'संविधान के विरुद्ध गए खुर्शीद पर कार्रवाई हो'
१२ फ़रवरी २०१२बढ़ते विवाद के बीच कानून मंत्री के बयान से किनारा करते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि नेताओं को सार्वजनिक जीवन में मर्यादा और कानून के दायरे में रह कर बोलना चाहिए. कांग्रेस महासचिव जर्नादन द्विवेदी ने कहा, "चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. कांग्रेस हमेशा चाहती है कि कांग्रेस के नेता को मर्यादा और कानून के अनुरूप बोलना चाहिए."
इससे पहले शनिवार को चुनाव आयोग ने सलमान खुर्शीद की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से शिकायत की. लिखित शिकायत में चुनाव आयोग ने कहा कि कानून मंत्री खुर्शीद ने आगाह किए जाने के बावजूद चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया. खुर्शीद ने कहा, "अगर वे (चुनाव आयोग) फांसी पर चढ़ाना चाहें तो चढ़ा दें. वे मुझे लोगों को कोटे का वचन देने के लिए फांसी पर चढ़ा सकते हैं. हम गरीबों की तकदीर बदल देंगे, भले ही इसके लिए हमें चुनाव आयोग के खिलाफ ही क्यों न जाना पड़े."
इसके बाद चुनाव आयोग ने उनकी शिकायत राष्ट्रपति से की. शनिवार रात राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय भेजी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ 'उचित कार्रवाई' करने को कहा. 'उचित कार्रवाई' के नाम पर अब तक सिर्फ कांग्रेस की सफाई आई है.
खुर्शीद को हटाओ
इस बीच बीजेपी ने खुर्शीद को कानून मंत्री के पद से हटाए जाने की मांग की है. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि संविधान के विरुद्ध जाने वाले खुर्शीद को कानून मंत्री के पद से हटाया जाना चाहिए. सुषमा ने कहा, "हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि संविधान के विरुद्ध काम करने वाले सलमान खुर्शीद को केंद्रीय कैबिनेट से बर्खास्त किया जाए."
यूपी की सत्ताधारी बहुजन समाज पार्टी ने भी खुर्शीद और कांग्रेस पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा, "चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है. अगर हम चुनाव आयोग को ही चुनौती दें या उस पर सवाल करें तो इस देश में हम लोकतंत्र नहीं ला सकते."
दरअसल उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान खुर्शीद ने अल्पसंख्यकों को रिझाने की कोशिश में कहा कि वह अल्पसंख्यकों के लिए कोटा बढ़ाएंगे. खुर्शीद अपनी पत्नी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे. उनकी पत्नी फर्रूखाबाद से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया