केरल में राजनीतिक हिंसा की घटनाओं में फिर से तेजी आयी है. इनके पीछे संघ-बीजेपी और सत्ताधारी सीपीएम के कार्यकर्ता हैं. राजनीतिक विमर्श की जगह हिंसा में बढ़ोत्तरी चिंता पैदा करने वाली है.
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पर्यटन नक्शे में केरल भले ही "भगवान का अपना घर” कहलाता हो लेकिन राजनैतिक नक्शे में वो हिंसा और हत्या के लिए कुख्यात ही रहा है. वाम और संघ के हिंसक टकराव में मौतें दोनों ओर हो रही हैं दोनों ही पक्ष कटघरे में हैं. इस हिंसा का अभिकेंद्र कन्नूर जिला बना हुआ है जहां 60 के दशक से ही बीड़ी मजदूरों और ट्रेड यूनियनों को लेकर वाम और संघ के बीच खूनखराबा होता आ रहा है. अकेले कन्नूर में ही पिछले 25 साल में दोनों पक्षों के 43-43 कार्यकर्ता मारे गए हैं. द हिंदू अखबार में पुलिस हवाले से पिछले दिनों आई खबर के मुताबिक 2005 से अब तक केरल में कुल 52 हत्याएं दर्ज हुई हैं. जिनमें 26 संघ के और 21 सीपीएम के कार्यकर्ता थे. तीन वर्कर अन्य दलों के थे. 2006-11 में वाम सरकार के कार्यकाल सबसे ज्यादा 31 हत्याएं बताई गईं.
पुलिस इन हत्याओं का सिर्फ ब्यौरा जमा करने वाली एजेंसी बन कर रह गई है. हत्याओं के दशकों से चले आ रहे सिलसिले के बीच एक चिंताजनक सवाल है पुलिस और प्रशासन का राजनीतिकरण जो कि एक ओपन सीक्रेट है. ऐसा नहीं है कि केरल पुलिस के पास संसाधनों की कमी होगी लेकिन ये संसाधन इस्तेमाल करने के लिए जिस इच्छाशक्ति की जरूरत है वो उसके पास नहीं दिखती है, सरकार के पास तो क्योंकर होगी. इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए एक महीने में रिपोर्ट देने को कहा है.
इमरजेंसी के बाद संघ ने उत्तरी केरल में अपनी जमीन तलाशने की शुरूआत की थी. वंचितों के बीच उसने जगह भी बनाई लेकिन वामपंथी और कांग्रेसी सरकारों के सामने उसकी उपस्थिति नगण्य ही रही. इधर 2014 के बाद देश के बदले हुए राजनैतिक समीकरणों के बीच संघ और बीजेपी के नेताओं का जोश बुलंदी पर है. उन्हें लग रहा है कि केरल में वाम और कांग्रेस वर्चस्व को तोड़ने का ये मुफीद वक्त है. राजनैतिक हिंसाओं ने उसकी कामना की आग में घी का काम किया है. लिहाजा वो केरल सरकार पर चौतरफा हमलावर है. लगता है कि कार्यकाल पूरा करने से पहले पी विजयन सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाकर सत्ता से बेदखल करने की तैयारी चल रही है. क्योंकि कुल मिलाकर इंप्रेशन ऐसा दिया जा रहा है कि संघ के कार्यकर्ता ही इस राजनैतिक हिंसा के शिकार बने हैं जबकि आंकड़ें बता रहे हैं कि खून बहाने में कोई किसी से उन्नीस नहीं है. केरल में कानून व्यवस्था की नाकामी का ये शोर उसी कदर उठ रहा है जैसा ईएमएस नंबूदिरीपाद के नेतृत्व वाली पहली निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार के दौरान उठा था जब 1959 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था.
केरल की हिंसा की डेमोग्राफी बताती है कि अधिकतर कमजोर तबकों के युवा इसका शिकार हैं. अस्मिता के प्रश्न, दमित आकांक्षाएं और विकास की चाहत को ठोस आधार देने की बजाय उन्हें उस हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है जो उनकी बुनियादी तकलीफों को और सघन बना देती है. भूख की लड़ाई से बेहाल लोगों को लेकर राजनैतिक दलों की निजी सेनाएं तैयार होती जाती हैं और दबंगों, गुंडों और दंगाइयों की जमात पनपने लगती है. चुनावी हिंसा अब रोजमर्रा की सड़क-गली-कूचे की हिंसा में तब्दील हो गई है. सत्ता पर हर हाल में वर्चस्व बनाए रखने की लालसा ने राजनैतिक विमर्श और विचारप्रधान लड़ाइयों को किसी दूर अतीत की घटना बना दिया है. एक तरह से हत्यारे राजनीति की नई पटकथा लिख रहे हैं.
