सऊदी अरब में भ्रष्टाचार में दर्जनों गिरफ्तार
६ नवम्बर २०१७कथित रूप से जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें किंग अब्दुल्ला के दो बेटे प्रिंस मितेब बिन अब्दुल्ला और प्रिंस तुर्की बिन अब्दुल्ला भी हैं. प्रिंस मितेब बिन अब्दुल्ला को शनिवार को नेशनल गार्ड के प्रमुख के पद से हटाया गया. शाही परिवार की सुरक्षा का जिम्मा नेशनल गार्ड के पास ही है. प्रिंस मितेब को कभी सऊदी गद्दी का वारिस भी समझा जाता था हालांकि हाल के वर्षों में उनकी तरफ से क्राउन प्रिंस को कोई चुनौती नहीं मिली थी. प्रिंस तुर्की कभी रियाद के गवर्नर हुआ करते थे.
इसके साथ ही उनमें अरबपति प्रिंस अलवालीद बिन तलाल भी हैं जो दुनिया के सबसे अमीर लोगों में हैं. उनकी पश्चिमी देशों की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है. इसके साथ ही किंग अब्दुल्ला के दो बेटे भी गिरफ्तार हुए हैं. राजकुमारों की गिरफ्तारी ने शाही खानदान की उस रिवायत को तोड़ दिया है जिसमें अब तक पारिवारिक असहमतियों को निजी ही रखा जाता था ताकि सउदी अरब के अलग अलग गुटों के सामने शाही परिवार एकजुट नजर आये. इन गिरफ्तारियों से यह संदेश भी गया है कि 32 साल के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को पिता किंग सलमान का पूरा समर्थन है. उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी जिन सुधारों को लागू कर शाही परिवार के वरिष्ठ सदस्यों और कारोबारी सहयोगियों को निशाना बनाया है उन्हें लंबे समय तक कानून के ऊपर समझा जाता था.
अब तक आयी खबरों में पता चला है कि हिरासत में लिये गये लोगों को रियाद के रिट्ज कार्लटन होटल में रखा गया है. कुछ ही दिनों पहले इस जगह एक बड़ा निवेश सम्मेलन हुआ था जहां क्राउन प्रिंस और दुनिया भर के बड़े कारोबारी जमा हुए थे. एक सऊदी अधिकारी ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि राजधानी के दूसरे फाइवर स्टार होटलों में भी गिरफ्तार हुए कुछ लोगों को रखा गया है. रिट्ज कार्लटन में एक दिसंबर के पहले कोई बुकिंग नहीं ली जा रही है. इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि इन लोगों को यहां कई हफ्तों तक हिरासत में रखा जा सकता है.
एक सऊदी अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी एपी को बताया कि 11 राजकुमारों और 38 दूसरे लोगों से पूछताछ की जा रही है. आननफानन में हुई गिरफ्तारी को सरकार समर्थक मीडिया संगठनों ने क्राउन प्रिंस के उस वादे पर अमल बताया है जिसमें उन्होंने स्वच्छ प्रशासन देने की बात कही थी. प्रिंस ने देश की अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता घटाने और अत्यंत रूढ़िवादी माने जाने वाले समाज में उदार तत्वों को शामिल करने की भी बात कही थी.
सऊदी अरब में मौलानाओं की सबसे बड़ी परिषद ने रातोंरात सार्वजनिक बयान जारी कर कहा है कि यह इस्लामी फर्ज है कि भ्रष्टाचार को दूर किया जाए. जाहिर है कि इस बयान का मकसद गिरफ्तारियों को समर्थन देना है. अभी यह साफ नहीं है कि अमेरिका को इन गिरफ्तारियों के बारे में पहले से पता था या नहीं. फिलहाल अमेरिका की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी सामने नहीं आयी है. राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के दामाद और व्हाइट हाउस के सलाहकार जेरेर्ड कुशनर और कुछ दूसरे लोगों ने हाल ही में रियाद का एक अघोषित दौरा किया था. शनिवार को ट्रंप ने कहा कि उन्होंने किंग सलमान से बात की है लेकिन इसमें गिरफ्तारियों का कोई जिक्र नहीं आया.
सऊदी सरकार का कहना है कि गिरफ्तारियां पारदर्शिता, जिम्मेदारी और अच्छा प्रशासन देने की कोशिशों का हिस्सा हैं. अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करने के लिए अहम सुधारों की जरूरत है. इसके साथ ही सऊदी जनता को भी मनाना है जो लंबे समय से भ्रष्टाचार का सामना कर रही है. हालांकि जितनी तेजी के साथ सरकार ने कदम उठाया है उससे निवेशकों को भी चिंता हुई है.
एनआर/एके (एपी)