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समलैंगिक बयान पर फंसे आजाद की सफाई

६ जुलाई २०११

समलैंगिकता को बीमारी बताने वाले भारतीय स्वास्थ्य मंत्री चौतरफा हमलों के बाद बचाव करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने तो एचआईवी को बीमारी कहा. लेकिन समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र उन पर बरस पड़ा.

तस्वीर: DPA

मामले को तूल पकड़ता देख स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आनन फानन में एक प्रेस कांफ्रेंस बुला कर अपनी सफाई दी. उन्होंने कहा, "मेरा इरादा समाज के किसी भी वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था. मैंने कभी भी गे या समलैंगिकता शब्द का इस्तेमाल नहीं किया और जिस बीमारी की मैं बात कर रहा था, वह समलैंगिकता नहीं, बल्कि एचआईवी है." उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.

आजाद ने कहा, "मैंने सिर्फ तकनीकी भाषा का इस्तेमाल किया है. आम तौर पर गे और होमोसेक्सुआलिटी शब्दों का इस्तेमाल होता है, जो मैंने नहीं किया." उन्होंने सोमवार को एक सम्मेलन में कहा था कि पुरुषों और पुरुषों के बीच सेक्स की बीमारी पश्चिम में पैदा हुई और दुर्भाग्य की बात है कि अब यह भारत में भी पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा, "हमारे देश में भी कई पुरुष ऐसे हैं."

तस्वीर: UNI

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनएड्स ने आजाद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पुरुष और पुरुष के बीच सेक्स कोई बीमारी नहीं, बल्कि निजी फैसला और इस आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है. हालांकि एजेंसी ने भारतीय स्वास्थ्य मंत्री का नाम नहीं लिया.

नई दिल्ली में यूएनएड्स कार्यकारी निदेशक माइकल सिडीबी ने एक बयान जारी कर कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीमारियों की जो व्याख्या की है, उसके तहत यूएनएड्स समलैंगिकता को बीमारी नहीं मानता. इस मुद्दे के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता है."

समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने भी स्वास्थ्य मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनका बयान अवैज्ञानिक और गलत है और समाज में विचारधारा बदलने की जरूरत है. समलैंगिक अधिकारों के लिए काम कर रही संस्था नाज फाउंडेशन की अंजलि गोपालन ने कहा, "मैं कहना चाहती हूं कि जब वह यह बयान दे रहे थे, तो शायद उनके दिमाग में अपना चुनाव क्षेत्र था."

आजाद के बयान के विरोध में बैंगलोर में कई लोग सड़कों पर विरोध करने निकल आए. उनके हाथों में सतरंगा झंडा था, जो समलैंगिक लोगों की पहचान है. समलैंगिक अधिकारों के लिए काम कर रहे अशोक राव रावी ने कहा, "यह बहुत बुरा है लेकिन हम क्या कर सकते हैं. लोगों की विचारधारा बदलने की जरूरत है."

उधर, कांग्रेस पार्टी ने आजाद के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा, "यह ऐसा मामला है, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री और सरकार को प्रतिक्रिया देनी है. यह सरकार से जुड़ा मुद्दा है और पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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