सऊदी अरब ने इसी साल मार्च में अपने पहले अरब फैशन वीक की तैयारी कर ली है. सोमवार को बकायदा इसका एलान हुआ. सऊदी अरब में दशकों से कला और मनोरंजन पर लगी पाबंदियों की बेड़ियां टूट रही हैं.
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सऊदी राजसत्ता के ताकतवर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सुधारों के घोड़े दौड़ा दिए हैं जिनका मकसद है देश की अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता को कम करना और निजी क्षेत्र का विस्तार करने के साथ ही महिलाओं का सशक्तिकरण करना. दुबई की अरब फैशन परिषद ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि यह फैशन वीक रियाद में 26 मार्च से 31 मार्च तक चलेगा जिसके दूसरे संस्करण के लिए पहले से ही अक्टूबर का समय निश्चित किया गया है. अरब फैशन वीक रियाद के इकोफ्रेंडली एपेक्स सेंटर में होगा. मधुमक्खी के छत्ते जैसे सफेद सेंटर की आकृति को मशहूर इराकी ब्रिटिश आर्किटेक्ट जाहा हदीद ने डिजाइन किया था.
दिसंबर में अरब फैशन परिषद ने रियाद में क्षेत्रीय दफ्तर खोलने का एलान किया और सउदी राजकुमारी नूरा बिंत फैसल अल सउद को अपना मानद अध्यक्ष नियुक्त किया. परिषद की वेबसाइट पर जारी एक बयान में राजकुमारी नूरा ने कहा है, "रियाद में पहला फैशन वीक एक विश्व स्तर का आयोजन होगा. यह एक उत्प्रेरक है जिसके जरिए हम उम्मीद करते हैं कि फैशन सेक्टर दूसरे आर्थिक सेक्टरों जैसे पर्यटन, आतिथ्य, यात्रा और व्यापार का नेतृत्व करेगा."
एक साल में कितना बदल गया सऊदी अरब
सऊदी अरब में 2017 बड़े बदलावों का साल रहा. एक तरफ जहां सऊदी समाज में कई बदलावों की आहट सुनाई दी, वहीं राजनीतिक और रणनीतिक रूप से भी कई उलटफेर हुए. डालते हैं इन्हीं पर एक नजर.
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युवा क्राउन प्रिंस
21 जून 2017 को सऊदी शाह सलमान ने अपने 31 वर्षीय बेटे मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस बनाया. उन्होंने अपने भतीजे 57 वर्षीय मोहम्मद बिन नायेफ से क्राउन प्रिंस का ताज छीन कर अपने बेटे को शाही गद्दी का वारिस बनाया.
तस्वीर: Reuters/Saudi Press Agency
बड़ी गिरफ्तारियां
अक्टूबर महीने में सऊदी अरब में कई ताकतवर राजकुमारों, सैन्य अधिकारियों, प्रभावशाली कारोबारियों और मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. आलोचकों ने इसे क्राउन प्रिंस की सत्ता पर पकड़ मजबूत करने की कोशिश बताया.
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सऊदी विजन 2030
सऊदी क्राउन प्रिंस तेल पर देश की निर्भरता को कम करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के लिए विजन 2030 योजना पेश की. इसका एलान 2016 में हुआ लेकिन इससे जुड़े कई अहम फैसले 2017 में देखने को मिले.
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मुस्लिम नाटो
सऊदी अरब की देखरेख में 2017 में दुनिया के 40 साल से ज्यादा देशों ने आतंकवाद विरोधी एक सैन्य गठबंधन बनाया. मुस्लिम नाटो कहे जा रहे इस गठबंधन को आलोचकों ने शियाओं और खास कर ईरान के खिलाफ गठजोड़ बताया क्योंकि इसमें शामिल सभी देश सुन्नी हैं.
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कतर संकट
सऊदी अरब और उसके कई खाड़ी सहयोगियों ने 2017 में कतर से अपने रिश्ते तोड़ लिए जिससे मध्य पूर्व में एक नया संकट खड़ा हो गया. कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने समेत कई आरोप लगे जिनसे वह इनकार करता है.
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इस्राएल से नजदीकी
इस साल उस वक्त मध्य पूर्व में बदलते समीकरणों का संकेत भी मिला, जब सऊदी अरब और इस्राएल के बीच नजदीकियां बढ़ने की खबरें आईं. हालांकि इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया. जो भी संकेत मिले हैं, वे छन छन कर आई जानकारी पर आधारित हैं. दोनों ही देश ईरान को खतरा मानते हैं.
