मौजूदा क्रिकेट के सबसे बड़े नाम सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को अलविदा कहने का एलान कर दिया. अगले महीने अपने करियर का 200वां टेस्ट खेलने के बाद वह बल्ला टांग देंगे.
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सचिन का संन्यास
भारत के क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को पूरी तरह अलविदा कहने का फैसला कर लिया है. लेकिन इससे पहले वह 200 टेस्ट मैचों का रिकॉर्ड जरूर बना लेंगे.
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क्रिकेट को अलविदा
वनडे और ट्वेन्टी 20 क्रिकेट को पहले ही अलविदा कह चुके सचिन तेंदुलकर ने अब टेस्ट में भी आखिरी पारी खेलने का एलान कर दिया. वह अपने करियर का 200वां टेस्ट खेलेंगे, जो उनका आखिरी टेस्ट होगा.
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अलविदा वनडे
1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेल कर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन अब तक 463 वनडे खेल चुके हैं. वनडे में उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक जड़े हैं. वनडे में उनका सर्वाधिक स्कोर 200 हैं. वह 90 से ज्यादा मैदानों पर खेल चुके हैं.
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शतक नहीं पर धमाकेदार पारियां
वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ 85, इंग्लैंड के विरुद्ध 91 और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 76 पर पहुंच कर वे आउट हो गए. लेकिन विषम परिस्थितियों के बावजूद 25 नंवबर 2011 को सचिन ने यादगार बना ही दिया. जिस जमीन पर भारत ने वर्ल्ड कप जीता, वहीं सचिन ने शतकों का शतक जड़ दिया.
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खूंखार गेंदबाजों का सामना
सचिन तेंदुलकर मौजूदा दौर के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने मैल्कम मार्शल, कोर्टली एम्ब्रोस, इमरान खान, वसीम अकरम, वकार यूनुस, ग्लैन मैक्ग्रा, शेन वॉर्न, मुथैया मुरलीधरन, शोएब अख्तर और ब्रेट ली जैसे खूंखार गेंदबाजों का डटकर सामना किया है.
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वन मैन शो
23 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे सचिन का टेस्ट औसत 54.32 और वनडे औसत 44.83 है. यानी 1989 से आज तक सचिन औसतन हर मैच में इतने रन मारते आ रहे हैं.16 बार मैन ऑफ द सीरीज रहे.
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सपना भी पूरा हुआ
सचिन तेंदुलकर का हमेशा सपना रहा कि वह वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा बने. 2011 को क्रिकेट जगत के सबसे बड़े बल्लेबाज की यह ख्वाहिश भी पूरी हो गई. मुंबई में भारत ने श्रीलंका को हराकर 1983 के बाद वर्ल्ड कप जीता.
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चैंपियनों के चैंपियन दोस्त
फुटबॉल की तरह क्रिकेट पूरी दुनिया में लोकप्रिय नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद अन्य खेलों के बड़े धुरंधर सचिन तेंदुलकर के नाम से वाकिफ हैं. सात बार फॉर्मूला वन चैंपियन रह चुके मिषाएल शूमाखर ने 2002 में सचिन को फेरारी कार भेंट की. तब से दोनों की बढ़िया दोस्ती है.
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सचिन के कायल बोल्ट
सचिन तेंदुलकर से प्रेम करने वालों में दुनिया के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट भी हैं. जमैका के बोल्ट सचिन की बल्लेबाजी को सुकून देने वाला बताते हैं. वह सचिन से मुलाकात के लिए कब से बेताब हैं.
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दो शिखरों का मिलन
टेनिस इतिहास के सबसे बड़े खिलाड़ी स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर भी सचिन तेंदुलकर के अच्छे दोस्त हैं. इस साल विम्बलडन के दौरान फेडरर और सचिन एक दूसरे मिले और दोस्ती का आनंद उठाया.
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राजनीति के स्टेडियम में सचिन
इसी साल सचिन तेंदुलकर को राज्य सभा के लिए नामांकित किया गया. राज्य सभा सांसद बनने के बाद सचिन ने कहा कि वह भारत में खेलों के स्तर को सुधारने पर काम करेंगे.
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सचिन, एक भारत रत्न
इसमें कोई शक नहीं है कि सचिन तेंदुलकर बीते 23 साल से भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों की उम्मीदों को सफलता से मुकाम पर पहुंचाते रहे हैं. आम लोग हों या बड़ी हस्तियां, ज्यादातर भारतीय सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न देने की मांग करते हैं.
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लगभग 24 साल तक क्रिकेट की दुनिया पर राज करने के बाद सचिन इस खेल को अलविदा कहने वाले हैं और उनके मुताबिक यह फैसला इतना आसान भी नहीं रहा, "अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान रहा और मैं पूरी दुनिया में खेल पाया."
भारत को वेस्ट इंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है और उसका दूसरा टेस्ट क्रिकेट की इस किताब का आखिरी पन्ना होगा. सचिन का कहना है, "मैं अपना 200वां टेस्ट खेलने को लेकर उत्साहित हूं. उसके बाद मैं बस कर दूंगा."
टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन, सबसे ज्यादा शतक, वनडे में भी ऐसा ही. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक और वनडे में पहला दोहरा शतक बनाने वाले सचिन तेंदुलकर के नाम पता नहीं कितने रिकॉर्ड हैं. लेकिन उनकी शख्सियत पर कभी ये रिकॉर्ड हावी नहीं हुए और वह हमेशा एक सीधे सरल क्रिकेटर के रूप में जाने जाते रहे. उनके दौर में ही क्रिकेट में पहली बार मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग जैसे मामले उठे लेकिन वह खुद कभी किसी विवाद में नहीं फंसे.
सचिन को उनकी कामयाबी और बल्लेबाजी के अलावा उनकी फिटनेस के लिए भी याद रखा जाएगा. संन्यास का एलान करते हुए उन्होंने कहा, "मैं बीसीसीआई का तहेदिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इस बात का मौका दिया कि मैं वैसे काम कर सकूं, जो मैं दिल से चाहता था. मैं अपने परिवार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने हमेशा धैर्य बनाए रखा. सबसे ज्यादा मैं अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझमें भरोसा जताया कि मैं ग्राउंड पर जाकर प्रदर्शन कर पाऊं."
सचिन ने पिछले साल दिसंबर में वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्वेन्टी 20 क्रिकेट तो वह पहले ही छोड़ चुके थे. इस साल के आईपीएल के बाद उन्होंने लीग क्रिकेट से भी खुद को अलग कर लिया.
क्रिकेट को भले ही हाल में टेलीविजन और प्रायोजकों की मदद से बहुत ज्यादा प्रसिद्धि मिली हो लेकिन मौजूदा दौर में इसके विस्तार में अकेले सचिन तेंदुलकर का भी बहुत बड़ा रोल माना जाता है. भारत में तो ऐसे जमाने भी हुआ करते थे, जब सचिन के आउट होने के बाद लोग टीवी देखना बंद कर देते थे. क्रिकेटरों की पूरी जमात उनका लोहा मानती है और ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन ने तो 1998 में यहां तक कह दिया, "मैंने भगवान को देखा है. वह टेस्ट मैचों में चार नंबर पर बल्लेबाजी करता है." हालांकि सचिन ने नरमी से जवाब दिया, "मैं क्रिकेट का खुदा नहीं हो सकता. मैं गलतियां करता हूं, भगवान नहीं करता."