समझौता ब्लास्ट के संदिग्धों पर 10-10 लाख इनाम
११ जनवरी २०११![](https://static.dw.com/image/2355314_800.webp)
2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी. स्वामी असीमानंद ने इस धमाके में हाथ होने की बात कुबूल कर ली है. एनआईए से पूछताछ के दौरान असीमानंद ने संदीप डांगे और रामचंद्र कालसंगरा का भी नाम लिया. असीमानंद को पिछले साल 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया. अपने कुबूलनामे में स्वामी ने बताया कि पानीपत के नजदीक समझौता एक्सप्रेस में धमाके की योजना में संदीप डांगे और रामचंद्र कलसांगरा का अहम हाथ रहा. एनआईए पिछले साल जुलाई से इस केस की जांच कर रही है. अपनी जांच के दौरान एजेंसी ने पूरी घटना को अलग अलग कड़ियों में सबूतों और गवाहों के सहारे जोड़ लिया था. लेकिन कुछ अहम कड़ियां उसे नहीं मिल पा रही थीं. असीमानंद ने अपने कुबूलनामे में उन कड़ियों को जोड़कर घटना को लगभग साफ कर दिया है. अधिकारियों के मुताबिक असीमानंद को अलग अलग जगह ले जाया गया और घटना की पूरी जानकारी हासिल की गई. असीमानंद ने बताया कि साजिश कहां रची गई, उसके लिए सामान कहां से खरीदा गया और धमाके के बाद सुनील जोशी, डांगे और कलसांगरा कहां छिपे. अधिकारियों ने बताया कि मध्यप्रदेश गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान के कई व्यापारियों ने इन तीनों की छिपने में मदद की. अब एजेंसी डांगे और कलसांगरा की जोरों से तलाश कर रही है ताकि पूरे रहस्य से पर्दा उठाया जा सके.
असीमानंद के वकील ने कहा है कि अधिकारियों ने जोर जबर्दस्ती उनसे जुर्म कबूल करवाया है. वकील के इस दावे के बाद डांगे और कलसांगरा की गिरफ्तारी और ज्यादा अहम हो गई है. इसलिए एजेंसी ने उनकी जानकारी देने वाले को बड़ा इनाम देने का एलान किया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़