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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष जर्मनी

२ सितम्बर २०१२

जर्मनी ने औपचारिक तौर पर एक महीने के लिए सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी संभाल ली है. एक पूरे महीने के लिए जर्मन राजनयिक संयुक्त राष्ट्र के सबसे अहम संस्थान को संभालेंगे.

तस्वीर: dapd

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने इस मौके पर कहा है कि जर्मनी अपनी अध्यक्षता के दौरान सीरिया और राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ और कड़े कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि जर्मनी सीरिया संघर्ष के दौरान बच्चों की सुरक्षा पर और ध्यान देना चाहता है और जलवायु परिवर्तन को और बड़ा मुद्दा बनाना चाहता है.

तस्वीर: AP

साथ ही जर्मनी अरब लीग को एक और अहम भूमिका देना चाहता है. अब तक अरब लीग कुछ देशों का एक संगठन रहा है. लेकिन अब कई अरब देश लोकतांत्रिक हो गए हैं और संयुक्त राष्ट्र में भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में जर्मनी का कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है.

सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा संस्थान है क्योंकि केवल इसके जरिए दुनिया भर के देशों पर पाबंदियां लगाई जा सकती है या फिर उनको लेकर अहम फैसले लिए जा सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की महासभा केवल औपचारिक तौर पर फैसले लेती है लेकिन सुरक्षा परिषद व्यापार पर पाबंदी लगा सकता है या नेताओं की यात्रा को रोक सकता है, उनके बैंक खाते बंद को सील कर सकता है. युद्ध होने पर वह लड़ाई वाले इलाकों में सैनिक भेज सकता है और उन्हें युद्ध में हिस्सा लेने के भी आदेश दे सकता है. लेकिन ऐसा केवल सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य, यानी चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका और ब्रिटेन कर सकते हैं. बाकी 10 अस्थायी सदस्य दो-दो साल के लिए चुने जाते हैं. इनमें जर्मनी और भारत शामिल हैं.

तस्वीर: AP

मिसाल के तौर पर सीरिया पर कार्रवाई को लेकर प्रस्ताव इसलिए पारित नहीं हो रहा है क्योंकि रूस और चीन इसके खिलाफ हैं. संयुक्त राष्ट्र फलिस्तीन को सदस्य नहीं बना सकता क्योंकि अमेरिका इसके खिलाफ है.

एमजी/एनआर(डीपीए)

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