ड्राइविंग का हक
महिलाओं को ड्राइविंग का हक न देने के लिए सऊदी अरब की लंबे समय से आलोचना होती रही है. लेकिन 26 सितंबर 2017 को सऊदी शाह ने आदेश जारी किया कि 24 जून 2018 से सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जाएंगे.
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मेगासिटी नियोम
सऊदी अरब ने 2017 में 500 अरब डॉलर की लागत से एक इंवेस्टमेंट मेगासिटी बनाने की योजना पेश की. नियोम के नाम से बसने वाला यह शहर एक निवेश और कारोबारी हब होगा. 26,500 वर्ग किलोमीटर में फैले नियोम की सीमाएं जॉर्डन और मिस्र को छूएंगी.
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सऊदी अरब में सिनेमा
वर्ष 2017 में ही सऊदी अरब ने अपने यहां 35 साल से सिनेमाघरों पर लगी पाबंदी को हटाने का फैसला किया. सऊदी अरब के संस्कृति और सूचना मंत्रालय का कहना है कि मार्च 2018 में सऊदी अरब में सिनेमा खुल सकते हैं.
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सऊदी अरब में संगीत
कट्टरपंथी वहाबी विचारधारा को मानने वाले सऊदी अरब में संगीत सुनने-सुनाने का चलन नहीं है. लेकिन फरवरी 2017 में जेद्दाह में आठ हजार लोग संगीत की धुनों पर झूमते नजर आए. जेद्दाह में सात साल में पहली बार कोई बड़ा संगीत कंसर्ट हुआ.
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टूरिस्ट वीजा
सामाजिक और आर्थिक बदलाव के दौर से गुजर रहे सऊदी अरब ने 2017 में ही दुनिया भर के सैलानियों को टूरिस्ट वीजा देने का फैसला किया. 2018 की पहली तिमाही से यह काम शुरू हो जाएगा. अभी सऊदी अरब चुनिंदा देशों के लोगों को पर्यटन वीजा देता है.
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शतरंज प्रतियोगिता
सऊदी अरब ने 2017 में पहली बार अपने यहां शतरंज टूर्नामेंट आयोजित कराने का फैसला किया. दो साल पहले सऊदी अरब से सबसे बड़े मौलवी ने शतरंज को समय की बर्बादी कहते हुए इसे इस्लाम में इसकी मनाही बताई.
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पेरिस और मिलान के साथ ही साल में दो बार होने वाले फैशन वीक में खासतौर से नए कलेक्शन और पिछले कलेक्शन दिखाए जाएंगे. अभी यह नहीं बताया गया है कि क्या डिजायनों पर सउदी अरब में जारी पहनावे की बंदिशें लागू रहेंगी या नहीं. सऊदी अरब में महिलाओं को कपड़ों के मामले में बेहद सख्त पाबंदियों का पालन करना पड़ता है. उन्हें कानूनी रूप से अबाया नाम की पोशाक पहननी होती है. यह एक बेहद ढीली पोशाक है जो पूरे शरीर को ढंक कर रखती है. इस महीने की शुरुआत में एक वरिष्ठ सउदी मौलाना ने कहा था कि सऊदी महिलाओं को "अबाया पहनने के लिए बाध्य" नहीं किया जाना चाहिए. बयान देने वाले शेख अब्दुल्ला अल मुतालक सउदी अरब की शीर्ष धार्मिक संस्था काउंसिल ऑफ स्कॉलर्स के सदस्य हैं. हालांकि सरकार ने अब तक यह नहीं कहा है कि वह कानून बदलेगी या नहीं.
क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान ने बीते बीते महीनों में महिलाओँ के हक में कई सुधारों को लागू किया है. जनवरी में सऊदी महिलाओं को पहली बार स्टेडियम में मैच देखने की इजाजत दी गई. इसके साथ ही कई नौकरियों में भी महिलाओं के लिए दरवाजे खोले गए हैं. सऊदी अरब ने महिलाओँ की ड्राइविंग पर लगी रोक भी खत्म कर दी है जो इस साल जून से लागू हो जाएगी.
अब से पहले अरब फैशन वीक का आयोजन केवल दुबई में होता आया है. दुबई अपना फैशन वीक पहले की तरह ही जारी रखेगा. इस साल इसकी तारीख 9 मई से 12 मई रखी गई है.