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सबको नचाने वाला 'टिक टॉक' खुद किसके इशारों पर नाचता है

२८ नवम्बर २०१९

महज 36 साल का एक चीनी अरबपति और तकनीक का महारथी दुनिया भर के टीनएजरों की नब्ज पकड़ने में माहिर है. अपने टिक टॉक ऐप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर वह दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ रहा है.

China App TikTok | Tim Cook und Zhang Yiming
बाइटडांस को चलाते हैं अरबपति कारोबारी और प्रोग्रामर झांग यिमिंग. तस्वीर में ऐप्पल के टिम कुक के साथ.तस्वीर: picture-alliance/dpa/Bytedance

चीनी सरकार के साथ मिल कर काम करते हुए वह चीन में कंटेंट पर नियंत्रण रखने वाले सेंसर का काम भी करते हैं. बिजिंग की स्टार्टअप कंपनी बाइटडांस टिक टॉक प्लैटफार्म को चलाती है और बाइटडांस को चलाते हैं अरबपति झांग यिमिंग. टिक टॉक के 15 से 60 सेकंड वाले वीडियो क्लिप में लोग बाल रंगना सिखाने से लेकर गानों पर डांस करते दिखते हैं.

2017 में इसके लॉन्च के समय से टिक टॉक को 1.5 अरब बार डाउनलोड किया गया है. अमेरिकी रिसर्च एजेंसी सेंसर टॉवर ने बताया है कि यह भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया जैसे देशों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. हालांकि इसके उभार ने कई तरह की सुरक्षा चिंताएं भी पैदा की हैं. कुछ हफ्ते पहले अमेरिका के दो वरिष्ठ सीनेटरों ने सरकार से इस ऐप की समीक्षा कराने की मांग की है. उनका मानना है कि यह ऐप चीन के लिए यूजर्स की जासूसी करना बहुत आसान बनाता है.

झांग ने 2012 में बाइटडांस शुरु किया. कंपनी ने यूजरों की पसंद के हिसाब से न्यूजफीड को व्यक्तिगत बनाने के लिए बड़े स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करना शुरु किया.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/Da Qing

चुंग कॉन्ग ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के असिस्टेंट डीन बो जी बताते हैं कि इसकी मदद से कंपनी को "फौरन और शानदान सफलता" मिली क्योंकि वह युवा यूजरों पर खास ध्यान दे रही थी. उन्होंने कहा, "नई पीढ़ी अपनी असल भावनाएं व्यक्त करना चाहती है, अच्छी या बुरी सब तरह की. वे सीधे तौर पर खुद को जताने में विश्वास करते हैं." यही वजह है कि चीन के बाहर टिक टॉक बाइटडांस कंपनी का सबसे लोकप्रिय ऐप बन गया. चीन के भीतर और विश्व भर में चलने वाले इसके दूसरे उत्पादों में कई न्यूज एग्रीगेटर और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाले टूल शामिल हैं.

इन सब उत्पादों ने झांग को एक कंप्यूटर प्रोग्रामर से बिजनेसमैन और फिर वहां से चीन के अरबपतियों के क्लब में पहुंचा दिया. 2019 में वह 13.5 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ हुरून चाइना रिच लिस्ट के टॉप 20 अमीर लोगों में शामिल हो गए. इस सूची में बाइडू जैसे पुराने और स्थापित सर्च इंजिन के संस्थापक भी उनके बाद आते हैं. झांग ने 2017 में लिप-सिंकिंग वीडियो ऐप म्युजिकल.ली का अधिग्रहण किया और उसे अपने टिक टॉक के साथ मिला दिया. इस डील पर उन्होंने एक अरब डॉलर खर्च किए. बो कहते हैं, "मि. झांग एक अनोखे चीनी कारोबारी हैं. उन्होंने दुनिया के लिए कुछ बनाया है. युवा लोगों और उनकी सोच को वह खूब समझते हैं."

