उनकी उम्र बीस से तीस साल के बीच है, राजनीति से उनका कोई लेना देना नहीं, हुड़दंग मचाने और पुलिस से भिड़ जाने के लिए वे हमेशा ही तैयार रहते हैं. ये हैं जर्मनी के हुलिगन जो सलाफियों का मुकाबला करना चाहते हैं.
विज्ञापन
आम तौर पर इन्हें फुटबॉल स्टेडियम में देखा जाता है और पुलिस वाले इनकी बदमाशी से निपटने के लिए तैयार भी रहते हैं. लेकिन हाल ही में इन्हें कोलोन शहर की सड़कों पर प्रदर्शन करते देखा गया. इस बार वे सलाफियों के खिलाफ जुटे थे. जर्मनी में पिछले कुछ समय में सलाफियों की तादाद में तेजी आई है.
हाल ही में कट्टरपंथी विचारधारा वाले मुस्लिमों को जगह जगह कुरान की प्रतियां बांटते हुए भी देखा गया. इसके जरिए वे लोगों को जिहाद का हिस्सा बनने और इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. सरकार के लिए यह काफी बड़ा सरदर्द है. अब हुलिगन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका नारा साफ है, ईंट के बदले पत्थर और यही रवैया सरकार की परेशानी का सबब है.
रविवार को कोलोन शहर में हुए प्रदर्शन में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हुए. पुलिस वालों के साथ झड़प के अलावा जगह जगह तोड़फोड़ की भी खबरें आईं. सार्वजनिक परिवहन पर भी भारी असर पड़ा. बस और ट्राम के साथ साथ ट्रेनों को भी रोकना पड़ा.
यह हिंसा अपने आप में सरकार और पुलिस के लिए चिंता का बड़ा विषय है. लेकिन इससे भी ज्यादा चिंता इस बात की सता रही है कि हुलिगनों के साथ उग्रदक्षिणपंथी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. फुटबॉल के मैचों में हुड़दंग मचाने वाले के दंगाईयों में नस्लवादी विचारधारा बढञ रही है और उनमें कई बार उग्रदक्षिणपंथी भी होते हैं. पुलिस का कहना है कि उसके पास ऐसे लोगों के रिकॉर्ड हैं और वे लगातार उन पर नजर बनाए हुए हैं.
हालांकि पुलिस ने आश्वासन दिया है कि प्रदर्शन में उग्रदक्षिणपंथियों की संख्या ज्यादा नहीं थी, लेकिन नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य के गृह मंत्री राल्फ येगर इसमें खतरे भांप रहे हैं. ड्यूसेलडॉर्फ में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे खतरे की बात कर रहे हैं जो सिर्फ हमारे प्रांत तक सीमित नहीं है. इसलिए सभी प्रांतों को मिल कर हिंसा फैलाने वाले इन तत्वों से निपटना होगा." कोलोन में हुए प्रदर्शन अब बर्लिन के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं.
सलाफियों के खिलाफ आए हुलिगन
जर्मनी के कोलोन शहर में उग्र दक्षिणपंथियों और फुटबॉल के हुड़दंगियों ने हिंसा की. आमतौर पर सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिप्रिय तरीकों से होने वाली रैलियों की परंपरा को धता बताते हुए इस बार मारपीट और तोड़फोड़ हुई.
तस्वीर: DW/G. Borrud
जर्मनी के चौथे सबसे बड़े शहर कोलोन की सड़कों पर सलाफी संगठन के खिलाफ हुलिगनों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. जर्मनी में पिछले कुछ समय में सलाफियों संख्या में काफी बढ़ी है. कई इस्लामी कट्टरपंथी समूह लोगों को जिहाद में शामिल करने के मकसद से लोगों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
हुलिगनों का नारा है, ईंट के बदले पत्थर और इनका यही रवैया सरकार की परेशानी बन गया है. कोलोन में हुए प्रदर्शन में इन्होंने पुलिस वालों के साथ झड़प की. साथ ही कई जगहों से तोड़फोड़ की भी खबरें आईं. सार्वजनिक परिवहन पर भी इसका असर पड़ा.
तस्वीर: DW/ N. Steudel
प्रदर्शनकारियों के बेकाबू होने पर पुलिस को भीड़ पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा. इकट्ठा हुए करीब 2,500 प्रदर्शनकारियों ने पुलिसवालों को घेर लिया और उनपर बोतलें और पत्थर भी फेंके. इन हमलों में करीब दो दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जर्मनी में कट्टरपंथी इस्लामिक धाराओं में से सलाफी सबसे ज्यादा प्रचलित है. विश्व भर में इस समय इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए हर तरह का समर्थन जुटाने और नए लोगों को आईएस में शामिल करने के लिए जगह जगह कार्यक्रम होते रहे हैं.
तस्वीर: DW/G. Borrud
जर्मनी के सबसे बड़े प्रांत नॉर्थ राइन वेल्टफेलिया में सक्रिय अति दक्षिणपंथी गुट प्रो-एनआरडब्ल्यू ने कोलोन में प्रदर्शन के लिए अनुमति ले रखी थी. वे सीरिया और इराक में कट्टरपंथियों की बर्बर कार्रवाईयों के विरुद्ध लोगों की भावनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं.
तस्वीर: DW/G. Acer
इराक और सीरिया में सक्रिय इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना इन कट्टरपंथी समूहों का लक्ष्य है. यूरोप और खासकर जर्मनी में पिछले दिनों में कई ऐसे लोगों की पहचान हुई है जो आईसिस का समर्थन करते हैं. अब हुलिगनों ने इन लोगों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
तस्वीर: DW/G. Borrud
यह हिंसा तो चिंता का विषय है ही, इससे भी ज्यादा चिंता इस बात की है कि हुलिगनों के साथ उग्रदक्षिणपंथी भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए. फुटबॉल के मैचों में हुड़दंग मचाने वालों गुटों के दंगाईयों में नस्लवादी विचारधारा बढ़ रही है और उनमें कई बार उग्रदक्षिणपंथी भी होते हैं.