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संयुक्त राष्ट्र के स्टाफ ने त्रिपोली छोड़ा

२ मई २०११

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय स्टाफ ने लीबिया की राजधानी त्रिपोली को छोड़ दिया है. त्रिपोली में भारी अव्यवस्था फैली हुई है. बड़ी संख्या में लोग यूएन के दफ्तर में घुस गए जिसके बाद स्टाफ के 12 सदस्य वहां से चले गए.

epa02712616 Libyans hold Libyan national flags and posters of Leader Muammar Gaddafi to express their support as they are gathered near his damaged house, one day after it was hit by an airstrike, in Tripoli, Libya, 01 May 2011. Saif al-Arab Gaddafi, 29, was killed in a NATO airstrike on the capital Tripoli, a spokesman for the government said on state television late 30 Mai, his father and Gaddafi's wife survived the attack, despite being in the same house, spokesman Moussa Ibrahim told reporters after they were led on a tour of the bombing site. Three grandchildren of Gaddafi were also reported to have been killed in the attack on the Bab al-Aziziya compound, which was struck by at least three missiles. EPA/STR +++(c) dpa - Bildfunk+++
गुस्साए गद्दाफी समर्थकतस्वीर: picture-alliance/dpa

शनिवार रात नाटो विमानों ने लीबियाई शासक कर्नल गद्दाफी के घर पर हमला किया. इस हमले में गद्दाफी के बेटे और तीन पोतों की मौत हो गई. इस घटना से गुस्साए लोगों ने रविवार को नाटो देशों के दूतावासों और यूएन के दफ्तर में जमकर हंगामा किया.

हमले के बाद गद्दाफी का घरतस्वीर: picture-alliance/dpa

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता मार्टिन निसेरस्की ने बताया, "लोगों की भीड़ संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर में घुस आई. लोग कुछ वाहनों को ले गए. लेकिन संयुक्त राष्ट्र स्टाफ के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. त्रिपोली में सुरक्षा हालात को देखते हुए देश छोड़ने का फैसला किया गया है."

स्थानीय स्टाफ वहीं रहेगा

लेकिन यूएन के स्टाफ के स्थानीय सदस्य वहीं बने रहेंगे. मानवीय मामलों के विभाग की प्रवक्ता स्टेफनी बंकर ने कहा कि स्थानीय स्टाफ देश छोड़कर नहीं जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले महीने ही वहां अंतरराष्ट्रीय स्टाफ भेजा था. ऐसा लीबिया सरकार और मानवीय मामलों के विभाग की प्रमुख वैलरी आमोस के बीच हुए समझौते के बाद किया गया. दोनों पक्ष देश में मानवीय सहायता उपलब्ध कराने पर सहमत हुए थे. संयुक्त राष्ट्र के स्टाफ के ये लोग अब ट्यूनिशिया में रहेंगे. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि ये लोग वहां से पश्चिमी लीबिया में काम करते रहेंगे.

विद्रोहियों के कब्जे वाले शहर बेनगाजी में भी संयुक्त राष्ट्र का अंतरराष्ट्रीय स्टाफ है. बंकर ने बताया कि त्रिपोली छोड़ने के फैसले का बेनगाजी के स्टाफ पर कोई असर नहीं पड़ा है.

लंदन में लीबिया दूतावासतस्वीर: AP

सरकार ने खेद जताया

लीबिया सरकार ने दूतावासों पर हमलों के लिए खेद जताया है. सरकार ने कहा कि नाटो के हमलों से गुस्साई भीड़ ने पुलिस को भी बेबस कर दिया. उप विदेश मंत्री खालिद काएम ने कहा कि लीबिया दूतावासों को हुए नुकसान का जायजा लेगा और उसकी मरम्मत कराएगा.

अमेरिका, ब्रिटेन नाराज

रविवार को त्रिपोली में दूतावासों पर हुए हमलों की अमेरिका ने निंदा की है. उसने कहा है कि यह गद्दाफी शासन का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रति कर्तव्य पूरे न कर पाने का एक और संकेत है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, "विएना कन्वेंशन के तहत गद्दाफी शासन को दूतावासों की रक्षा करनी चाहिए. ऐसा न करके शासन एक बार फिर अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है."

ब्रिटेन भी अपने दूतावास पर हमले से नाराज है और उसने लंदन में लीबिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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