कहने को लोकतंत्र है लेकिन ये देखिए कि सत्ता-राजनीति किस कदर दोतरफा वार करती है. केरल में वाम बहुमत, केंद्र में बीजेपी के बहुमत से मुठभेड़ कर रहा है और चिंता की बात ये है कि इसमें गरीब पिछड़े समुदायों के युवा जान से हाथ धो रहे हैं. जाहिर है कौन ज्यादा ताकतवर है, ये उस बात की भी लड़ाई बन जाती है. केरल हिंसा के पैटर्न पर गौर करें तो लगता है जैसे कोई बड़ा अदृश्य मकसद है जिसके पूरा होने तक ये खूनी खेल जारी रहेगा. अन्य राज्यों में भी तो इसके छींटे दिखते हैं.
राजनैतिक शुचिता का ये क्षरण, सत्तर साल के भारतीय लोकतंत्र में एक बड़ी गिरावट का सूचक भी है. सत्ता की उठापटक और छीनाझपटी ने राजनैतिक लड़ाइयों को मानो रियासतों पर कब्जे के खूनी संग्राम में बदल दिया है. बात निराशाजनक लग सकती है लेकिन ये कहना ही पड़ेगा कि दूर दूर तक इस अंधेरे से निपटने की न कोई सूरत दिखती है न तैयारी. सत्तर साल की आजादी का जश्न और देश-प्रेम की अंतहीन हिलोरें ऐसे में व्यर्थ और नकली ही लगती हैं.
(भारत का कौन सा राज्य किस देश के बराबर है?)
भारत का कौन सा राज्य किस देश के बराबर है?
भारत दुनिया के सबसे विशाल देशों में से एक है. चलिए जानते हैं कि भारत का कौन सा राज्य क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया के किस देश के बराबर है.
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आंध्र प्रदेश और ट्यूनीशिया
भारत के दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश का क्षेत्रफल 1.63 लाख वर्ग किलोमीटर है. यह उत्तर अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया के बराबर है.
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उत्तर प्रदेश और ब्रिटेन
उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य है जबकि 240,928 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ आकार के लिहाज से वह चौथा सबसे बड़ा राज्य है. यूपी का क्षेत्रफल ब्रिटेन के बराबर है जो 242,495 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
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अरुणाचल प्रदेश और ऑस्ट्रिया
पूर्वोत्तर भारत का अरुणाचल प्रदेश और यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया क्षेत्रफल से हिसाब से लगभग बराबर हैं. अरुणाचल प्रदेश जहां 83 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है, वहीं ऑस्ट्रिया का क्षेत्रफल 83,879 वर्ग किलोमीटर है.
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असम और चेक गणराज्य
असम पूर्वोत्तर भारत में सबसे घनी आबादी वाला राज्य है जबकि उसका क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल में यह 78,866 वर्ग किलोमीटर में फैले यूरोपीय देश चेक गणराज्य के बराबर है.
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बिहार और हंगरी
बिहार के आकार वाले देश की अगर बात की जाए तो यूरोपीय देश हंगरी का नाम उभर कर सामने आता है. बिहार का क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है जबकि हंगरी 93,030 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
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छत्तीसगढ़ और ग्रीस
1 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया छत्तीसगढ़ राज्य आकार में यूरोपीय देश ग्रीस के बराबर है. छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 135,198.5 वर्ग किलोमीटर है तो ग्रीस का 131,957 वर्ग किलोमीटर.
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गोवा और फ्रेंच पोलिनेशिया
दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ खीचने वाले गोवा का क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित फ्रेंच पोलिनेशिया के बराबर है.
तस्वीर: picture-alliance / KPA/Hackenberg
गुजरात और सेनेगल
गुजरात और पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल आकार में लगभग एक दूसरे के बराबर हैं. गुजरात का क्षेत्रफल 196,024 वर्ग किलोमीटर है जबकि सेनेगल का 196,712 वर्ग किलोमीटर.
तस्वीर: picture alliance/Dinodia Photo Library
हरियाणा और डेनमार्क
हरियाणा के आकार वाले देश को तलाशा जाये तो डेनमार्क का नाम उभरता है. हरियाणा का क्षेत्रफल 44,212 वर्ग किलोमीटर है तो डेनमार्क का क्षेत्रफल 42,931 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Aletta Andre
हिमाचल प्रदेश और क्रोएशिया
अपने सेबों के लिए पूरे भारत में मशहूर हिमाचल प्रदेश क्षेत्रफल में यूरोपीय देश क्रोएशिया के बराबर है. हिमाचल प्रदेश 55,673 वर्ग किलोमीटर में फैला है, तो क्रोएशिया 56,594 में.
तस्वीर: DW/A. Chatterjee
जम्मू कश्मीर और गुयाना
भारत के जम्मू और कश्मीर प्रांत का क्षेत्रफल 222,236 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल के हिसाब से वह गुयाना से थोड़ा सा ज्यादा है जो 214,970 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है.
तस्वीर: picture-alliance/Arcaid
झारखंड और हंगरी
बिहार के विभाजन से 15 नवंबर 2000 को अस्तित्व में आये झारखंड का क्षेत्रफल 79,714 वर्ग किलोमीटर है. प्राकृतिक खनिजों से मालामाल यह राज्य क्षेत्रफल में हंगरी के लगभग बराबर है.
