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'समय के मुताबिक चलें भारत रूस'

२१ अक्टूबर २०१३

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भारत की रक्षा जरूरतों के लिए रूस सबसे जरूरी साझेदार बना रहेगा. हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आपसी रिश्तों को बदलते दौर के हिसाब से तालमेल बिठाना होगा.

तस्वीर: Reuters

सिंह ने भारत और रूस के संबंधों की तारीफ की और कहा दोनों में बहुत सामंजस्य और ऊर्जा है. लोगों के बीच मैत्री के कारण कूटनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी. उन्होंने दोनों देशों के आपसी रिश्तों में अहम परमाणु ऊर्जा, रक्षा, हाइड्रोकार्बन और व्यापार के अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग को भी शामिल किया. मनमोहन सिंह ने मॉस्को के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन्स पर कहा कि यह छोटी सी समीक्षा भी हमारी साझेदारी के आयाम दिखाती है कि यह कितना अहम है, "मुझे पूरा विश्वास है कि आपसी संबंधों में मजबूती और आवेग बना रहेगा, लेकिन इसे बदलते दौर में ताजा मौकों और चुनौतियों के अनुसार खुद को ढालना भी होगा. रूस हमारे लिए रक्षा में अहम साझेदार रहेगा. भविष्य की साझेदारी तकनीक ट्रांसफर और साझा काम, साझे विकास और साझे उत्पादन पर रहेगी."

तस्वीर: Reuters

हालांकि बातचीत के दौरान ऐसे संकेत मिले कि ऊर्जा मामले में दोनों देशों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है, लेकिन प्रधानमंत्री सिंह ने अपने भाषण में कहा, "रूस हमारी ऊर्जा सुरक्षा में भी अहम साझेदार है. परमाणु ऊर्जा सहयोग में हमारा बड़ा प्रोजेक्ट है. हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में जो साझेदारी हम शुरू कर रहे हैं, उससे तेल, गैस और नवीनीकृत ऊर्जा में हमारी साझेदारी और मजबूत होगी."

सिंह ने माना कि रूस अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के दौर में भारत के साथ था, जब उसके खुद के पास स्रोत कम थे और दोस्त भी. इससे भी ज्यादा "जो सहयोग हमें मिला है, वह हम भारतीय कभी नहीं भूल सकेंगे."

उन्होंने भारत और रूस के संबंधों को अतुलनीय करार दिया है. उन्होंने कहा, "रूस ने भारत के साथ तब परमाणु ऊर्जा में साझेदारी कि जब दुनिया का कोई देश हमसे परमाणु व्यापार नहीं कर रहा था. कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की पहली यूनिट उन्हीं के सहयोग से बनी. जुलाई में यह काम के लिए तैयार हो गया. जबकि दूसरे की अनुमति अगले साल मिल सकती है."

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारतीय तेल कंपनी ओएनजीसी का विदेश में सबसे बड़ा ठिकाना रूस ही है. मनमोहन सिंह के शब्दों में, "हम दोनों ही अपने साझे पड़ोस में विकास के कारण प्रभावित हो रहे हैं, और इस दौर में हमारी रणनीतिक साझेदारी किसी भी समय की बजाए अभी उपयुक्त है."

एएम/एनआर (पीटीआई)

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