेंट पर छापा मारा, जहां से उसे 1.5 किलोग्राम विस्फोटक मिला.

जाबेर छापे के दौरान पुलिस को चकमा देकर भाग निकला और 80 किमोमीटर दूर लाइपजिग शहर पहुंचा. लाइपजिग में उसने घर खोजने कोशिश की. इस दौरान वह तीन सीरियाई शरणार्थियों के संपर्क में आया. रविवार रात एक शरणार्थी ने जाबेर को पहचान लिया. इसके बाद तीनों ने जाबेर को केबल से बांधकर एक कमरे में बंद कर दिया और पुलिस स्टेशन जाकर सूचना दी.

सीरियाई शरणार्थियों ने ऐसे पकड़ा जाबेर कोतस्वीर: facebook.com/Syrien.Deutschland1

लेकिन अब जाबेर की मौत से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक जाबेर ने फांसी लगाकर जान दी. लेकिन जेल के सेल में कड़ी निगरानी के बावजूद ऐसा कैसे मुमकिन हुआ, इसका जबाव अभी तक नहीं मिला है.

जर्मन प्रांत सैक्सनी की पुलिस पहले ही इस मामले में आलोचना का सामना कर चुकी है. छापे के दौरान जाबेर के फरार होने को लेकर पुलिस की खासी किरकिरी हुई. जाबेर की आत्महत्या से पुलिस की मुश्किलें और बढ़ गई है. जांचकर्ताओं को भी जाबेर की मौत से झटका लगा है. जाबेर जांचकर्ताओं को जर्मनी और यूरोप में सक्रिय बाकी संदिग्ध आतंकियों के बारे में भी जानकारी दे सकता था. घरेलू खुफिया एजेंसी के मुताबिक जाबेर जर्मनी आने के बाद कट्टरपंथी बना. ऐसा ही एक मामला कोलोन शहर में भी सामने आ चुका है, जहां 16 साल का एक युवक जर्मनी आने के बाद कट्टरपंथ की तरफ मुड़ गया.

(कहां कहां हैं बच्चों के हाथ में बंदूकें)

ओएसजे/एमजे (डीपीए, एएफपी)

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