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सजा के तौर पर जर्मनी से 9,500 सैनिकों हटाएंगे ट्रंप

१६ जून २०२०

कई दिनों से मीडिया में चर्चा थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जर्मनी में तैनात अमेरिकी सैनिकों की तादाद कम करने की सोच रहे हैं. अब उन्होंने खुद इसकी पुष्टि कर दी है और कारण भी बताया है कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं.

Großbritannien NATO Gipfel | Merkel und Trump
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

अमेरिकी राष्ट्रपति जर्मनी से अमेरिकी सैनिकों को आंशिक रूप से हटाकर उसे दंडित करना चाहते हैं क्योंकि उनके विचार में जर्मनी का रक्षा बजट बहुत कम है. उन्होंने सैनिकों की संख्या में कमी के इरादे की पुष्टि करते हुए कहा कि जर्मनी में तैनात सैनिकों की संख्या घटाकर 25,000 कर दी जाएगी. इसकी वजह उन्होंने ये बताई कि जर्मनी अपने रक्षा बजट को इस हद तक बढ़ाने से मना कर रहा है कि वह पश्चिमी देशों के सैनिक संगठन नाटो के अपने तय लक्ष्य तक पहुंचे. इस समय जर्मनी में 34,500 अमेरिकी सैनिक हैं, लेकिन ट्रंप ने ये संख्या 52,000 बताई. इस संख्या में संभवतः अमेरिकी सेना के लिए काम कर रहे 17,000 अमेरिकी असैनिक कर्मचारी भी शामिल हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में सैनिकों में कमी की घोषणा करते हुए ट्रंप ने अप्रत्यक्ष रूप से जर्मनी को होने वाले नुकसान का संकेत दिया. उन्होंने कहा, "ये अच्छी तनख्वाह वाले सैनिक हैं. वे जर्मनी में रहते हैं और अपने पैसे का बहुत सारा जर्मनी में खर्च करते हैं." राष्ट्रपति ने कहा, "जब तक वे (जर्मनी) चुकाते नहीं, हम अपने सैनिकों को हटा रहे हैं, सैनिकों के एक हिस्से को." ट्रंप ने कहा कि जर्मनी में सैनिकों की तैनाती पर अमेरिका का बहुत खर्च होता है. उन्होंने जर्मनी की इस बात के लिए भी आलोचना की वह रूस से ऊर्जा क्यों खरीदता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, "जर्मनी रूस को ऊर्जा के लिए क्यों अरबों देता है और फिर हम जर्मनी की रूस से रक्षा करें? ये कैसे चलेगा, ये नहीं चल सकता."

नॉर्थ स्ट्रीम पाइपलाइन

पाइपलाइन पर अमेरिकी रुख

ट्रंप का इशारा पूर्वी सागर से होकर आने वाले गैस पाइपलाइन नॉर्थ स्ट्रीम 2 की ओर था जो रूस से जर्मनी को सीधे गैस की सप्लाई करेगा. अब तक गैस पोलैंड से होकर आती है और उसके लिए ट्रांजिट फीस चुकानी पड़ती है. पाइप लाइन बनाने का काम बहुत हद तक पूरा हो चुका है लेकिन अमेरिका उसे रोकना चाहता है. अमेरिका चाहता है कि यूरोपीय देश रूसी गैस के बदले अमेरिका से तेल खरीदें. अमेरिका ने पिछले साल के अंत में इस पाइपलाइन पर प्रतिबंध भी लगा दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति ने जर्मनी पर व्यापार में अमेरिका को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ का मुक्त व्यापार के विचार से वे संतुष्ट नहीं हैं और जर्मनी यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है.

ट्रंप में यूरोपीय संघ के साथ व्यापारिक विवाद में बार बार ऑटोमोबिल पर ड्यूटी लगाने की धमकी दी है. नाटो की चर्चा करते हुए ट्रंप ने कहा कि जर्मनी उन कुछेक देशों में शामिल हैं जिन्होंने बार बार मांग के बावजूद रक्षा बजट का नाटो का लक्ष्य पूरा करने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रपति ने कहा, "जर्मनी सालों से कर्जदार है, उसकी नाटो को अरबों डॉलर की देनदारी है, और उसे वह चुकाना होगा." राष्ट्रपति ने कहा कि कम पड़ने पर हमेशा अमेरिका को भरपाई करनी पड़ती है. नाटो और व्यापार के मामले में जर्मनी अमेरिका को ठग रहा है.

जर्मनी में अमेरिकी सैनिक

क्या है नाटो का बजट लक्ष्य

नाटो ने तय किया है कि सदस्य देश 2024 तक अपने सकल राष्ट्रीय उत्पादन का कम से कम 2 प्रतिशत रक्षा बजट पर खर्च करेंगे. जर्मनी ने पिछले सालों में अपने रक्षा बजट में काफी वृद्धि की है, लेकिन अभी भी ये कम है. 2019 में उसका रक्षा बजट जीडीपी का सिर्फ 1.38 प्रतिशत था. देश में रक्षा बजट बढ़ाने पर विपक्ष का काफी विरोध है, लेकिन ट्रंप इसके लिए जर्मन सरकार की लगातार आलोचना करते रहे हैं. अब उन्होंने कहा है कि सैनिक बजट पर दो प्रतिशत का खर्च भी पर्याप्त नहीं है.

अमेरिकी मीडिया ने पिछले हफ्ते रिपोर्ट दी थी कि ट्रंप जर्मनी से 9,500 सैनिकों को हटाना चाहते हैं और जर्मनी में तैनात सैनिकों की उच्चतम संख्या 25,000 तय करना चाहते हैं. ट्रंप के बयान तक अमेरिकी सरकार ने इसकी औपचारिक तौर पर पुष्टि नहीं की थी, हालांकि जर्मनी सरकार ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिकी सरकार ने उसे अपनी योजनाओं की सूचना दी है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि ट्रंप इन सैनिकों में कुछ को जर्मनी से हटाकर पोलैंड में तैनात करना चाहते हैं, जबकि कुछ दूसरे देशों में तैनात होंगे और कुछ वापस अमेरिका लौट जाएंगे.

एमजे/एए (डीपीए, एपी)

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