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सचिन के खत और आईसीसी की बेरुखी

२२ सितम्बर २०११

क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के सुझाव को सिरे से नकार कर आईसीसी और इसके अध्यक्ष एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं. सचिन ने वनडे के नियमों में बदलाव की राय दी थी.

तस्वीर: picture alliance / dpa

आईसीसी के कर्ता धर्ता हारून लोर्गाट का कहना है कि सचिन तेंदुलकर ने एक पत्र लिखा था, जिसमें वनडे क्रिकेट के नियमों को बदलने की राय दी गई थी लेकिन हमें लगता है कि 50 ओवर के फॉर्मैट को बदलने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, "क्रिकेट कमेटी ने उनके प्रस्ताव पर विचार किया. लेकिन कमेटी की राय यह बनी कि 50 ओवर का खेल अभी अच्छा लग रहा है और इसमें किसी नाटकीय बदलाव की जरूरत नहीं है."

हाल के दिनों में वनडे की कम होती लोकप्रियता के बाद सचिन तेंदुलकर की राय थी कि खेल को अधिक रोमांचक बनाने के लिए इसमें कुछ तब्दीलियों की राय रखी थी. उनका कहना था कि पारंपरिक 50 ओवर की जगह दोनों टीमें 25-25 ओवरों की दो पारियां खेलें. लोर्गाट का कहना है कि इस मुद्दे पर वर्ल्ड कप के दौरान उनकी सचिन से बात भी हुई है. भारतीय उप महाद्वीप में आयोजित इस साल के वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले 50 ओवरों के खेल की लोकप्रियता घटी थी और कुछ पूर्व खिलाड़ी तो यहां तक कहने लगे थे कि वनडे का खात्मा हो जाएगा. लेकिन भारत के विश्व कप जीतने के बाद स्थिति बदल गई.

क्रिकेटर नहीं...तस्वीर: AP

क्या है सुझाव

सचिन तेंदुलकर का मानना है कि दोनों टीमों की पारियों को दो हिस्सों में तोड़ दिया जाए. इससे पहले खेलने वाली टीम को मौसम और हवा इत्यादि का अधिक फायदा नहीं मिलेगा और दोनों टीमों को एक जैसी परिस्थिति में बल्लेबाजी करनी होगी. बारिश हुई, तो दूसरी पारी में दोनों टीमों पर एक जैसा असर पड़ेगा और खेल का रोमांच बढ़ेगा. ऑस्ट्रेलिया में इस नियम के साथ प्रयोग किया जा रहा है और इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं. इसके अलावा सचिन ने पावरप्ले के नियम में भी बदलाव का सुझाव दिया था.

बदलाव की जरूरत

अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में क्रिकेट को एक बेहद आलसी खेल समझा जाता है. पारंपरिक रूप से पांच दिनों के क्रिकेट मैच से ऊब के बाद 1970 के दशक में वनडे क्रिकेट की शुरुआत हुई, जिसमें खेल की दो पारियों को एक पारी में सीमित कर दिया गया और पांच दिनों के खेल को एक दिन में बांध दिया गया. लेकिन फुटबॉल और टेनिस जैसे खेलों के मुकाबले इसमें अभी भी ज्यादा वक्त लगा करता था. इसके बाद 2000 के दशक में क्रिकेट में एक और बदलाव हुआ, जब ट्वेन्टी 20 का ईजाद हुआ और इसे तीन घंटे में बांध दिया गया.

आईपीएल ने ट्वेन्टी 20 पर पैसों का वरक लगा दिया.

सचिन ने बदला

लेकिन इसके बाद वनडे खेलों पर लोगों का ध्यान कम हो गया और कई क्रिकेट खिलाड़ी तो यहां तक कहने लगे कि वनडे क्रिकेट बेवक्त खत्म हो जाएगा. लेकिन तेंदुलकर ने बार बार कहा कि वनडे को बचाया जा सकता है और इसके लिए कुछ बदलावों की जरूरत है. सचिन वनडे के सबसे बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं, जिनके नाम वनडे के ज्यादातर रिकॉर्ड हैं और वनडे का एकमात्र दोहरा शतक भी उन्हीं के नाम है.

सचिन के प्रस्तावतस्वीर: AP

सचिन तेंदुलकर ने 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और उसके बाद क्रिकेट खेलने वाले देशों में इसको लेकर जुनून दीवानगी की हद तक पहुंच गई. भारत,पाकिस्तान और श्रीलंका में तो अब क्रिकेट के आगे दूसरे सारे खेल फीके पड़ चुके हैं. इसकी बहुत हद तक वजह खुद सचिन तेंदुलकर को मानी जाती है.

कौन हैं लोर्गाट

दूसरी तरफ आईसीसी के चेयरमैन हारून लोर्गाट का क्रिकेट से कोई नाता नहीं रहा है. वह भारतीय मूल के दक्षिण अफ्रीकी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं. उनके आलोचकों का कहना है कि उन्होंने क्रिकेट को खेल से ज्यादा तकनीकी कारोबार बना दिया है. पिछले दिनों वर्ल्ड कप में 10 टीमों को शामिल करने के उनके फैसले पर भी खासा विवाद हो चुका है. उन्होंने फैसला किया है कि 2015 के वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप में 14 नहीं, सिर्फ 10 टीमें ही हिस्सा लेंगी. जिन टीमों को शामिल नहीं किया जाएगा, उनके अलावा टेस्ट खेलने वाले देशों ने भी इसकी आलोचना की है.

ऐसे में सचिन तेंदुलकर के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करने के बाद आईसीसी एक बार फिर विवादों में घिर सकती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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