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सब कॉलेजों में दाखिले के लिए होगी एक ही परीक्षा

२१ फ़रवरी २०१२

बारहवीं कक्षा की परिक्षा देने के बाद छात्रों को कॉलेज में दाखिला लेने के लिए कई तरह की परीक्षाओं के लिए बैठना पड़ता है. इस से बचने के लिए देश में एक परीक्षा कराने की तैयारी हो रही है.

तस्वीर: AP

देश भर में कॉलेज में दाखिले के लिए एक साझा परीक्षा कराने पर सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक हो रही है. इस बैठक में इस बात पर विचार किया जा रहा है कि किस तरह साइंस और इंजीनियरिंग के लिए देश भर में एक ही एंट्रेंस टेस्ट करवाया जाए.

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि देश भर में 11 शिक्षा बोर्ड सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन कर चुके हैं और सरकार अब इस बारे में अन्य बोर्ड की राय का इंतजार कर रही है. बैठक से पहले समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कपिल सिब्बल ने कहा, "सभी राज्यों को अब इसका हिस्सा बनना होगा. हम सेब (सीएबीई) कमेटी की बैठक करने जा रहे हैं. परीक्षा शुरू करने से पहले हम एक नतीजे पर पहुंचना चाहते हैं."

2013 में होगी परीक्षा

सिब्बल को उम्मीद है कि 2013 तक वह इस योजना को लागू कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि वह पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही यह प्रस्ताव लागू हो जाए और इसके लिए उन्हें पर्याप्त समर्थन भी मिल रहा है, "मिसाल के तौर पर मैं आपको बता सकता हूं कि कल ही हमारी भारत के स्कूली शिक्षा के लिए शिक्षा परिषद के बोर्ड के साथ बैठक हुई. इस बैठक में 11 बोर्ड्स ने हिस्सा लिया और सभी ने प्रस्ताव का समर्थन किया."

सिब्बल ने कहा कि वह देश के अन्य सभी बोर्ड्स को पत्र लिख कर इस मामले में उनके विचार मांगेंगे और उनसे पूछेंगे कि क्या इसे ले कर उन्हें किसी तरह की शिकायत या परेशानी है. अब तक तैयार की गई योजना के अनुसार यह परीक्षा अगले साल अप्रैल या मई में होगी. इंडियन साइंस एलिजिबिलिटी टेस्ट के नाम से होने वाली यह परीक्षा दो हिस्सों में कराई जाएगी.

नया फॉर्मूला

सिब्बल ने कहा है कि इस बारे में भी ध्यान दिया जा रहा है कि किस तरह से अलग अलग राज्यों के बारहवीं कक्षा के नतीजों को एक स्तर पर रख के देखा जाए. उन्होंने कहा कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान के साथ मिलकर एक फॉर्मूला तैयार किया गया है. इस फॉर्मूला की मदद से राज्यों को आईआईटी सिस्टम में अधिक जगह दी जा सकेगी.

सिब्बल ने कहा कि वह राज्यों की बोर्ड परीक्षाओं के साथ कोई फेरबदल नहीं करना चाह रहे और इस से जुड़ी गलतफहमियों को दूर करना चाहते हैं. उन्होंने साफ किया कि फॉर्मूला पिछले पांच साल की परीक्षाओं के नतीजों को लेकर बनाया गया है.

जब सिब्बल से यह पूछा गया कि कई दक्षिण भारतीय राज्य इस परीक्षा के खिलाफ हैं तो उन्होंने जवाब दिया, "किसने कहा कि वे तैयार नहीं हैं? बैठक में उन सब ने रजामंदी दिखाई है. हमें लोगों को इस बारे में समझाना है." केंद्र सरकार को इस मामले में खास तौर से पश्चिम बंगाल से विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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