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सल्फी खतरे से जूझता जर्मनी

१२ जुलाई २०११

जर्मनी के गृह मंत्रालय ने देश में जारी कट्टरपंथी सल्फी मूवमेंट के बारे में चेतावनी जारी की है. उनका कहना है कि कट्टरपंथी मौलवियों का प्रभाव समाज में लगातार बढ़ रहा है.

Dozens of ultraconservative Muslims from the Salafi movement staged a protest in Cairo, Egypt, Tuesday, March 29, 2011, accusing the local Christian church of abducting a Muslim convert. The Tuesday protest over the case of a Coptic priest's wife whom some believe converted to Islam and is being held against her will _ came amid signs of increasing assertiveness by the fundamentalist movement. Arabic reads: "dont believe false media", "we reject the aggression". (AP Photo/Ahmed Ali)
तस्वीर: AP

मानवाधिकारों के जानकार इस्लामिक सल्फी मूवमेंट के जर्मनी में ताकतवर होने की प्रक्रिया देख रहे हैं. इस इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा का मकसद क्या है, यह कितना खतरनाक है और जर्मनी में किस तरह से सल्फी धड़े के सदस्य कितने एक्टिव हैं. आतंरिक सुरक्षा की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि जर्मनी में 29 इस्लामिक संगठन काम कर रहे हैं, जिनके करीब 37,000 सदस्य हैं. आंतरिक सुरक्षा अधिकारियों की नजरें सल्फी गुट पर हैं, एक गुट जिसके सदस्य दूसरों की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन सिर्फ यही नहीं है जिसके कारण इसे खतरनाक समझा जा रहा है. आतंरिक सुरक्षा के प्रमुख हाइन्ज फ्रोम कहते हैं, "हर सल्फी आतंकी नहीं है लेकिन जिन आतंकियों को हम जानते हैं, उनका सल्फियों से संपर्क रहा है या फिर वह खुद सल्फी रहे हैं."

सल्फी शब्द अरबी सल्फ से निकला है जिसका मतलब है पूर्वज. यह शब्द एक कट्टरपंथी आंदोलन के लिए इस्तेमाल होता है. साथ ही इसका उपयोग 14वीं शताब्दी में शुरू हुए एक सिद्धांत के लिए भी किया जाता है जो 300 साल बाद सऊदी अरब में दबदबे वाले वहाबी सिद्धांत का आधार बना. हालांकि वह बहुत पारंपरिक विचारधारा के हैं लेकिन फिर भी अपना संदेश फैलाने के लिए इंटरनेट और दूसरे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. जर्मनी के गृह मंत्री हंस पेटर फ्रीडरिष का मानना है, "वह तुलनात्मक रूप से सादी और पूरी विचारधारा परोसते हैं. इसके जरिए वह युवा लोगों को अपनी ओर खींचते हैं जो दिशा खोजने के एक फेज में खतरे में पड़ जाते हैं."

तस्वीर: picture alliance/landov

जर्मनी में मुसलमानों की केंद्रीय परिषद के महासचिव एयमन माजयेक इसे फैशन नहीं मानते, बल्कि एक ऐसी कट्टरपंथी विचारधारा मानते हैं जो दूसरे धर्मों में भी कई बार देखी गई है. यह प्रक्रिया मुस्लिम संगठनों में चिंता के साथ देखी जा रही है वे नहीं चाहते कि युवा कट्टरपंथ की ओर बढ़ें. यह समाज में है और मुस्लिम समुदाय में भी ऐसा ही है कि केंद्र को मजबूत करें ताकि सीमाएं कमजोर हों. और यह रोकथाम का भी एक दृष्टिकोण हो सकता है. लोकलुभावन नारों और तीखी टिप्पणियों से पूरे मुस्लिम समुदाय की साख नहीं गिरानी, बल्कि सभी मुस्लिमों को साथ लेकर कट्टरपंथियों का विरोध करना. यही एक सही रास्ता है तोड़ने की बजाए साथ लेना.

