समुद्री कछुए को मिला थाईलैंड का पहला कृत्रिम हाथ
१३ जनवरी २०२०लुप्तप्राय मादा ओलिव रिडले समुद्री कछुए गूडी ने मछली पकड़ने के एक जाल में फंसने के बाद अपना बायां हाथ गंवा दिया था. एक हाथ के अभाव में वो गतिहीन हो गई थी और तनावग्रस्त रहती थी.
लेकिन पिछले ही हफ्ते गूडी की समस्याओं का अंत हो गया जब उसे थाईलैंड का पहला कृत्रिम हाथ लगाया गया. गूडी अब आसानी से फिर से तैर सकती है.
इस कृत्रिम अंग के बनाये जाने की प्रक्रिया में हिस्सा लेने वाली पशु चिकित्सक नंतरिका चांसू ने कहा, "वो पहले से कहीं ज्यादा बेहतर तरह से तैर पा रही है और अब वो अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल कर मुड़ना भी सीख रही है. आप फर्क देख सकते हैं".
पिछले एक साल से, थाईलैंड के पर्यावरण अधिकारी और बैंकॉक स्थित चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय में शोधकर्ता घायल समुद्री कछुओं के लिए कृत्रिम अंग बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके पहले जापान और अमेरिका में इस तरह के प्रयास पहले हो चुके हैं और इन लोगों ने वहीं से प्रेरणा ली है.
समुद्री कछुए अकसर मानव गतिविधियों की वजह से घायल हो जाते हैं. इनमें सबसे आम है प्लास्टिक खा लेना या मछली पकड़ने वाले जाल में फंस जाना, जिसकी वजह से उनके हाथों तक खून का प्रवाह रुक जाता है.
इसके पहले गूडी और घायल कछुओं के साथ एक सीमित क्षेत्र में रहते हुए अपने एकलौते हाथ (दाहिने) का इस्तेमाल कर काफी मुश्किल से तैर पाती थी. उसके अलावा 10 और थाई कछुए हैं जिन्हें चोट लगी है और जिनका इस प्रोजेक्ट से भला हो सकता.
नंतरिका ने कहा कि हालांकि इन कृत्रिम अंगों की मदद से कछुए इतने फिट नहीं हो पाएंगे कि वे समुद्र में वापस जा सकें, इनका उद्देश्य है कि कैद में इनके जीवन के स्तर में सुधार ला सकें.
उन्होंने यह भी कहा, "हम ऐसे कृत्रिम अंग बनाने की कोशिश कर रह हैं जैसे दुनिया में कभी कहीं नहीं बने होंगे".
सीके/ओएसजे (रायटर्स)
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