1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

सलमान तासीर के हत्यारे को मौत की सजा

१ अक्टूबर २०११

पाकिस्तान की एक अदालत ने पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी को मौत की सजा सुनाई है. कादरी तासीर का बॉडीगार्ड था. उसने जनवरी में दिन दहाड़े तासीर की हत्या कर दी थी.

तस्वीर: AP

बचाव पक्ष के वकील शुजा उर रहमान ने बताया, "उसे मौत की सजा दी गई है." अदालत ने कादरी को दो अपराधों तासीर की हत्या और आतंकवाद में अलग अलग मौत की सजा सुनाई है. उसके पास ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए सात दिन का वक्त है.

सजा का विरोध

सुरक्षा कारणों से कादरी के मुकदमे की सुनवाई रावलपिंडी में जेल के भीतर ही हुई. उसकी सजा की खबर आते ही सैकड़ों लोग जेल के बाहर पहुंच गए. उन्होंने रास्ता जाम कर दिया और नारे लगाने लगे. मेगाफोन पर एक आदमी चिल्ला रहा था, "एक मुमताज कादरी को सजा देकर तुम हजारों मुमताज कादरी पैदा करोगे."

तस्वीर: AP

इस भीड़ में कट्टरपंथी धार्मिक संगठन सुन्नी तहरीक के सदस्य अपने हरे और पीले झंडे लहरा रहे थे. बहुत से लोग कुरान की आयतें पढ़ रहे थे. कादरी के एक समर्थक ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा, "यह हमें नामंजूर है. यह हमें नामंजूर है."

हालात को देखते हुए जेल के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए. कादरी को सजा सुनाने के बाद जज जेल के पिछले दरवाजे से बाहर निकले.

क्यों कत्ल हुए तासीर

सलमान तासीर के हत्यारे कादरी को पाकिस्तान में बहुत से लोग अपना हीरो मानते हैं. तासीर बेबाक और उदार नेता थे. वह देश के ईशनिंदा कानून के आलोचक थे जिसमें मौत की सजा का प्रावधान है. इस कानून का इस्तेमाल अक्सर निजी रंजिश निकालने के लिए गरीबों के खिलाफ होता है.

एक ईसाई महिला को इसी कानून के तहत मौत की सजा सुनाई गई थी. इस मामले पर काफी विवाद हुआ. तब तासीर महिला से मिलने जेल में गए. उन्होंने उस महिला को साथ बिठाकर प्रेस कान्फ्रेंस की और कहा कि ईशनिंदा कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है इसलिए इसमें सुधार किया जाना चाहिए.

तासीर के इस बयान की कट्टरपंथियों ने निंदा की थी. उसके बाद से ही वह कट्टरपंथी आतंकवादियों के निशाने पर थे. और इसी साल 4 जनवरी को उनके बॉडीगार्ड मुमताज कादरी ने देश की राजधानी इस्लामाबाद में एक रेस्तरां के बाहर सरेआम उनकी हत्या कर दी.

तस्वीर: AP

हैरतअंगेज कट्टरपंथ

सलमान तासीर की हत्या तो हैरतअंगेज थी ही, उसके बाद जो हुआ वह दहशत फैलाने वाला था. सैकड़ों लोगों ने मुमताज कादरी के कदम का स्वागत किया. जब उसे गिरफ्तार करके अदालत लाया गया तो वकीलों ने फूलों के साथ उसका स्वागत किया. हजारों लोगों ने उसके समर्थन में प्रदर्शन किए. किसी बड़े नेता ने कड़े शब्दों में खुलकर हत्या की निंदा नहीं की.

अपने मुकदमे की सुनवाई के दौरान कादरी ने कहा कि तासीर का कत्ल सही था क्योंकि वह ईशनिंदा कानून की आलोचना करते थे. पाकिस्तान में इस्लाम की कट्टरपंथी शक्ल का इस तरह समर्थन बहुत से लोगों के लिए परेशानी का सबब है.

कादरी के पास अपील का हक है. और हाल के बरसों में पाकिस्तान में मौत की सजा पर अमल बेहद कम हुआ है, जिसके आधार पर माना जा सकता है कि कादरी को अभी काफी समय जेल में बिताना होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें