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'संभल जाए सीरिया, वरना...'

४ दिसम्बर २०१२

तुर्की को सीरिया के हालात से अपनी सुरक्षा का तनाव हो गया है. उसने हमले से बचने के लिए नाटो से अपने यहां पैट्रियट मिसाइलें लगाने की मांग की. नाटो महासचिव ने भी हफ्ते भर के भीतर तुर्की में इनकी तैनाती की मांग की.

तस्वीर: AP

ब्रसेल्स में नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से ठीक पहले नाटो महासचिव जनरल आंदर्स फोन रासमुसेन ने कहा, "मैं मंत्रियों के समूह से उम्मीद करता हूं कि वह तुर्की के एयर डिफेंस को मजबूत करने के लिए कदम उठा लेंगे. इसका लक्ष्य तुर्की की जनता को कारगर सुरक्षा मुहैया कराना होगा. बाद में जो भी सदस्य देश पैट्रियट मिसाइलें लगाने में सक्षम हैं, वह खुद अपने बारे में फैसला कर सकते हैं."

नाटो महासचिव ने संकेत दिए कि वह किन देशों से तुर्की में मिसाइलें लगाने को कह रहे हैं, "मैं आशा करता हूं कि जर्मनी, नीदरलैंड्स और अमेरिका तुर्की में पैट्रियट मिसाइलें तैनात करने योग्य हैं." पैट्रियट दुश्मन की मिसाइल को हवा में ही मार गिराने वाली मिसाइल है. यह मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन से पांच गुना तेज चलती है और इसे हवाई जहाज में भी तैनात किया जा सकता है.

तुर्की के पड़ोसी देश सीरिया में बीते साल मार्च से राष्ट्रपति बशर अल असद का विरोध हो रहा है. विरोधी लड़ाकों और सीरियाई सेना के बीच आए दिन झड़पें हो रही हैं. तुर्की असद की आलोचना करता रहा है. कुछ ही महीने पहले सीरियाई सेना ने तुर्की की वायु सेना का एक लड़ाकू विमान को गिरा दिया. इसके बाद तुर्की ने अपनी सेना भी सीरियाई सीमा पर तैनात कर दी. प्रतिबंधों का हवाला देते हुए तुर्की ने सीरिया जा रहे रूसी हथियारों की खेप को जबरन अपने यहां उतरवा लिया. इन कदमों से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है.

आंदर्स फोन रासमुसेनतस्वीर: Reuters

सीरियाई राष्ट्रपति का आरोप है कि विदेशी तत्व देश को अस्थिर करने के लिए विद्रोहियों की मदद कर रहे हैं. आशंका जताई जा रही है कि सीरिया का उपद्रव तुर्की तक पहुंच सकता है और दोनों देशों में सैन्य संघर्ष भी छिड़ सकता है. फिलहाल दोनों देश बीच बीच में एक दूसरे पर रॉकेट दाग रहे हैं. तुर्की में हजारों सीरियाई शरणार्थी रह रहे हैं.

नाटो के सदस्य देश तुर्की ने 21 नवंबर को पैट्रियट मिसाइलों की मांग की थी. तुर्की और नाटो का कहना है कि मिसाइलें सिर्फ सुरक्षा के लिए तैनात की जाएंगी. इनका नो फ्लाई जोन लागू करवाने या किसी आक्रमक कार्रवाई के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

इस बीच ऐसी भी रिपोर्टें आ रही हैं कि असद विद्रोहियों के खिलाफ रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहे हैं. इन रिपोर्टों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि वह रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने की भूल न करे.

सोमवार को ओबामा ने कहा, "आज मैं असद और उनके लोगों को साफ तौर पर यह बता देना चाहता हूं कि दुनिया सब देख रही है. रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल पूरी तरह अस्वीकार्य है. अगर आपने इन हथियारों का इस्तेमाल करने की गलती की तो उसके गंभीर नतीजे होंगे और जिम्मेदारी आप पर डाली जाएगी." यह पहला मौका है जब ओबामा ने साफ तौर असद को चेतावनी देते हुए कहा कि वह वॉशिंगटन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के धैर्य की लाल रेखा पार न करें.

नाटो महासचिव ने भी सीरिया को चेतावनी देते हुए कहा है, "पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए रासायनिक हथियारों का संभावित इस्तेमाल पूरी तरह अस्वीकार्य होगा. अगर किसी ने भी इन रासायनिक हथियारों का सहारा लिया तो मुझे उम्मीद है कि पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय तुरंत कार्रवाई करेगा."

इस बीच ब्रिटेन से सीरिया के हालात पर नजर रख रही मानवाधिकार के निगरानी दल का कहना है कि असद के खिलाफ संघर्ष में विद्रोही काफी आगे बढ़ चुके हैं. निगरानी दल का कहना है कि सीरिया में विद्रोहियों और सेना के बीच राजधानी दमिश्क के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के करीब युद्ध छिड़ा है.

विद्रोही एयरपोर्ट से मात्र तीन किलोमीटर दूर हैं. सीरिया के सरकारी मीडिया ने विद्रोहियों को राजधानी से 15 किलोमीटर दूर बताया है. हालांकि इनमें से किसी के भी दावे की पुष्टि नहीं की जा सकती. सीरिया ने विदेशी पत्रकारों के आने पर पूरी तरह पाबंदी लगा रखी है.

ओएसजे/एनआर (डीपीए, रॉयटर्स)

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