सरहद पारकर उत्तर कोरिया का 'बागी' दक्षिण कोरिया पहुंचा
४ नवम्बर २०२०
उत्तर कोरिया का एक व्यक्ति बेहद कड़ी सैन्य निगरानी वाली सीमा को पार कर दक्षिण कोरिया में पहुंचा है. उसे बागी माना जा रहा है. अधिकारियों ने उसे हिरासत में ले लिया है और पूछताछ चल रही है.
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उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच चार किलोमीटर चौड़ा और 250 मीटर लंबा विसैन्यीकृत जोन है, जिसके दोनों तरफ दोनों देशों की सेनाओं का कड़ा पहरा रहता है. इसे पार करना एक बड़ी चुनौती कहा जा सकता है. उत्तर कोरिया से भागने वाले कई लोग अपनी जान हथेली पर रखकर यह जोखिम उठाते हैं.
बुधवार को उत्तर कोरिया के एक व्यक्ति को विसैन्यीकृत जोन के पूर्वी छोर पर दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने हिरासत में लिया है. अनाम सूत्रों के हवाले से न्यूज1 एजेंसी ने खबर दी है कि अधिकारियों ने पहली बार इस व्यक्ति को मंगलवार को तारों वाली बाड़ पर चढ़ते देखा था.
इसके बाद दक्षिण कोरिया की योनहाप समाजार एजेंसी ने खबर दी कि यह व्यक्ति उत्तर कोरिया से भागकर दक्षिण कोरिया में आना चाहता है. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है. हालांकि इस बारे में जांच शुरू कर दी गई है कि इस व्यक्ति ने बेहद खतरनाक सीमा को पार करने की कोशिश क्यों की.
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उत्तर कोरिया की अजीब जिंदगी
आपका कैसा हेयर स्टाइल हो, आप क्या पहनें और आप अपना जन्मदिन कब मनाएं, ऐसे नियमों को आप अजीब कहेंगे या नहीं? दुनिया से अलग थलग देश उत्तर कोरिया के अजीब नियमों बारे में जानिए और बताइए.
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राष्ट्रीय विचारधारा
उत्तर कोरिया अब साम्यवादी राष्ट्र नहीं है. 2009 से इस देश ने नई विचारधारा को अपनाया हुआ है जिसे यहां "जूचे" कहते हैं. इस विचारधारा का प्रस्ताव सबसे पहले किम इल सुंग ने 1955 ने दिया था जिसके अनुसार, "इंसान हर चीज का मालिक है और सब कुछ तय करता है."
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तारीखें
उत्तर कोरिया जूचे कैलेंडर पर चलता है जिसे 1997 में लागू किया गया. यह किम इल सुंग की जन्मतिथि 15 अप्रैल 1912 पर आधारित है. 1912 को पहला जूचे वर्ष माना जाता है. कैलेंडर के महीने पारंपरिक ग्रेगोरियन कैलेंडर जैसे हैं.
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उत्तर कोरिया का स्वर्ग
उत्तर कोरिया एक रूढ़िवादी देश के रूप में मशहूर है. यहां के लोग तानाशाह शासक के अधीन गरीबी और बेबसी के शिकार हैं. हालांकि मैरिजुआना के लती लोगों के लिए यह देश स्वर्ग है. यह कानूनी है और इसे ड्रग्स की श्रेणी में भी नहीं रखा गया है.
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स्टेडियम
मई 1989 को बनकर तैयार हुआ उत्तर कोरिया का रुंगराडो मे डे स्टेडियम देश का गौरव है. यहां डेढ़ लाख लोग समा सकते हैं. स्टेडियम में फुटबॉल और एथलेटिक्स जैसे खेलों के अलावा सामूहिक जिम्नास्टिक्स और कई कलात्मक उत्सवों का आयोजन होता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है.
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बालों का स्टाइल
सत्ता में आने के एक साल बाद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बालों के स्टाइल के बारे में एक नया कानून लागू किया. पुरुषों के पास केवल 10 विकल्प हैं और महिलाओं के पास 18.
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जन्मदिन मना रहे हो?
उत्तर कोरिया में 8 जुलाई और 17 दिसंबर को पैदा होने वालों को इन तारीखों में अपना जन्मदिन मनाने की अनुमति नहीं है. कारण यह कि ये दो तारीखें उनके पूर्व शासकों किम इल सुंग और किम जोंग इल की पुण्यतिथियां हैं.
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जीन्स ना पहनें
उत्तर कोरिया अमेरिका को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. उत्तर कोरियाई शासन ने अपने नागरिकों के जीन्स पहनने पर पाबंदी लगा रखी है. इसे अमेरिकी पहनावे के प्रतीक के रूप में देखा जाता है.
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सबसे ताकतवर
उत्तर कोरिया में सबसे ताकतवर शख्स यानि किम जोंग उन. वह देश के सबसे युवा तानाशाह शासक हैं जिन्हें अत्यंत क्रूर माना जाता है. हालांकि वे अपने हेयरस्टाइल के लिए खासे मशहूर हैं. लेकिन उनके जैसा हेयरस्टाइल बनवाने की किसी और को अनुमति नहीं.
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खराब रिश्ते
बीते दो दशकों में 30 हजार से ज्यादा उत्तर कोरियाई लोग भाग कर दक्षिण कोरिया पहुंचे हैं. इनमें ज्यादातर लोग चीन के जरिए आते हैं. लेकिन कुछ अब भी दोनों देशों की सीमा को पार करने का जोखिम उठाते हैं.
जब शीत युद्ध चरम पर था तो उस समय दोनों ही कोरियाई देश जमीनी सरहद के जरिए एक दूसरे के यहां अपने जासूस भेजा करते थे. लेकिन हाल के सालों में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है.