तस्वीर: Ravi Mishra/Global Witness
कर्नाटक और सेनेगल
दक्षिणी राज्य कर्नाटक 191,791 वर्ग किलोमीटर में फैला है और यह क्षेत्रफल में अफ्रीकी देश सेनेगल के बराबर है जिसका क्षेत्रफल 196,712 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: UNI
केरल और भूटान
भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित बेहद खूबसूरत राज्य केरल का क्षेत्रफल 38,863 वर्ग किलोमीटर है. आकार में भूटान उसके बराबर कहा जा सकता है जिसका क्षेत्रफल 38,394 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Fotolia/Marina Ignatova
मध्य प्रदेश और ओमान
भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल 308,245 वर्ग किलोमीटर है. आकार में यह अरब देश ओमान के बराबर है जिसका क्षेत्रफल 309,500 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: picture alliance/blickwinkel/M. Hicken
महाराष्ट्र और ओमान
महाराष्ट्र 307,713 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है. इसके बराबर आकार वाला देश भी ओमान ही कहा जा सकता है.
तस्वीर: Imago/Arnulf Hettrich
मणिपुर और बेलिजे
पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर का क्षेत्रफल 22,327 वर्ग किलोमीटर है. यह आकार के हिसाब से मध्य अमेरिकी देश बेलिज के बराबर है जो 22,966 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
तस्वीर: Bijoyeta Das
मेघालय और जिबूती
मेघायल और अफ्रीकी देश जिबूती आकार में लगभग बराबर हैं. मेघायल का क्षेत्रफल जहां 22,429 वर्ग किलोमीटर है, वहीं जिबूती का क्षेत्रफल 23,200 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: CC BY spo0nman -NC 2.0
मिजोरम और अल सल्वाडोर
कहां मिजोरम और कहां मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर. लेकिन दोनों के क्षेत्रफल में समानता है. मिजोरम का क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किलोमीटर है तो अल सल्वाडोर का क्षेत्रफल 21,041 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Bijoyeta Das
नगालैंड और स्वाजीलैंड
म्यांमार की सीमा से सटे भारत के पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड का क्षेत्रफल 16,579 वर्ग किलोमीटर है. लगभग इतने ही क्षेत्रफल वाला देश है अफ्रीका में स्वाजीलैंड. उसका क्षेत्रफल 17,364 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/C. Mao
ओडिशा और बांग्लादेश
भारत का पूर्वी राज्य ओडिशा 155,707 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश क्षेत्रफल में लगभग इतना ही है. उसका क्षेत्रफल 147,610 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: UNI
पंजाब और कोस्टा रिका
अपनी बिंदास संस्कृति के लिए मशहूर पंजाब का क्षेत्रफल 51,000 वर्ग किलोमीटर है. वहीं मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका भी 50,362 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
राजस्थान और डीआर कांगो
आकार के हिसाब से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है जिसका क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किलोमीटर है. यह राज्य अफ्रीकी देश डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के बराबर है जो 342,000 वर्ग किलोमीटर पर फैला है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bhatnagar
सिक्किम और फ्रेंच सदर्न एंड अंटार्कटिक
सेवन सिस्टर्स के नाम से मशहूर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में से एक सिक्किम 7,096 वर्ग किलोमीटर में फैला है. क्षेत्रफल में यह फ्रेंच सदर्न एंड अंटार्कटिक के बराबर है. इसका क्षेत्रफल 7,747 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Subhash Purohit
तमिलनाडु और निकारागुआ
तमिलनाडु का क्षेत्रफल 130,058 वर्ग किलोमीटर है. इसके बराबर आकार वाला देश हमें मध्य अमेरिका में निकारागुआ नजर आता है. उसका क्षेत्रफल है 130,375 वर्ग किलोमीटर.
तस्वीर: Imago/Westend61
तेलंगाना और होंडुरास
तेलंगाना भारत का सबसे नया नवेला राज्य है जिसका गठन जून 2014 में हुआ. 112,077 वर्ग किलोमीटर वाला यह राज्य क्षेत्रफल में मध्य अमेरिकी देश होंडुरास के बराबर हैं. उसका क्षेत्रफल 112,492 वर्ग किलोमीटर है.
त्रिपुरा 10,486 वर्ग किलोमीटर में फैला है. अरब दुनिया का एक छोटा सा देश लेबनान आकार में इसके बराबर है, जिसका क्षेत्रफल 10,452 वर्ग किलोमीटर है.
तस्वीर: Sanchay Chakma
उत्तराखंड और बोस्निया हर्जेगोवेनिया
उत्तराखंड 9 नवंबर 2000 को बना. इस राज्य का क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह लगभग बोस्निया हर्जेगोवेनिया के बराबर है जो 51,197 वर्ग किलोमीटर में फैला है.
तस्वीर: picture alliance / M. Swarup
पश्चिम बंगाल और सर्बिया
पश्चिम बंगाल और दक्षिण पूर्वी यूरोप का देश सर्बिया आकार में लगभग बराबर हैं. पश्चिम बंगाल का क्षेत्रफल 88,752 वर्ग किलोमीटर है जबकि सर्बिया का 88,361 वर्ग किलोमीटर.