संधि का सम्मान करे सीरियाः चीन
१० अप्रैल २०१२![](https://static.dw.com/image/15868061_800.webp)
सीरियाई सेना को विरोध प्रदर्शन वाले शहरों से अपनी सेना वापस बुलाने के लिए मंगलवार का दिन मुकर्रर किया गया है. संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के बीचबचाव के बाद हुए समझौते में इसके 48 घंटे बाद पूरी तरह से हिंसा रोकने की बात कही गई. सीरिया की सरकार ने इसके बाद से यह शर्त रख दी है कि अपनी तरफ से समझौते का पालन वह तभी करेगा जब विद्रोही लिखित रूप में यह गारंटी दे दें कि वो हमले नहीं करेंगे. विद्रोहियों की सेना के प्रमुख कर्नल रियाद अल असाद ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लियु वाइमिन ने दोनों पक्षों से अपनी वचनबद्धता का पालन करने का आग्रह किया है. इसके साथ ही यह भी कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को थोड़ा धैर्य रखते हुए कोफी अन्नान को थोड़ा और वक्त देना चाहिए. बीजिंग में नियमित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान लियु वाइमिन ने कहा, "चीन सीरियाई सरकार और दूसरे संबंधित पक्षों से आग्रह करता है कि वह इस अहम मौके का फायदा उठाए और युद्धविराम के साथ ही सैनिकों की वापसी की अपनी वचनबद्धता का पालन करें." चीन सरकार ने उम्मीद जताई है, "सभी संबंधित पक्ष विशेष दूत कोफी अन्नान के बीचबचाव की कोशिशों के साथ सहयोग करेंगे. निश्चित रूप से सीरिया का मसला जटिल है और इसे हल करने में वक्त लगेगा."
चीन ने अन्नान के नेतृत्व में हुए समझौते के पिछले महीने के आखिरी में अपनी सहमति दे दी. इसके पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया के संकट पर दो प्रस्तावों को वीटो करने के लिए उसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई. अन्ना की योजना हथियारबंद हिंसा को रोकने, हर दिन दो घंटे की मानवीय आधार पर युद्धविराम और हिंसा से प्रभावित सभी इलाकों में मीडिया को जाने की अनुमति दिलाने की है. सीरिया की हिंसा में अब तक करीब 10 हजार लोगों की जान जा चुकी है. इसके साथ ही सीरिया में सभी पक्षों को शामिल करने वाली राजनीतिक प्रक्रिया, विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार और मनमाने तरीके से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की मांग भी है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने औपचारिक रूप से युद्धविराम के लिए गुरुवार की समयसीमा तय की है. हालांकि सीरियाई सरकार इसे एक दिन बाद का बता रही है उसका कहना है कि अन्नान, संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के दूत के साथ हुए समझौते के बाद देश में "आतंकवादी कार्रवाइयों" की संख्या बढ़ गई है. फ्रांस ने सीरिया की ताजा मांगों को "अस्वीकार्य" कहा है. उधर अन्नान ने सीरिया से सैनिकों को वापस बुलाने की अपनी वचनबद्धता निभाने की मांग की है.
एनआर/एएम(एएफपी)