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सबसे बड़ा खजाना महिला की मुट्ठी में

९ अक्टूबर २०१३

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जेनेट येलेन को अमेरिका के केंद्रीय बैंक की कमान सौंपने जा रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े खजाने की चाबी पहली बार किसी महिला के हाथ में आ रही है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कम ब्याज दरों और बड़े पैमाने पर बॉन्ड की खरीदारी से अमेरिका के आर्थिक विकास में जोश भरने की प्रबल पैरोकार येलेन फिलहाल फेडरल बैंक की दूसरी सबसे बड़ी अधिकारी हैं. फेडरल बैंक के मौजूदा प्रमुख बेन बरनान्के का चेयरमैन के रूप में दूसरा कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है. येलेन उन्हीं की जगह लेंगी. बैंक के 100 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला यह पद संभालेगी. क्या संयोग है कि भारत के भी सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक की प्रमुख का कार्यभार इसी हफ्ते पहली बार एक महिला अरुंधति भट्टाचार्य के पास आया है. वैसे निजी क्षेत्र में आईसीआसीआई की चंदा कोचर पहले से ही यह जिम्मेदारी निभा रही हैं.

क्या हैं चुनौतियां

उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी सीनेट येलेन की नियुक्ति पर मुहर लगा देगी. येलेन पर बरनान्के के कार्यकाल के दौरान शुरू की नीतियों को ही आगे ले जाने की जिम्मेदारी होगी. जानकारों का कहना है कि वह सावधानी से उन नीतियों को लागू करने के लिए काम करेंगी जिससे कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी आए. उम्मीद की जा रही है कि फेडरल बैंक वित्तीय बाजार को प्रोत्साहित करने के मई से चले आ रहे कदमों पर थोड़ा रोक लगाएगा. सितंबर में भी बाजार में पूरे 85 अरब डॉलर की नगदी उड़ेल कर केंद्रीय बैंक ने निवेशकों को हैरान कर दिया था.

तस्वीर: picture alliance / landov

बॉस्टन में लूमीस सेयल्स के पोर्टफोलियो मैनेजर डैन फस ने कहा, "शुक्र है भगवान का कि येलेन को मौजूदा परिस्थितियों में नामित किया जा रहा है. इस वक्त आप सेंट्रल बैंक में कोई बदलाव नहीं चाहते. येलेन की खबर पहले से घबराए बाजार को निश्चित रूप से थोड़ा उठाएगी."

येलेन का नामांकन ऐसे वक्त में हो रहा है जब अमेरिका में राजनीतिक गतिरोध है, सरकारी कामकाज बंद है और खतरा है कि 17 अक्टूबर तक कर्ज की सीमा न बढ़ी तो अमेरिका अपनी किस्तों का भुगतान नहीं कर पाएगा. येलेन के नॉमिनेशन की खबर आने के बाद डॉलर की कीमत नीचे आई जबकि शेयर बाजार ऊपर उठा. कर्ज पर आशंकाओं के इस दौर में फेडरल बैंक बाजार को प्रोत्साहित करने के कुछ कदमों में फिलहाल देरी कर सकता है.

67 साल की येलेन की तरफ ओबामा का ध्यान तब गया, जब उनके पूर्व आर्थिक सलाहकार लॉरेंस समर्स ने अपना विचार डेमोक्रैटिक पार्टी के ही प्रबल विरोध की आशंका में वापस ले लिया. इससे कांग्रेस से उनके नाम की पुष्टि कराने में दिक्कत होती. ओबामा उनके नाम का एलान व्हाइट हाउस में स्थानीय समय के मुताबिक बुधवार को दोपहर तीन बजे करेंगे.

सम्मानित अर्थशास्त्री

येलेन को डेमोक्रैट पार्टी का समर्थन हासिल है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की पूर्व प्रोफेसर की नियुक्ति का दबाव बनाने के लिए सीनेट के 20 डेमोक्रैट सांसदों ने एक पत्र भी ओबामा के पास भेजा, जो आम तौर पर नहीं होता. रिपब्लिकनों की तरफ से उनका समर्थन इतना जबर्दस्त नहीं है. हालांकि इसके बाद भी उम्मीद की जा रही है कि पुष्टि के लिए जरूरी 60 वोट येलेन आसानी से जुटा लेंगी. 100 सदस्यों वाली सीनेट में डेमोक्रैट 54 सीटों के साथ बहुमत में हैं.

येलेन एक सम्मानित अर्थशास्त्री हैं और मौद्रिक नीति में गहरी जानकारी रखती हैं. येलेन ने फेडरल बैंक के उन अधिकारियों के रूप में सम्मान हासिल किया है जो बेरोजगारी पर ज्यादा और मुद्रास्फीति की कम चिंता करते हैं. इसी साल मार्च में उन्होंने कहा था, "रोजगार अपने अधिकतम स्तर से काफी दूर है और मुद्रास्फीति कमेटी के 2 फीसदी के लक्ष्य से नीचे है, ऐसे में मेरा विचार से यह उचित होगा कि श्रम बाजार मौद्रिक नीतियों को चलाने में मुख्य भूमिका निभाए."

तस्वीर: Reuters

येल यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ने वाली येलेन ने बैर्कले में एक दशक से ज्यादा पढ़ाया. फेडरल बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर में उनका पहला कार्यकाल 1994 से 1997 तक रहा और उसके बाद वो राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के आर्थिक सलाहकारों की परिषद की प्रमुख बनीं. बाद में वो सैन फ्रांसिस्को फेडरल रिजर्व बैंक की प्रमुख बनीं. यहां रियल स्टेट बाजार की जरूरत से ज्यादा गर्मी के साथ प्रत्यक्ष अनुभव ने उन्हें हाउसिंग के बुलबुले के फूटने का बाकी सहयोगियों की तुलना में बहुत पहले अहसास करा दिया. फेडरल बैंक के प्रमुख के रूप में अब वो दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओँ की कतार में आने वाली हैं.

एनआर/एजेए (रॉयटर्स)

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