सपना टूटा तो रो पड़ी जर्मन टीम
८ जुलाई २०१०कोच योआखिम लोएव ने कहा, "हमने अब तक बढ़िया खेला. आज कुछ काम नहीं बना... हम दुखी और निराश हैं लेकिन स्पेन ने बहुत अच्छा खेला और यह कप वही जीतेगा." रविवार को नीदरलैंड्स और स्पेन फाइनल में भिड़ेंगे. चार साल पहले की तरह जर्मनी भी तीसरे स्थान के लिए विश्व कप 2010 का अंतिम खेल खेलेगा. लोएव ने कहा अब टीम इस खेल में अच्छा प्रदर्शन कर कम से कम तीसरे स्थान के लिए कोशिश करेगी.
टीम के कप्तान फिलिप लाम आंसुओं से लड़ रहे थे जब उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल में बाहर निकलना बहुत कड़वा अनुभव है. गोलकीपर मानुअल नोएर के बचाव ने जर्मनी को शर्मनाक हार से तो बचाया, लेकिन उनका मानना था कि जर्मनी को और साहस के साथ खेलने की जरूरत थी. विश्व कप के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर माने जा रहे श्वाइनश्टाइगर भी इस बात से दुखी हैं कि फाइनल के इतने करीब आ कर उन्हें रुकना पड़ा है. लेकिन उन्होंने यह बात मानी है कि टीम की रणनीति इतनी अच्छी नहीं थी. स्पेन की टीम दुनिया की सबसे अच्छी टीम है. जर्मनी ने आज देख लिया है कि एक टॉप स्तर की टीम कैसा खेलती है.
जर्मन फुटबॉल फेडरेशन के प्रमुख थियो त्स्वांत्सिगर का कहना था कि वे निराश तो नहीं हैं लेकिन टीम के लिए दुखी हैं. उनका मानना है कि टीम के 'युंग्स', यानी युवा खिलाड़ियों की क्षमता बहुत अच्छी है. कुछ दिनों बाद निष्पक्ष तरीके से देखने पर लोगों को आभास होगा कि इन्होंने अच्छा खेला.
उधर स्पेन के खिलाड़ी अपने डिफेंडर कार्लेस पुयोल का गोल याद कर कर के झूम रहे हैं. प्रधानमंत्री रोद्रीगेज सापातेरो ने गोल के बाद रोडियो पर कहा कि पुयोल शानदार हैं. पुयोल के साथ खेल रहे डेविड विया ने पुयोल को 'शार्क' कहा और शाबी आलोंसो ने भी पुयोल के प्रदर्शन को अदभुत कहा. यहां तक की जर्मन कोच लोएव ने भी पुयोल के खेल की प्रशंसा की और उनकी ताकत और पक्के इरादे की दाद दी. हालांकि जब वह कहते हैं कि जर्मनी के बचाव को गेंद देख लेनी चाहिए थी, तो उनकी आवाज़ से निराशा साफ झलकती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन
संपादनः ए जमाल