सरकारी राजस्व के लिए गवर्नर हाउस में होंगी शादियां
१३ मार्च २०२०
पाकिस्तान में लाहौर के मशहूर गर्वनर हाउस को किराये पर लगा दिया गया है. सरकार शादियों और अन्य समारोहों से पैसा कमाना चाहती है.
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पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सहारा देने और सरकार पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए इमरान खान की संघीय सरकार सरकारी खर्चो को कम करने के साथ ही तरह-तरह के उपाय कर रही है. इस बीच अब सरकारी राजस्व को बढ़ाने के लिए पंजाब के राज्यपाल चौधरी मुहम्मद सरवर ने घोषणा की है कि शादी समारोह व अन्य व्यावसायिक कार्यक्रमों के लिए गवर्नर हाउस के दरवाजे खोले जाएंगे.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग ऐतिहासिक स्थानों पर शादी, कॉर्पोरेट कार्यक्रम या अन्य समारोह को आयोजित करके अपने पलों को यादगार बनाने का सपना देख रहे हैं, उनके पास अब अपने सपनों को साकार करने का अवसर है.
दिवालिया होकर फिर खड़े हुए जो देश
ग्रीस की अर्थव्यवस्था पर छाए आर्थिक संकट को लेकर दिवालिएपन तक की आशंकाएं जताई जा रही थीं. दुनिया के कुछ देश तो 11 बार तक खुद को दिवालिया घोषित कर चुके हैं लेकिन ग्रीस पहला विकसित देश है जो दिवालिएपन के कगार पर पहुंचा है.
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वेनेजुएला: 11 बार
वेनेजुएला और इक्वाडोर ऐसे देश हैं जो सबसे अधिक बार दिवालिएपन को झेल चुके हैं. पहली बार 1826 के युद्ध के बाद वेनेजुएला दिवालिया घोषित हुआ था. तेल के समृद्ध भंडार वाला यह देश इसके बाद भी दस बार दिवालिया हुआ है. अंतिम बार 2004 में तेल की कीमतें गिरने और देश में राजनीतिक संकट के कारण वेनेजुएला ने दिवालियापन घोषित किया था.
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इक्वाडोर: 10 बार
वेनेजुएला के पड़ोसी देश इक्वाडोर की हालत भी काफी मिलती जुलती है. 1926 में अपनी पहली आजादी की लड़ाई के बाद इक्वाडोर दिवालिया हुआ. वह अपने तेल और कृषि उत्पादों के निर्यात पर ही प्रमुखता से निर्भर रहा है. इक्वाडोर में अंतिम बार 2008 में दिवालिएपन की स्थिति बनी थी, जब उसकी अर्थव्यवस्था पर वैश्विक आर्थिक मंदी का भारी असर पड़ा.
ब्राजील ने कुल नौ बार अपनी अर्थव्यवस्था को ढहते देखा है. 1930 में क्रांति और राजनीतिक उथल पुथल के कारण देश को दो बार दिवालिया होना पड़ा. 60 के दशक में भी अर्थव्यवस्था दो बार संकट में आई जब सैनिक तख्ता पलट के बाद तमाम राष्ट्रवादी आर्थिक नीतियां उलटी पड़ गईं. विश्व आर्थिक मंदी के चपेटे में आकर ब्राजील में अंतिम बार 1983 में दिवालिएपन की स्थिति पैदा हुई थी.
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चिली: 9 बार
ब्राजील की ही तरह चिली भी नौ बार इस संकट से गुजरा है. पिछली सदी में बार बार यहां ऐसे मौके आए जब बढ़ते औद्योगीकरण के कारण अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले कृषि क्षेत्र को भारी चोट पहुंची. 1960 के दशक से चिली छह बार दिवालिया हुआ. सैनिक शासन के नव उदारवादी आर्थिक सुधारों के कारण 1983 में आखिरी बार चिली ने दिवालियापन झेला.
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कोस्टा रिका: 9 बार
कैरिबियन सागर के तट पर स्थित छोटा से देश कोस्टा रिका भी नौ बार दिवालिया हुआ है. केवल 1980 के ही दशक में कोस्टा रिका को तीन बार दिवालिया घोषित करना पड़ा. अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मदद के बाद निरंतर सुधार लाते हुए कोस्टा रिका आज सबसे ऊंची प्रति व्यक्ति आय वाला अमेरिकी देश बन चुका है.
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स्पेन: 8 बार
19वीं सदी में स्पेन की अर्थव्यवस्था आठ बार डूबी है. औपनिवेशिक काल का अंत आते आते स्पेन को संसाधनों की कमी और ऊंचे सार्वजनिक व्यय की समस्या का सामना करना पड़ा. यूरोजोन संकट में भी स्पेन दिवालिएपन की कगार पर पहुंच चुका था. स्पेन की सरकार ने बजट कटौती का कार्यक्रम चलाया जिससे स्थिति संभल गई.
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जर्मनी
जर्मनी के अलावा कोई और देश युद्ध के कारण इतनी बार दिवालिया नहीं हुआ. आठ बार युद्ध के कारण आर्थिक संकट का सामना करने वाले जर्मनी में केवल 1932 में अपवादस्वरूप ऐसा हुआ कि पूरे यूरोप को चपेट में ले रही महामंदी के बाद जर्मनी ने खुद को दिवालिया घोषित किया.
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गवर्नर हाउस में बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सरवर ने घोषणा की कि इमारत का लॉन कॉर्पोरेट कार्यक्रमों के लिए 10 लाख रुपये प्रति समारोह के दाम पर उपलब्ध है. इसके अलावा दरबार हॉल में किसी भी प्रकार के समारोह की मेजबानी पांच लाख रुपये में की जा सकती है. शादी समारोह की फोटोग्राफी (वेडिंग शूट) को 50,000 और कमर्शियल फोटो शूट के लिए 10 लाख रुपये में बुक किया जा सकता है. इसके साथ ही गवर्नर हाउस में गाइड द्वारा निर्देशित पर्यटन भी शुरू किया गया है, जो शनिवार और रविवार को 10 व्यक्तियों के समूह के लिए उपलब्ध हो सकेगा.
इस दौरान सरवर ने कहा, "हमें विश्वास है कि इस व्यावसायिक योजना से गवर्नर हाउस को अपना बोझ कम करने में मदद करेगी. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार इस व्यवसाय योजना के लिए प्रतिबद्ध है. इनसे हुई सभी कमाई सीधे पाकिस्तान सरकार के खाते में जमा की जाएगी."