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समलैंगिकता के आरोपों से बरी अनवर इब्राहिम

९ जनवरी २०१२

मलेशिया की एक अदालत ने विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम को समलैंगिकता के आरोपों से बरी कर दिया है. फैसले के बाद सुधारवादी इब्राहिम के राजनीति में लौटने की संभावना व्यक्त की जा रही है. मलेशिया में इस साल चुनाव होने हैं.

तस्वीर: AP

फैसले के बाद अनवर ने रिपोर्टरों से कहा, "शुक्र है भगवार का कि न्याय हुआ." फैसला आने के बाद अनवर के ट्विटर अकाउंट पर संदेश था, "आने वाले चुनावों में जनता की आवाज प्रबल होगी और यह भ्रष्ट सरकार सत्ता से हटा दी जाएगी." मलेशिया की एक अदालत में जज जाबिदिन मुहम्मद दिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि डीएनए के नमूनों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. अनवर इब्राहिम पर अपने पूर्व सहयोगी के साथ समलैंगिक संबंध बनाने के आरोप लगे थे. जाबिदिन ने कहा, चूंकि यह यौन अपराध का मामला है इसलिए अदालत अपुष्ट सबूतों के आधार पर फैसला सुनाने से परहेज करती है. इसलिए आरोपी को बरी किया जाता है.

'स्वतंत्र न्याय व्यवस्था'

वर्तमान प्रधानमंत्री नजिब की लोकप्रियता लगातार घट रही है और देश में समुदायों के बीच बढ़ रहे अंतर के कारण गैर मुस्लिम और मध्यवर्गीय लोगों में बढ़ती महंगाई और राजनैतिक सुधारों में ढीलेपन के कारण सरकार के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. हालांकि सरकार ने इस फैसले को उनकी सत्ता में न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता और निष्पक्षता का एक सबूत बताया है. और कहा है कि यह सरकार के सुधारों का असर है. इस फैसले के कारण मलेशियाई अदालत अंतरराष्ट्रीय निंदा से भी बच गई है. वह भी ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री अमेरिका और यूरोप के साथ अपने संबंध बेहतर करने की कोशिशों में हैं.

तस्वीर: dapd

पहले भी आरोप

मलेशिया में समलैंगिक संबंध अपराध है. अगर अनवर इब्राहिम मुजरिम करार दिए जाते तो उन्हें 20 साल कैद की सजा भुगतनी पड़ती. और उन्हें विपक्षी पार्टी के नेतृत्व से भी हाथ धोना पड़ता.

अनवर इब्राहिम मलेशिया के उप प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के साथी रहे हैं. लेकिन मोहम्मद से उनके रिश्ते खराब हो गए और बाद में उन्हें भ्रष्टाचार और समलैंगिकता के आरोप में जेल भेज दिया गया. हालांकि छह साल जेल में काटने के बाद 2004 में उन्हें रिहा कर दिया गया था.

यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि देश में चुनाव होने वाले हैं और अनवर प्रधानमंत्री नजिब रज्जाक के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं. प्रधानमंत्री नजिब रजाक ने धीरे धीरे राजनैतिक और आर्थिक सुधार करने शुरू किए हैं हालांकि वह इस मुद्दे पर कोई तेजी नहीं दिखाना चाहते क्योंकि उन्हें सत्ता में रुढ़िवादी मलय समुदाय के विरोध का डर है.

तस्वीर: dapd

नए सुधार

अनवर मलेशिया के कड़े और जातीय आधार पर प्राथमिकता देने वाली प्रणाली को खत्म करने के लिए कदम उठाने की बात करते रहे हैं और आने वाले चुनावों में भी यही उनका मुख्य मुद्दा हो सकता है. जातीय आधार पर प्राथमिकता देने वाले कानून का चीनी और भारतीय मूल के मलेशियाई हमेशा से विरोध करते रहे हैं. उधर अदालत के बाहर पार्किंग इलाके में तीन धमाके भी सुने गए. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दो लोग घायल हुए हैं. फैसले के दौरान अदालत के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. 

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स,आभा एम

संपादनः ईशा भाटिया         

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