बाइटडांस का पहला प्रमुख और सबसे लोकप्रिय प्रॉडक्ट था न्यूज देने वाला ऐप 'जिनरी टूटिआओ' जिसका मतलब है -आज की बड़ी खबर. विशेषज्ञों का मानना है कि इसने चीनी लोगों के पढ़ने की आदत ही बदल कर रख दिया और इससे कंपनी को मालूम होता है कि लोग क्या पढ़ रहे हैं, देख रहे हैं और उन्हें वैसी ही और चीजें सुझाई जाती हैं.

टिक टॉक के अलावा कंपनी अमेरिका में अंग्रेजी न्यूज एग्रीगेटर साइट टॉपबज चलाती है. यह कंपनी इंडोनेशिया के एक न्यूज ऐप बाबे में 2016 से एक नियंत्रक शेयरधारक भी है. प्रॉडक्टिविटी ऐप लार्क कंपनी का सबसे ताजातरीन प्रॉडक्ट है और जल्द ही बाइटडांस अपनी खुद की म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस भी लॉन्च करने की तैयारी में है जो स्पॉटिफाई और ऐप्पल से मुकाबला करेगी.

चीन में बाइटडांस ने हजारों लोगों को सेंसर के तौर पर नौकरी दे रखी है. ये सेंसर उसके घरेलू प्लेटफॉर्म से लगातार "अनुचित कंटेट" हटाने का काम करते हैं. इस मद में कंपनी बहुत बड़ी रकम खर्च करती है और जनवरी में उसने ऐसे 2,000 और सेंसरों को नियुक्त किया, तब चीन सरकार ने उनसे नाराजगी जताई थी. चीनी सरकार ने प्लेटफॉर्म पर "नग्नता और अश्लील जानकारी परोसे जाने" का आरोप लगाते हुए इस पर अस्थाई रोक लगा दी थी. इसके बाद कंपनी ने अपने आंतरिक सेंसरशिप स्टाफ की तादाद बढ़ाकर 10,000 करने का वादा किया है.

चीन में सेंसरशिप एक बेहद आम प्रक्रिया है क्योंकि इंटरनेट पर यहां कई तरह से नियंत्रण रखा जाता है. हालांकि टिक टॉक जैसा ऐप जब चीन से बाहर पूरे विश्व में फैलता है तो उसके साथ ही सेंसरशिप के मसले पर कई तरह की चुनौतियां आती हैं. टिक टॉक ऐप बांग्लादेश में प्रतिबंधित है और इसी साल कुछ समय के लिए भारत में भी बैन किया गया था. इस पर भारत में बच्चों को नग्नता परोसने तो अमेरिका में अवैध रूप से बच्चों की जानकारी इकट्ठा करने के आरोप लगते रहे हैं.

हाल ही में एक वायरल हुए टिक टॉक वीडियो को लेकर विवाद पैदा हुआ जब मेकअब के गुर सिखाने वाले एक वीडियो में एक महिला यूजर ने चीन में उइगुर मुसलमानों के लिए चलाए जा रहे कैंपों के बारे में जागरुकता फैलाने की कोशिश की और उसका वीडियो ब्लॉक कर दिया गया. हालांकि कंपनी ने इसे ब्लॉक करने को एक इंसानी भूल बताते हुए वापस उपलब्ध करा दिया है लेकिन समय समय पर ऐसी शिकायतें सामने आती हैं जिनमें चीन विरोधी विचार या उसकी किसी भी आलोचना को प्लेटफार्म पर स्वीकार नहीं किया जाता.

दूसरी ओर बाइटडांस ने अक्टूबर में बयान जारी कर कहा कि वह "किसी भी विदेशी सरकार और यहां तक की चीनी सरकार से भी प्रभावित नहीं है." हालांकि अमेरिकी सीनेटरों ने चिट्ठी लिख कर चिंता दर्ज करवाई है कि बाइटडांस पर चीनी खुफिया एजेंसी यूजरों की जानकारी साझा करने का दबाव डाल सकती है और उसका इस्तेमाल आने वाले अमेरिकी चुनावों में कर सकती है.  

आरपी/एनआर (एएफपी)

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