पिछली बार जुलाई 2019 में उत्तर कोरिया का एक सैनिक विसैन्यीकृत जोन को पार कर दक्षिण कोरिया पहुंचा था. इस बीच, पिछले साल उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की परमाणु निस्त्रीकरण पर बातचीत में ठहराव आने के बाद दोनों देशों के संबंध फिर तनावपूर्ण हो रहे हैं.
सितंबर में उत्तर कोरिया के सैनिकों ने समुद्र में लापता हुए दक्षिण कोरिया के मछलीपालन विभाग के अधिकारी की गोली मारकर जान ले ली थी. इस घटना पर दक्षिण कोरिया की जनता में बहुत रोष और राजनीतिक स्तर पर विरोध देखा गया.
एके/एनआर (एपी, रॉयटर्स)
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कम्युनिस्ट नेता जिनके शव आज तक रखे हैं
इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि कम्युनिस्ट नेताओं में अपनी छवि को लेकर बहुत जुनून रहा है. इतना कि वे मरने के बाद भी उस छवि को बनाए रखना चाहते थे. उन्हें दफनाया नहीं गया. आज भी उनके शव रखे हुए हैं.
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चेयरमेन माओ
आधुनिक चीन के संस्थापक माओ त्सेतुंग 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली राजनेताओं में से एक थे. उन्हें चीन को विश्व शक्ति बनाने का श्रेय दिया जाता है. लेकिन उन्हें सात करोड़ लोगों की मौत का जिम्मेदार भी माना जाता है. 1976 में जब उनका देहांत हुआ तो दस लाख लोग उनके दर्शन करने आए. बाद में उनके शव को संरक्षित कर दिया गया जो आज भी बीजिंग में माओ त्सेतुंग के मकबरे में रखा है.
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किम इल सुंग
किम इल सुंग उत्तर कोरिया के पहले शासक थे, जिन्होंने कोरियाई युद्ध शुरू किया और एक कम्युनिस्ट देश की स्थापना की. सोवियत संघ के विघटन के बाद उत्तर कोरिया में भीषण सूखा पड़ा. किम इल सुंग का निधन 82 साल की उम्र में 1994 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ. 10 दिन के सार्वजनिक शोक के बाद उनके शव को संरक्षित कर दिया गया. उनका मृत शरीर कुमसुसान पैलेस ऑफ सन में बने उनके मकबरे में रखा गया है.
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किम जोंग इल
उत्तर कोरिया के नेता के तौर पर किम जोंग इल ने अपने पिता किम इल सुंग के बर्बर शासन को जारी रखा. साथ ही उन्होंने खुद को मसीहा के रूप में स्थापित करने में कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने लगातार मानवाधिकारों का हनन किया. 2011 में संदिग्ध तौर पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई. मौत के तुरंत बाद उन्हें "शाश्वत नेता" घोषित कर दिया गया. उनका संरक्षित शव कुमसुसान मेमोरियल पैलेस में रखा गया है.
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हो ची मिन्ह
क्रांतिकारी नेता हो ची मिन्ह ने फ्रांसीसी शासकों की सत्ता उखाड़ फेंकी. दक्षिणी वियतनाम के साथ युद्ध में उत्तरी वियतनाम का नेतृत्व करने वाले हो जीत देखने से पहले ही चल बसे. वह चाहते हैं कि मरने के बाद उनके शव को जलाया जाए और अस्थियां देश की तीन अहम चोटियों पर बिखेर दी जाएं. लेकिन उनके शव को संरक्षित कर हनोई में उनके मकबरे में रखा गया है. कुछ खबरों के मुताबिक उनकी नाक सड़ने लगी है और दाढी गिर गई है.
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लेनिन
व्लादिमीर लेनिन सोवियत संघ के संस्थापकों में से एक थे. उन्होंने अक्टूबर क्रांति में अहम भूमिका निभाई जिसके तहत जार को हटाकर बोलशेविक पार्टी ने सत्ता हासिल की. लाल आतंक के दौरान लेनिन की सत्ता ने हाथ हजारों लोगों की हत्या से रंगे. 1924 में लेनिन का निधन हो गया. बाद में उनके दिमाग को हटाकर उनका शरीर संरक्षित कर दिया गया. मॉस्को के रेड स्क्वायर पर लेनिन के मकबरे में आज भी उनके शव को देखा जा सकता है.
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कैसे करते हैं संरक्षित
किसी शव को संरक्षित करने के लिए उस पर खास तरह का लेप होता है, जिससे शव विघटित नहीं होता. राजनेताओं के अलावा शोध के लिए कई जीवों के शव भी संरक्षित किए जाते हैं. शव को संरक्षित करने के आधुनिक तरीके में कुछ खास रसायनों को इंजेक्शन से धमनियों में डाला जाता है ताकि विघटन की प्रक्रिया धीमी हो सके. शवों को इस तरह संरक्षित करने का तरीका 17वीं सदी में ब्रिटिश भौतिकशास्त्री विलियम हार्वे ने खोजा था.
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प्राचीन तरीका
शवों को संरक्षित करने का चलन प्राचीन काल से रहा है. मिस्र की ममियां इसकी मिसाल हैं. प्राचीन मिस्र में शवों पर विशेष प्रकार का लेप लगाकर उन्हें ऐसी जगहों पर रखा जाता था जहां उनका जल्दी विघटन ना हो. कई बार प्राकृतिक परिस्थितियां भी शवों को संरक्षित रखती हैं. मिस्र में करीब दस लाख जानवरों की ममी भी मिली हैं जिनमें ज्यादातर बिल्लियों की हैं. वैसे इंसानों और जानवरों की ममियां हर महाद्वीप पर मिली हैं.