लेकिन सल्फी विचारधारा इस मेलजोल को तोड़ने वाली है. इब्राहीम अबु नेगी इनमें से एक हैं. वह एक सच्चा धर्म नाम से वेबपेज चलाते हैं और तो और इन्हें अपने कंप्यूटर पर सेव करने की सुविधा भी है ताकि आराम से ऑफलाइन हो कर सुरक्षा अधिकारियों की नजरों से बच कर इन्हें पढ़ा जा सके. इस कारण अबु नेगी को कई बार परेशानी हुई है, लेकिन वह युवाओं को कहते हैं, "संवाद, समेकन, सब तुम्हें बरबाद करने के लिए है ताकि तुम इस्लाम से बचे रहो."

खुद को कम कट्टरपंथी दिखाने वाला गुट है स्वर्ग के लिए निमंत्रण, इसे दो ऐसे लोग चलाते हैं जो धर्म बदल कर मुसलमान हो गए हैं. इनमें एक पूर्व बॉक्सर पिएरे फोगल है और उसका प्रवक्ता स्वेन लाऊ हैं. उनका मुख्य ऑफिस म्योन्शनग्लाडबाख में है और उन्होंने ओसामा बिन लादेन को श्रद्धांजली देने के लिए सभा बुला ली थी, जिसके बाद से वह लगातार चर्चा में हैं. उनकी गतिविधियां जारी हैं खास कर इस्लाम के सल्फी प्रभाव की ओर लौटने की. स्वेन लाऊ इसमें बड़ी सफलता देखते हैं. "अधिकतर जो लोग हमारे पास आते हैं वे युवा हैं, 20 से 30 साल के बीच. एक आध ऐसे भी हैं जो कमजोर पड़ जाते हैं. पहले तो वह मस्जिद में आना कम कर देते हैं और फिर सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं, डिस्को में जाने लगते हैं लेकिन कुल मिला कर जुड़े रहते हैं."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

क्या कारण है कि मुस्लिम और धर्म परिवर्तन करने वाले सल्फी समुदाय की ओर बढ़ रहे हैं. सीडीयू पार्टी के वोल्फगांग बोस्बाख जर्मन गृह मंत्रालय की समिति के मुखिया हैं. वह इसका जवाब ढूंढ रहे हैं. ऐसा हो सकता है कि लोग इसे आकर्षक समझते हों जो एक ऐसी विचारधारा के सामने आते हैं जो कोई समझौता नहीं करती हो.

यह उन लोगों के लिए भी आकर्षक साबित हो सकता है जो पहले से ही असहिष्णु और दूसरी विचारधारा को मानने वालों के प्रति हिंसक व्यव्हार रखते हैं और महिलाओं या समलैंगिकों के विरुद्ध हैं. सल्फी लोगों में अधिकतर ऐसे हैं जिन्होंने बाद में मुस्लिम धर्म अपनाया है. वह इस बात का दावा नहीं कर सकते कि उनका जर्मन समाज में स्वागत नहीं किया जाता.

एयमन माजयेक बोस्बाख से सहमत हैं कि कट्टरपंथ के कारण जर्मनी में मुस्लिमों को नुकसान हो रहा है. इसलिए वह साफ करते हैं कि वह इस छवि को बदलने के प्रयासों में और ज्यादा हिस्सा लेना चाहते हैं. लेकिन गृह मंत्रालय के लिए दरोगा की भूमिका निभाने के लिए तैयार नहीं है. "हमारा काम है कि हम अपने समुदाय के लिए धर्म के बारे में सलाह दें और सुरक्षा मामलों के जानकार के तौर पर खुद को पेश न करें. लेकिन यह अहम है कि जब कानूनी सीमाएं तोड़ी जाएं तो उस पर बात की ही जाए लेकिन यह काम मुख्य तौर पर पुलिस का है."

रिपोर्टः पेटर फिलिप/आभा एम

संपादनः ए जमाल

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