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सजा पाए खिलाड़ियों को वापस लाने की कोशिश में पाकिस्तान

५ नवम्बर २०११

अपने खिलाड़ियों को इंग्लैंड में सजा होने से शर्मिंदा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वह मामले की घरेलू स्तर पर विस्तृत जांच करेगा. सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को स्पॉट फिक्सिंग मामले में सजा हुई है.

तस्वीर: DW

तीनों खिलाड़ियों को हुई सजा की पाकिस्तान में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. टीवी चैनलों और अखबारों में छपे बयानों से यह समझा जा सकता है कि देश के काफी लोग इस मामले में शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं. कुछ जगहों पर छोटे मोटे प्रदर्शन भी हुए. ट्विटर और फेसबुक पर भी लोगों ने कहा है कि इन खिलाड़ियों ने देश की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया है.

इस प्रतिक्रिया के बाद पीसीबी ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है. पीसीबी अध्यक्ष जका अशरफ ने शनिवार को लाहौर में एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि लंदन क्राउन कोर्ट के फैसले की विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद उन लोगों की पहचान की जाएगी जिनकी उपेक्षा के कारण यह विवाद पैदा हुआ.

तस्वीर: AP

इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने पीसीबी और ब्रिटेन में अपने उच्चायोग से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि सरकार खिलाड़ियों को वापस वतन लाने की कोशिश कर रही है. मलिक ने कहा, "एक उच्च स्तरीय मीटिंग में राष्ट्रपति जरदारी ने पीसीबी से रिपोर्ट मांगी है. इस रिपोर्ट में ऐसी कदमों की जानकारी मांगी गई है जिनसे आइंदा इस तरह की घटनाएं न हों. सरकार तीनों खिलाड़ियों को घर वापस लाने पर भी विचार कर रही है. हमने अपने उच्चायुक्त वाजिद शम्सुल हसन से भी कह दिया है कि खिलाड़ियों को हर जरूरी कानूनी सहायता मुहैया कराई जाए."

अशरफ ने कहा, "हम उन हालात और लोगों का पता लगाने की कोशिश करेंगे जिनकी उपेक्षा के कारण पाकिस्तान क्रिकेट की छवि को बुरी तरह प्रभावित करने वाला स्पॉट फिक्सिंग विवाद पैदा हुआ."

तस्वीर: dapd

पिछले महीने ही बोर्ड के अध्यक्ष बने अशरफ के बयान से ऐसा लग रहा है कि उनसे पहले बोर्ड में रहे अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. उन्होंने कहा कि जब यह मामला सामने आया, तब एंटी करप्शन के अधिकारी टीम के साथ मौजूद थे और उनकी मौजूदगी में यह कैसे संभव हुआ.

लंदन की एक अदालत ने इस मामले में पूर्व क्रिकेटर सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर के लिए गुरुवार को छह महीने से ढाई साल तक के कारावास का फैसला सुनाया. उन पर पिछले साल इंग्लैंड के खिलाफ खेले जाने वाले टेस्ट मैच के दौरान पैसे लेकर नो बॉल फेंकने का दोष साबित हुआ. इन तीनों खिलाड़ियों पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) पहले ही कम से कम पांच साल की पाबंदी लगा चुकी है.
पिछले महीने पीसीबी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने वाले ज़का अशरफ ने कहा कि वह आईसीसी के नाम पत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में पाकिस्तान की सहायता को दोहराते भी करेंगे. उन्होंने कहा,''पाकिस्तान फिक्सिंग या भ्रष्टाचार में शामिल पाए जाने वाले खिलाड़ियों का समर्थन कभी नहीं करेगा. हम आईसीसी को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि उसकी ओर से शुरू की गई किसी भी जांच प्रक्रिया में सहयोग किया जाएगा."

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा है कि आईसीसी की एंटी करप्शन और सुरक्षा यूनिट इस प्रकरण को लेकर ज्यादा विस्तृत जांच शुरू कर सकती है. यह जांच लंदन की अदालत में पेश किए गए सबूतों के आधार पर होगी.

रिपोर्टः रॉयटर्स​/एएफपी/वी कुमार

संपादन: एन रंजन

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